नई दिल्ली : पाकिस्तान से ट्रेनिंग लेकर भारत आया संदिग्ध आतंकी अशरफ विभिन्न इलाकों की जासूसी भी कर रहा था. वह भारत से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां पाकिस्तान में बैठे ISI एजेंट को पहुंचा रहा था. इसके बदले में उसे काफी रकम वेस्टर्न यूनियन ट्रांसफर के जरिए भेजी जा रही थी. पुलिस अब उन लोगों के बारे में भी सुराग तलाश रही है, जो अशरफ को महत्वपूर्ण जानकारियां मुहैया करा रहे थे.
DCP प्रमोद कुशवाहा के अनुसार, गिरफ्तार किया गया मोहम्मद अशरफ न केवल भारत में आतंकी गतिविधियों के लिए काम कर रहा था बल्कि वह पाकिस्तान की ISI एजेंसी के लिए जासूसी भी करता था. इसके लिए उसने शास्त्री पार्क निवासी अली अहमद नूरी के नाम से फर्जी आईडी बनाई थी. वर्ष 2004 में उसे पाकिस्तानी ISI हैंडलर नासिर ने सियालकोट में ट्रेनिंग दिलवाई थी. नासिर ने उसे स्लीपर सेल में शामिल होने के निर्देश दिए थे. 2004 में उसकी ट्रेनिंग पूरी करने के बाद मोहम्मद अशरफ को सिलीगुड़ी बॉर्डर के रास्ते भारत में भेजा गया था.
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भारत आने के बाद वह सबसे पहले अजमेर गया और वहां पर लोकल मस्जिद के मौलवी से दोस्ती बना ली. 2006 में वह उस मौलवी के साथ दिल्ली आया था. पुरानी दिल्ली इलाके में मौलवी का एक रिश्तेदार रहता था, जिसके घर पर वह आए थे. यहां पर वह काम करने लगा और उसे लगातार नासिर के जरिए वेस्टर्न यूनियन मनी ट्रांसफर के माध्यम से पैसे मिलते थे. यहां रहने के दौरान वह नासिर से लगातार संपर्क में रहता था और भारत से संबंधित कई महत्वपूर्ण जानकारियां उसे भेजता रहता था. कुछ ही समय पहले उसे पाकिस्तान से यह निर्देश दिए गए थे कि वह हमले की तैयारी करें. पुलिस को शक है कि जम्मू कश्मीर इलाके में हुए कई आतंकी हमलों में वह शामिल हो सकता है.
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