लखनऊ : राजधानी में पिछले दिनों एटीएस की कार्रवाई में आतंकवाद के आरोप में पकड़े गए आरोपियों के परिवार ने लखनऊ के यूपी प्रेस क्लब में रिहाई मंच संस्था के साथ संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस की. इस मौके पर पांचों आरोपियों के परिजनों ने गिरफ्तार किए गए आरोपियों को बेकसूर बताया. इंसाफ की गुहार लगाई.
इस दौरान पिछले हफ्ते एटीएस की कार्रवाई में लखनऊ से गिरफ्तार किए गए संदिग्धों के परिजनों ने उन को बेकसूर बताया. कहा कि उनका आतंकवाद से कोई ताल्लुक नहीं है. उनको साजिशन फंसाया जा रहा है. आतंकवाद के आरोप में गिरफ्तार मोहम्मद मोईद की पत्नी ने अपने पति को बेकसूर बताया. कहा कि हमारी शादी को 8 साल हो गए और पति जमीन की खरीद बिक्री का काम करते थे. जो थोड़ा बहुत कमीशन मिलता था, उससे घर का खर्चा चलता था. अब यह बिल्कुल बंद हो गया है.
मोहम्मद मोईद की पत्नी ने एटीएस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि कि हमारे पति को 13 जुलाई को गिरफ्तार किया गया लेकिन एफआईआर की कॉपी में 14 जुलाई की गिरफ्तारी दिखाई जा रही है. इससे यह साबित होता है कि सुरक्षा एजेंसियां झूठ बोल रहीं हैं. आतंकवाद के आरोप में गिरफ्तार बैटरी रिक्शा चालक शकील की पत्नी ने सरकार और न्यायालय से इंसाफ की गुहार लगायी. कहा कि वह 7 महीने की गर्भवती हैं. शकील की गिरफ्तारी के बाद से घर की माली हालात खराब चल रही है.
कहा कि उसके पति शकील को फर्जी आतंकवाद के मुकदमे में फंसाया जा रहा है. बताया कि शकील की मां बेटे के सदमे में बीमार रहने लगी हैं. न्यायालय से यह उम्मीद है कि वहां से जल्द इंसाफ मिले. रिहाई मंच के अध्यक्ष और आरोपियों का केस देख रहें सीनियर एडवोकेट मोहम्मद शोएब ने एटीएस की कार्रवाई पर सवालिया निशान खड़े किए. कहा कि 2022 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव है.
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भारतीय जनता पार्टी को अपनी सियासी जमीन खिसकती नज़र आ रही थी जिसके लिए अब आतंकवाद के नाम पर राजनीतिक ध्रुवीकरण का पुराना खेल शुरू कर दिया गया है. मोहम्मद शोएब ने कहा कि उनकी संस्था रिहाई मंच ने पहले भी आतंकवाद के इल्जाम में गिरफ्तार किए गए 14 बेगुनाहों को इंसाफ दिलाया है. शुरुआती जांच के आधार पर यह मालूम होता है कि एटीएस की कार्रवाई में पकड़े गए आरोपी बेकसूर हैं.
इस मामले में इन लोगों के परिवारों को हर तरह की कानूनी सहायता उनकी संस्था रिहाई मंच उपलब्ध कराएगी. गौरतलब है कि आतंकवाद के आरोप में पकड़े गए पांच आरोपियों में मिनहाज की खादर इलाके में बैटरी की दुकान थी. मसिरुद्दीन और शकील बैटरी रिक्शा चलाते थे.
मोहम्मद मोईद जमीन का काम करता था जबकि मोहम्मद मुस्तकीम ठेके पर छोटे मकान बनवाता था. उनके परिवार उन्हें बेकसूर बता रहे हैं. हालांकि सुरक्षा एजेंसियों और एटीएस का दावा है कि आतंकवाद के इल्जाम में पकड़े गए लोगों के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं जिनके आधार पर इन सब को गिरफ्तार किया गया है.