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अफगानिस्तान में अस्थिरता के लिए आतंकी गतिविधियां मुख्य वजह :एससीओ - शंघाई सहयोग संगठन

अफगाअफगानिस्तान में तालिबान के नियंत्रण वाले क्षेत्रों में तेजी से विस्तार होने के बीच शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) ने कहा है कि आतंकी संगठनों की गतिविधियां देश में अस्थिरता की एक मुख्य वजह है.

अफगानिस्तान
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Published : Jul 15, 2021, 5:37 PM IST

नई दिल्ली : अफगानिस्तान में तालिबान के नियंत्रण वाले क्षेत्रों में तेजी से विस्तार होने के बीच शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation) (एससीओ) ने कहा है कि आतंकी संगठनों की गतिविधियां देश में अस्थिरता की एक मुख्य वजह है. इसके साथ ही संगठन ने सभी संबद्ध पक्षों से अप्रत्याशित परिणाम देने वाले कार्यों से दूर रहने की अपील की.

एससीओ ने अफगानिस्तान में स्थिरता और विकास के लिए संयुक्त राष्ट्र की केंद्रीय समन्वय भूमिका के तहत वैश्विक संगठनों और सभी हितधारक देशों से सहयोग बढ़ाने की भी अपील की.

ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में बुधवार को एक बैठक में भारत, चीन, पाकिस्तान, रूस और आठ सदस्यीय समूह (एससीओ) के अन्य देशों के विदेश मंत्रियों ने अमेरिकी सैनिकों की अगस्त अंत तक पूर्ण वापसी की संभावना के बीच अफगानिस्तान में बिगड़ती स्थिति पर विस्तृत चर्चा की.

एससीओ ने अपने इस रुख को भी दोहराया कि अफगानिस्तान में टकराव को सुलझाने के लिए राजनीतिक वार्ता के अलावा कोई और विकल्प नहीं है. साथ ही, उसने अफगान नीत शांति प्रक्रिया का समर्थन किया जो भारत के रुख के समान है.

बैठक के बाद एक संयुक्त बयान में एससीओ ने अफगानिस्तान में जारी हिंसा और आतंकी हमलों की निंदा की तथा देश के उत्तरी प्रांतों में विभिन्न अलगाववादी और चरमपंथी समूहों का प्रभाव बढ़ने को लेकर विशष तौर पर चिंता प्रकट की.

एससीओ ने कहा, 'हम अफगानिस्तान में जारी हिंसा और उन आतंकी हमलों की निंदा करते हैं जिनमें देश के प्राधिकारों के प्रतिनिधि तथा आम नागरिक मारे गये तथा उन्हें शीघ्र रोकने की अपील करते हैं. हम इस बात का जिक्र करते हैं कि अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों की गतिविधि देश में अस्थिरता की एक मुख्य वजह बनी हुई है. '

विदेश मंत्रियों की यह बैठक एससीओ-अफगानिस्तान संपर्क समूह के ढांचे के तहत हुई.

यह भी पढ़ें- 'अफगानिस्तान में अलग एजेंडे के साथ काम कर रहीं ताकतें'

बयान के मुताबिक एससीओ सदस्य देशों ने क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियों और खतरों से निपटने के लिए अफगानिस्तान के साथ सहयोग बढ़ाने की अपनी तैयारी की पुष्टि की.

गौरतलब है कि अफगानिस्तान में पिछले कुछ हफ्तों में सिलसिलेवार आतंकी हमले हुए हैं. अमेरिका अगस्त के अंत तक वहां से अपने सैनिकों को पूरी तरह से वापस बुलाना चाहता है.

(पीटीआई भाषा)

नई दिल्ली : अफगानिस्तान में तालिबान के नियंत्रण वाले क्षेत्रों में तेजी से विस्तार होने के बीच शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation) (एससीओ) ने कहा है कि आतंकी संगठनों की गतिविधियां देश में अस्थिरता की एक मुख्य वजह है. इसके साथ ही संगठन ने सभी संबद्ध पक्षों से अप्रत्याशित परिणाम देने वाले कार्यों से दूर रहने की अपील की.

एससीओ ने अफगानिस्तान में स्थिरता और विकास के लिए संयुक्त राष्ट्र की केंद्रीय समन्वय भूमिका के तहत वैश्विक संगठनों और सभी हितधारक देशों से सहयोग बढ़ाने की भी अपील की.

ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में बुधवार को एक बैठक में भारत, चीन, पाकिस्तान, रूस और आठ सदस्यीय समूह (एससीओ) के अन्य देशों के विदेश मंत्रियों ने अमेरिकी सैनिकों की अगस्त अंत तक पूर्ण वापसी की संभावना के बीच अफगानिस्तान में बिगड़ती स्थिति पर विस्तृत चर्चा की.

एससीओ ने अपने इस रुख को भी दोहराया कि अफगानिस्तान में टकराव को सुलझाने के लिए राजनीतिक वार्ता के अलावा कोई और विकल्प नहीं है. साथ ही, उसने अफगान नीत शांति प्रक्रिया का समर्थन किया जो भारत के रुख के समान है.

बैठक के बाद एक संयुक्त बयान में एससीओ ने अफगानिस्तान में जारी हिंसा और आतंकी हमलों की निंदा की तथा देश के उत्तरी प्रांतों में विभिन्न अलगाववादी और चरमपंथी समूहों का प्रभाव बढ़ने को लेकर विशष तौर पर चिंता प्रकट की.

एससीओ ने कहा, 'हम अफगानिस्तान में जारी हिंसा और उन आतंकी हमलों की निंदा करते हैं जिनमें देश के प्राधिकारों के प्रतिनिधि तथा आम नागरिक मारे गये तथा उन्हें शीघ्र रोकने की अपील करते हैं. हम इस बात का जिक्र करते हैं कि अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों की गतिविधि देश में अस्थिरता की एक मुख्य वजह बनी हुई है. '

विदेश मंत्रियों की यह बैठक एससीओ-अफगानिस्तान संपर्क समूह के ढांचे के तहत हुई.

यह भी पढ़ें- 'अफगानिस्तान में अलग एजेंडे के साथ काम कर रहीं ताकतें'

बयान के मुताबिक एससीओ सदस्य देशों ने क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियों और खतरों से निपटने के लिए अफगानिस्तान के साथ सहयोग बढ़ाने की अपनी तैयारी की पुष्टि की.

गौरतलब है कि अफगानिस्तान में पिछले कुछ हफ्तों में सिलसिलेवार आतंकी हमले हुए हैं. अमेरिका अगस्त के अंत तक वहां से अपने सैनिकों को पूरी तरह से वापस बुलाना चाहता है.

(पीटीआई भाषा)

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