रुद्रप्रयाग: बारह (12) ज्योतिर्लिंगों में एक भगवान केदारनाथ के कपाट खुलने की तिथि घोषित हो गई है. आज महाशिवरात्रि पर्व पर केदारनाथ के कपाट खुलने की तिथि घोषित की गई. ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में पंचांग गणना अनुसार 6 मई को केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि घोषित की गई.
द्वादश ज्योतिर्लिंगों में अग्रणी व पर्वतराज हिमालय की गोद में बसे भगवान केदारनाथ के कपाट खोलने और पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली उखीमठ से कैलाश रवाना होने की तिथि आज महाशिवरात्रि पर्व पर घोषित हुई. मंगलवार सुबह 10 बजे भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में रावल भीमाशंकर लिंग, मन्दिर समिति के पदाधिकारियों, विद्वान आचार्यों व हक-हकूकधारियों की मौजूदगी में पंचाग गणना के अनुसार घोषित की गई.
ये भी पढ़ें: Maha Shivratri: यहां भगवान शिव ने दिए थे द्रोणाचार्य को दर्शन, जानिए टपकेश्वर महादेव मंदिर का रहस्य
प्रधान पुजारी बागेश लिंग ने बताया कि महाशिवरात्रि पर्व पर आज भगवान केदारनाथ के कपाट खोलने तथा पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के उखीमठ से कैलाश रवाना होने की तिथि पंचाग गणना के अनुसार घोषित की गई है. मंदिर को लगभग आठ कुन्तल फूलों से भव्य रूप से सजाया गया. आज महाशिवरात्रि पर्व पर केदारनाथ, मदमहेश्वर, विश्वनाथ मन्दिर गुप्तकाशी तथा ओंकारेश्वर मन्दिरों में प्रधान पुजारियों की तैनाती भी की गई है. इन मंदिरों में जिन पुजारियों की तैनाती की गई है उनके नाम इस तरह हैं- श्री एम टी गंगाधर लिंग- श्री केदारनाथ धाम, शिवशंकर लिंग- मद्महेश्वर मंदिर, शिव लिंग ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ, शशिधर लिंग- श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी और श्री बागेश लिंग अतिरिक्त पुजारी होंगे.
केदारनाथ मंदिर के बारे में जानिए: केदारनाथ मंदिर भारत के उत्तराखण्ड राज्य के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित हिन्दुओं का प्रसिद्ध मंदिर है. उत्तराखण्ड में हिमालय पर्वत की गोद में केदारनाथ मंदिर बारह ज्योतिर्लिंग में सम्मिलित होने के साथ चार धाम और पंच केदार में से भी एक है. यहां की प्रतिकूल जलवायु के कारण यह मंदिर अप्रैल से नवंबर माह के मध्य ही दर्शन के लिए खुलता है. पत्थरों से कत्यूरी शैली से बने इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण पांडवों के पौत्र महाराजा जन्मेजय ने कराया था. यहां स्थित स्वयम्भू शिवलिंग अति प्राचीन है. आदि शंकराचार्य ने इस मन्दिर का जीर्णोद्धार करवाया था.