गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने लव जिहाद और अंतर-धार्मिक विवाह के संवेदनशील मुद्दों पर अपने हालिया बयानों से विवाद खड़ा कर दिया है. एपीसीसी अध्यक्ष भूपेन बोरा की आलोचना का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने गुरुवार को अपना रुख दोहराते हुए विशेष बयान दिया. लव जिहाद को परिभाषित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, 'लव जिहाद क्या है? यह तब होता है जब एक युवती को शादी के लिए मजबूर किया जाता है और जबरन उसका धर्म बदल दिया जाता है. कृष्ण ने रुक्मिणी का धर्म नहीं बदला.'
मुख्यमंत्री ने भूपेन बोरा द्वारा गोलाघाट ट्रिपल मर्डर पर की गई टिप्पणियों पर कहा कि अगर धार्मिक भावनाओं को आहत करने को लेकर कोई उनके (भूपेन बोरा) खिलाफ मामला दर्ज कराया जाता है तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा. अंतर-धार्मिक विवाह के मुद्दे पर डॉ. सरमा ने अपना विश्वास व्यक्त किया करते हुए कहा, 'हिंदू लड़कों को हिंदू लड़कियों से और मुस्लिम लड़कों को मुस्लिम लड़कियों से शादी करनी चाहिए. इससे समाज में शांति बनाए रखने में मदद मिलेगी. अगर दोनों धर्मों के बीच प्रेम विवाह होता है. इसे भारत के संविधान के अनुसार विशेष विवाह अधिनियम के तहत आयोजित किया जाना चाहिए.'
उन्होंने आगे जोर देकर कहा, 'ऐसी कई खूबसूरत और शिक्षित मुस्लिम लड़कियां हैं जिनकी शादी मुस्लिम लड़कों द्वारा की जानी चाहिए. इसी तरह, शिक्षित हिंदू लड़कियों की शादी हिंदू लड़कों से की जानी चाहिए.' डॉ. सरमा ने सीमाओं को पार करने के प्रति भी आगाह करते हुए कहा, 'रेखा (लक्ष्मण रेखा) को पार न करें.'
गोलाघाट ट्रिपल मर्डर पर चर्चा करते समय कृष्ण-रुक्मिणी का संदर्भ देने वाले भूपेन बोरा की आलोचना पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा, 'कृष्ण-रुक्मिणी को लव जिहाद की चर्चा में घसीटना बहुत गंभीर और सनातन विरोधी है. यह एक हिंदू विरोधी कृत्य है.' डॉ. सरमा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए चेतावनी दी, 'अगर कांग्रेस इसी तरह से हिंदू धर्म का विरोध करती रही तो उसका आखिरी पता मदरसा-मस्जिद में होगा.'
मुख्यमंत्री के बयानों ने लव जिहाद और अंतर-धार्मिक विवाह जैसे नाजुक मुद्दों पर तीखी बहस छेड़ दी है, जिससे धार्मिक तनाव और सामाजिक सद्भाव को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं. यह उल्लेख करना महत्वपूर्ण है कि कांग्रेस नेता भूपेन बोरा ने 'लव जिहाद' पर असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा के हालिया बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह अवधारणा नई नहीं है और यहां तक कि महाकाव्य महाभारत में भी इसका संदर्भ मिलता है. गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए, बोरा ने अपने तर्क का समर्थन करने के लिए प्राचीन महाकाव्य के उदाहरणों की ओर इशारा किया.
बोरा ने महाभारत से धृतराष्ट्र और गांधारी की कहानी का जिक्र करते हुए कहा कि स्रोत पर वापस जाएं तो इसे लव जिहाद का एक रूप भी माना जा सकता है. धृतराष्ट्र से विवाह के संदर्भ में गांधारी ने अपनी आंखों पर काले कपड़े से पट्टी बांध ली थी ताकि वह अपने पति का चेहरा न देख सकें. इसके अलावा, बोरा ने महाभारत में श्रीकृष्ण द्वारा रुक्मिणी के अपहरण के प्रकरण को लव जिहाद का एक और उदाहरण बताया.