मुंबई : आईआईटी मुंबई के एक प्रोफेसर ने कोरोना वायरस का जल्द पता लगाने के लिए एक अत्याधुनिक टेस्टिंग किट 'टेपेस्ट्री' विकसित किया है. इससे कोविड टेस्टिंग का खर्च 50 से 85 फीसदी तक कम हो जाएगा. इससे नागरिकों को बड़ी राहत मिलेगी. कोरोना टेस्टिंग किट 'टेपेस्ट्री' (Tapestry) को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसिन ने भी मंजूरी दे दी है.
टेस्टिंग किट 'टेपेस्ट्री' को मुंबई में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के एक प्रोफेसर ने सबसे सस्ते और तेज तरीके से कोरोना वायरस का पता लगाने के लिए विकसित किया है. परीक्षण किट को विकसित करने वाले आईआईटी के प्रोफेसर का नाम मनोज गोपालकृष्णन है. वह IIT मुंबई में इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग विभाग में कार्यरत हैं.
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उन्होंने कहा कि कई नागरिक कोरोना टेस्ट नहीं करते हैं क्योंकि कोरोना टेस्ट का खर्च ज्यादा होता है. इसलिए कोरोना टेस्ट का खर्च कम करने के लिए 10 दोस्तों की मदद से दो महीने में टेस्टिंग किट-टेपेस्ट्री बनाई गई.
उन्होंने आगे कहा कि टेपेस्ट्री एक सिंगल राउंड क्वांटिटेटिव पुलिंग एल्गोरिथम है, जिसका इस्तेमाल RTPCR टेस्टिंग के लिए किया जा रहा है. हालांकि टेपेस्ट्री की मात्रा कम करने से कोरोना टेस्ट का खर्च 50-85 फीसदी तक कम हो जाएगा. साथ ही समय की भी काफी बचत होगी.
इस हफ्ते, टेस्टिंग किट- टेपेस्ट्री को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) द्वारा एक गैर-विनियमित चिकित्सा उपकरण के रूप में मंजूरी दी गई है.