नई दिल्ली : लगभग 10 अरब रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग में कथित संलिप्तता के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निशाने पर 10 क्रिप्टो एक्सचेंज हैं (Ten crypto exchanges under ED lens). ईडी ने 5 अगस्त को जनमाई लैब प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों में से एक के परिसरों की तलाशी ली थी, जो लोकप्रिय क्रिप्टो मुद्रा विनिमय वजीरएक्स का मालिक है. इस दौरान 64.67 करोड़ रुपये के बैंक बैलेंस को फ्रीज करने का आदेश जारी किया था.
इसके बाद क्रिप्टो एक्सचेंजों को समन जारी किया गया. ईडी ने यह आरोप लगाया था कि अपराध की आय का उपयोग क्रिप्टो संपत्ति खरीदने के लिए किया जा रहा था. ईडी को संदेह है कि 100 करोड़ रुपये से अधिक की क्रिप्टो संपत्ति खरीदी गई थी, जो अपराध की आय के अलावा और कुछ नहीं थी. बाद में इन क्रिप्टो संपत्तियों को विदेशों में भेज दिया गया था.
ईडी ने कहा था कि वजीरएक्स के पास पड़ी 64.67 करोड़ रुपये की बराबर की चल संपत्ति को जब्त कर लिया गया है. ईडी ने पाया कि इसी तरह के लेनदेन अन्य एक्सचेंजों पर हुए थे, जिसके बाद उन्हें भी ईडी ने तलब किया. ईडी के सूत्रों ने कहा कि क्रिप्टो एक्सचेंजों ने अपने निवेशकों की केवाईसी प्रक्रिया पूरी नहीं की. जब ईडी ने कुछ निवेशकों को उनके केवाईसी के आधार पर ट्रेस किया तो वे कथित तौर पर फर्जी निकले.
ईडी ने पहले कहा था, 'फंड ट्रेल की जांच करते हुए, हमने पाया कि फिनटेक कंपनियों द्वारा बड़ी मात्रा में फंड को क्रिप्टो संपत्ति खरीदने और फिर उन्हें विदेशों में लॉन्ड्र करने के लिए डायवर्ट किया गया था. इन कंपनियों और आभासी संपत्ति का फिलहाल पता नहीं चल सका है. क्रिप्टो एक्सचेंजों को समन जारी किए गए थे. यह देखा गया है कि धन की अधिकतम राशि वजीरएक्स एक्सचेंज को दी गई थी और इस तरह खरीदी गई क्रिप्टो संपत्ति को अज्ञात विदेशी वॉलेट में भेज दिया गया था.'
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(आईएएनएस)