लखनऊ : अखबार में खानपान कर रहे हैं तो सावधान हो जाएं. यह सेहत के लिए नुकसानदेय है और गंभीर बीमारियां दे सकता है, क्योंकि पेपर में जो स्याही इस्तेमाल होती है. उसमें थैलेट श्रेणी के रसायन, मिनरल आयल होते हैं जो सेहत के लिए काफी नुकसानदायक हैं. यह खाद्य सामग्री के साथ पेट में जाकर धीरे-धीरे गंभीर बीमारियों को जन्म देते हैं, वहीं दूषित कागज के इस्तेमाल से भी संक्रमण फैलता है. दुकानों पर भी खानपान में इसका ज्यादा इस्तेमाल होता है.
डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. आनंद कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि 'अखबार में जिस इंक से छपाई होती है, उसमें कई तरह के केमिकल होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत ही नुकसानदायक है. उन्होंने बताया कि खाने को अखबार में रैप करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. भले ही आप खाना बहुत ही शुद्धता के साथ पकाएं, लेकिन अगर आपने उसे अखबार में रैप करके रखा है तो खाना बेकार हो जाता है, वो रासायनिक तत्वों में मिलकर अपनी पौष्टिकता खो देता है. उन्होंने बताया कि दरअसल, प्रिंटिंग कलर्स में बहुत सारे केमिकल होते हैं. पिगमेंट, बाइंडर जो खाने के तेल को सोख लेते हैं और फिर वही खाना हम खाते हैं और वो हानिकारक केमिकल पेट के अंदर जाता है. आपने देखा होगा कि तली हुई चीजों को अखबार या पत्रिका के पेज पर रखने से स्याही भी आपके भोजन पर आ जाती है, जबकि सूखी हुई चीजों पर यह नहीं लगती है.'
डॉक्टर के मुताबिक, 'वैसे तो खाने की कोई भी चीज अखबार पर नहीं रखनी चाहिए, लेकिन तली हुई चीजें ज्यादा नुकसानदायक हैं. यह स्याही और सॉल्वेंट्स जैसे-ग्रेफाइट बड़ी आसानी से भोजन में पहुंच सकते हैं और आपके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं. इनकी वजह से कैंसर जैसी कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. ज्यादातर वेंडर्स ऐसा ही करते हैं. सड़क किनारे या छोटी खाने-पीने की दुकानें में पैक किए जाते हैं.'
उन्होंने कहा कि 'अखबार में खाना रखने, खासतौर पर कोई गर्म चीज रखने से अखबार की प्रिंटिंग में इस्तेमाल हुआ इंक खाने पर लग जाता है. ये स्याही शरीर के लिए बहुत नुकसानदायक होता है, क्योंकि इसमें डाई आइसोब्यूटाइल फटालेट और डाई एन आईसोब्यूटाइलेट जैस खतरनाक केमिकल्स होते हैं. ये रसायन जब गर्म खाने के संपर्क में आते हैं तो ये बायोएक्टिव तत्व को सक्रिय कर देते हैं, जिससे ये खाने में मिलने लगता है और ये खाना खाने से विषैले तत्व पेट तक पहुंच जाते हैं. अखबार की स्याही किसी कार्ड बॉक्स में इस्तेमाल होने वाले केमिकल से कम नहीं होती है, ये भी शरीर के लिए बहुत ही नुकसानदायक है.'