नई दिल्ली : जनरल बिपिन रावत का पार्थिव शरीर आज उनके आवास कैंट बरार स्क्वायर में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा और यहीं उनका अंतिम संस्कार होगा. सैन्य सम्मान के साथ उनकी अंतिम यात्रा निकाली जाएगी. सुबह 11 बजे दोपहर 12:30 बजे आम लोग उनको श्रद्धांजलि दे सकेंगे, जबकि 12:30 बजे से सेना के अधिकारी श्रद्धांजलि देंगे.
इससे पहले जनरल रावत और अन्य के पार्थिव शरीरों को सड़क मार्ग से कोयंबटूर ले जाया गया. वहां से उन्हें सी-130जे विमान से नई दिल्ली ले जाया गया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद को बताया कि भारत के पहले सीडीएस जनरल रावत का पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा. उन्होंने बताया कि अन्य दिवंगत सैन्य कर्मियों का भी उचित सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा.
बृहस्पतिवार को स्टालिन, सुंदरराजन, तमिलनाडु के मंत्रियों, वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों और अन्य ने यहां पास में वेलिंगटन में मद्रास रेजिमेंटल सेंटर में हादसे में मारे गए लोगों के पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि और पुष्पचक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया. तिरंगे में लिपटे ताबूतों को सेना के ट्रकों से कार्यक्रम स्थल पर लाया गया.
काला मफलर ओढ़े स्टालिन ने जनरल रावत और अन्य को पुष्पांजलि अर्पित की और बाद में वहां मौजूद सेना के वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत की. स्टालिन के मंत्रिमंडल सहयोगी के. एन. नेहरू, एम पी सामीनाथन और के. रामचंद्रन, राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों तथा पुलिस अधिकारियों एवं सेना के जवानों सहित अन्य ने दिवंगत लोगों को श्रद्धांजलि दी.
तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि ने तिरुचिरापल्ली में भारतीदासन विश्वविद्यालय में एक समारोह में जनरल रावत को पुष्पांजलि अर्पित की और श्रद्धांजलि दी.
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भारत के पहले सीडीएस जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 11 अन्य की बुधवार को यहां पास में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी. बाद में शवों को एंबुलेंस के माध्यम से पास के कोयंबटूर स्थित सुलूर एयरबेस लाया गया, जहां से उन्हें राष्ट्रीय राजधानी ले जाया गया. मद्रास रेजिमेंटल सेंटर, वेलिंगटन से कोयंबटूर तक लगभग 90 किलोमीटर के मार्ग में मृतकों के अंतिम दर्शन के लिए सड़क के दोनों ओर लोगों की कतार लगी रही. लोगों ने एम्बुलेंस पर फूल बरसाए.