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शास्त्री जी को तौलने के लिए भेंट में मिला सोना, अब कस्टम विभाग के हवाले - लाल बहादुर शास्त्री चित्तौड़गढ़

राजस्थान के सादड़ी निवासी गणपत लाल आंजना ने शास्त्री जी के स्वागत में उन्हें तोलने के लिए उनके वजन का बराबर सोना तत्कालीन कलेक्टर को भेंट किया था. यह सोना था 56 किलो 857 ग्राम था. हालांकि मेवाड़ आने से पहले ही शास्त्री जी का निधन हो गया और वह सोना प्रशासन के पास ही रह गया. अब इस सोने कस्टम विभाग के हवाले किया गया.

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Published : Sep 13, 2021, 9:11 PM IST

उदयपुर : देश के भूतपूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को तोलने के लिए मंगवाया गया 56 किलो सोना अब जिला प्रशासन कस्टम विभाग टीम को सुपुर्द करने में जुटा हुआ है. लंबे समय से रखा यह सोना अब कस्टम विभाग के सुपुर्द करने की कार्रवाई की गई.

मौजूदा दर के मुताबिक बाजार में इसकी कीमत करीब 27 करोड़ रुपए है. उदयपुर जिला कलेक्ट्रेट में चाक-चौबंद पुलिस व्यवस्था के बीच इस सोने को कस्टम विभाग के अधिकारियों को सौंपा गया. गत साल कोर्ट ने फैसला देते हुए इस सोने को उदयपुर ट्रेजडी में रखवाया था.

पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री के स्वागत में उन्हें तोलने के लिए भेंट किया गया 56 किलो 857 ग्राम सोना सेंट्रल जीएसटी डिपार्टमेंट के सुपुर्द किया गया है. बता दें कि वर्ष 1965 में पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के चित्तौड़गढ़ आने का कार्यक्रम था. उस दौरान बड़ी सादड़ी निवासी गणपत लाल आंजना ने शास्त्री जी के स्वागत में उन्हें तोलने के लिए उनके वजन के बराबर सोना तत्कालीन कलेक्टर को भेंट किया था.

यह भी पढ़ें-राम जन्मभूमि परिसर में बनेंगे 6 और मंदिर, जानें कौन-कौन से देवता विराजेंगे

हालांकि मेवाड़ आने से पहले ही शास्त्रीजी का निधन हो गया. वे मेवाड़ नहीं आ सके. इसलिए यह सोना प्रशासन के पास ही रखा रह गया. इस बीच आंजना परिवार ने इस सोने को वापस लेने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी. अब इस सोने को कस्टम विभाग को सौंप दिया गया.

उदयपुर : देश के भूतपूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को तोलने के लिए मंगवाया गया 56 किलो सोना अब जिला प्रशासन कस्टम विभाग टीम को सुपुर्द करने में जुटा हुआ है. लंबे समय से रखा यह सोना अब कस्टम विभाग के सुपुर्द करने की कार्रवाई की गई.

मौजूदा दर के मुताबिक बाजार में इसकी कीमत करीब 27 करोड़ रुपए है. उदयपुर जिला कलेक्ट्रेट में चाक-चौबंद पुलिस व्यवस्था के बीच इस सोने को कस्टम विभाग के अधिकारियों को सौंपा गया. गत साल कोर्ट ने फैसला देते हुए इस सोने को उदयपुर ट्रेजडी में रखवाया था.

पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री के स्वागत में उन्हें तोलने के लिए भेंट किया गया 56 किलो 857 ग्राम सोना सेंट्रल जीएसटी डिपार्टमेंट के सुपुर्द किया गया है. बता दें कि वर्ष 1965 में पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के चित्तौड़गढ़ आने का कार्यक्रम था. उस दौरान बड़ी सादड़ी निवासी गणपत लाल आंजना ने शास्त्री जी के स्वागत में उन्हें तोलने के लिए उनके वजन के बराबर सोना तत्कालीन कलेक्टर को भेंट किया था.

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हालांकि मेवाड़ आने से पहले ही शास्त्रीजी का निधन हो गया. वे मेवाड़ नहीं आ सके. इसलिए यह सोना प्रशासन के पास ही रखा रह गया. इस बीच आंजना परिवार ने इस सोने को वापस लेने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी. अब इस सोने को कस्टम विभाग को सौंप दिया गया.

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