नई दिल्ली : पंजाब में सेहत मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा के रवैये पर बवाल हो गया है. कल गंदे-फटे गद्दे पर लिटाने से आहत बाबा फरीद मेडिकल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. राज बहादुर ने आधी रात को इस्तीफा दे दिया. उन्होंने सीएम भगवंत मान को इस्तीफा भेज दिया. इसके बाद अमृतसर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. राजीव देवगन, मेडिकल सुपरिनटैंडैंट डॉ. केडी सिंह और वीसी के सेक्रेटरी ओपी चौधरी ने भी इस्तीफा दे दिया. हालांकि उन्होंने इसकी वजह निजी कारण बताए हैं, लेकिन इसके पीछे मंत्री का रवैया ही बताया जा रहा है.
पढ़ें: केंद्र सरकार पर पंजाब में किसानों की खुदकुशी के आंकड़ों में हेरफेर करने का आरोप
पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा शुक्रवार को बाबा फरीद मेडिकल यूनिवर्सिटी के गुरु गोबिंद सिंह मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया. इस दौरान स्किन वार्ड के फटे व गंदे गद्दे देख वह भड़क गए. उन्होंने पास खड़े यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ. राज बहादुर का हाथ पकड़कर बेड पर लिटा दिया और कहा कि आप भी इस गंदगी का अहसास करें. मंत्री ने कहा कि यह चमड़ी रोग वार्ड है और आप जानते हैं त्वचा रोगों में सफाई की कितनी जरूरत होती है. इस पर वीसी ने कहा कि फंड की कमी की वजह से बेड और बिस्तर का प्रबंध नहीं हो सका. स्वास्थ्य मंत्री ने फिर कहा कि आप यहां के अधिकारी हैं. आप व्यवस्था को सुधार सकते थे. जो भी आपके पास है, उसकी तो साफ-सफाई करवा सकते थे.
पढ़ें: दिल्ली दौरे पर पंजाब शिक्षा विभाग का प्रतिनिधिमंडल, लिया स्कूलों का जायजा
आईएमए ने मीटिंग बुलाई: वाइस चांसलर के अपमान के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने मीटिंग बुला ली है. पंजाब में पैदा हुए हालात के बाद स्टेट यूनिट ही नहीं, बल्कि नेशनल स्तर पर भी आईएमए की मीटिंग बुलाकर इस पर चर्चा की जाएगी. डॉ. राज बहादुर (71) देश के जाने-माने स्पाइनल सर्जन और क्षेत्रीय स्पाइनल इंजरी सेंटर, मोहाली के परियोजना निदेशक और सदस्य सचिव हैं. वह देश में सर्वोच्च चिकित्सा नियामक संस्था, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के सदस्य भी हैं. वह पीजीआई आर्थोपीडिक्स डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष और चंडीगढ़ मेडिकल कॉलेज के निदेशक रह चुके हैं.
विवाद में फंसने वाले दूसरे स्वास्थ्य मंत्री : आम आदमी पार्टी सरकार के विवाद में फंसने वाले चेतन सिंह जौड़ामाजरा दूसरे मंत्री हैं. पहले सेहत मंत्री डॉ. विजय सिंगला करप्शन केस में फंसे थे. उन्हें सीएम भगवंत मान ने बर्खास्त किया था. इस वक्त वह जमानत पर हैं. अब जौड़ामाजरा भी विवाद में फंस गए हैं. मेडिकल बिरदारी उनका विरोध कर रही है. उनका कहना है कि मंत्री व्यवस्था सुधारने की बात करें, लेकिन इस तरह अफसरों का अपमान न करें.