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तेलंगाना के गांव को मिला 'कोविड-सुरक्षा कवच', सभी ने ली टीके की पहली खुराक - सभी ने ली टीके की पहली खुराक

तेलंगाना का एक ऐसा गांव है जहां सभी वयस्कों ने कोरोना टीके की पहली खुराक ली है. ये दावा प्रोजेक्ट मदद के तहत किया गया है. प्रोजेक्ट मदद भारत में और विदेश में रह रहे भारतीय डॉक्टरों और स्वयंसेवकों का सामूहिक प्रयास है.

सभी ने ली टीके की पहली खुराक
सभी ने ली टीके की पहली खुराक
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Published : Aug 3, 2021, 8:27 PM IST

नई दिल्ली : तेलंगाना में सिरचिल्ला जिले का राजन्नापेट गांव (Rajannapet village of Sirchilla district) को कोविड-19 से बचाव का 'सुरक्षा कवच' मिल गया है क्योंकि यहां के सभी वयस्क टीके की कम से कम एक खुराक लेने के साथ भविष्य में भी संक्रमण से बचने के उपायों का अनुपालन कर रहे हैं और यह उपलब्धि 'प्रोजेक्ट मदद' से प्राप्त हुई.

उल्लेखनीय है कि प्रोजेक्ट मदद भारत में और विदेश में रह रहे भारतीय डॉक्टरों और स्वयंसेवकों का सामूहिक प्रयास है जिसमें वे मिलकर ग्रामीण भारत के लोगों को कोविड-19 महामारी के बारे में जागरूक करते हैं और स्वास्थ्य सहायता मुहैया कराते हैं. प्रोजेक्ट मदद ने भारतीय गांवों को कोविड-19 महामारी से प्रतिरक्षा का एक मॉडल तैयार किया है.

1,328 वयस्कों को पहली खुराक

सरकार के सहयोग से प्रोजेक्ट मदद से तेलंगाना के सिरचिल्ला जिले के राजन्नापेट गांव को कोविड प्रतिरोधी बनाने में सफलता मिली है. परियोजना से जुड़े लोगों ने बताया कि, '31 जुलाई को राजन्नापेट ने कोविड प्रतिरोधी बनने का लक्ष्य प्राप्त किया, जहां पर 1,328 वयस्कों को कोविड-19 टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है.'

समूह ने बताया कि उसने ग्रामीणों में व्यवहार संबंधित बदलाव लाने के लिए पांच सूत्री प्रगतिशील मॉडल अपनाया. संगठन के मुताबिक यह न केवल टीकाकरण को लेकर था बल्कि भविष्य में किसी संभावित लहर से निपटने के लिए भी था.

मॉडल में पांच तत्व

उन्होंने बताया कि इस मॉडल में पांच तत्व शामिल हैं-ग्रामीण स्वास्थ्य कर्मियों को सशक्त और उपकरणों से लैस करना, स्थानीय भाषा में कोविड से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करना, सामाजिक स्तर पर व्यवहार में बदलाव लाने के लिए नवोन्मेषी तरीकों का इस्तेमाल और टीके की स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए कार्य करना, खास उद्देश्यों के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल और टीके की लक्षित आपूर्ति करना ताकि सार्वभौमिक लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके.

पढ़ें- आठ राज्यों में कोविड-19 रिप्रोडक्टिव नंबर एक से ज्यादा : सरकार

त्रिपुरा, गोवा, महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर के कई गांवों में सभी योग्य निवासियों का टीकाकरण किया जा चुका है लेकिन प्रोजेक्ट मदद ने दावा किया कि राजन्नापेट भारत का पहला 'कोविड सुरक्षा कवच' प्राप्त गांव है और उनका एक अलग मॉडल है.

नई दिल्ली : तेलंगाना में सिरचिल्ला जिले का राजन्नापेट गांव (Rajannapet village of Sirchilla district) को कोविड-19 से बचाव का 'सुरक्षा कवच' मिल गया है क्योंकि यहां के सभी वयस्क टीके की कम से कम एक खुराक लेने के साथ भविष्य में भी संक्रमण से बचने के उपायों का अनुपालन कर रहे हैं और यह उपलब्धि 'प्रोजेक्ट मदद' से प्राप्त हुई.

उल्लेखनीय है कि प्रोजेक्ट मदद भारत में और विदेश में रह रहे भारतीय डॉक्टरों और स्वयंसेवकों का सामूहिक प्रयास है जिसमें वे मिलकर ग्रामीण भारत के लोगों को कोविड-19 महामारी के बारे में जागरूक करते हैं और स्वास्थ्य सहायता मुहैया कराते हैं. प्रोजेक्ट मदद ने भारतीय गांवों को कोविड-19 महामारी से प्रतिरक्षा का एक मॉडल तैयार किया है.

1,328 वयस्कों को पहली खुराक

सरकार के सहयोग से प्रोजेक्ट मदद से तेलंगाना के सिरचिल्ला जिले के राजन्नापेट गांव को कोविड प्रतिरोधी बनाने में सफलता मिली है. परियोजना से जुड़े लोगों ने बताया कि, '31 जुलाई को राजन्नापेट ने कोविड प्रतिरोधी बनने का लक्ष्य प्राप्त किया, जहां पर 1,328 वयस्कों को कोविड-19 टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है.'

समूह ने बताया कि उसने ग्रामीणों में व्यवहार संबंधित बदलाव लाने के लिए पांच सूत्री प्रगतिशील मॉडल अपनाया. संगठन के मुताबिक यह न केवल टीकाकरण को लेकर था बल्कि भविष्य में किसी संभावित लहर से निपटने के लिए भी था.

मॉडल में पांच तत्व

उन्होंने बताया कि इस मॉडल में पांच तत्व शामिल हैं-ग्रामीण स्वास्थ्य कर्मियों को सशक्त और उपकरणों से लैस करना, स्थानीय भाषा में कोविड से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करना, सामाजिक स्तर पर व्यवहार में बदलाव लाने के लिए नवोन्मेषी तरीकों का इस्तेमाल और टीके की स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए कार्य करना, खास उद्देश्यों के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल और टीके की लक्षित आपूर्ति करना ताकि सार्वभौमिक लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके.

पढ़ें- आठ राज्यों में कोविड-19 रिप्रोडक्टिव नंबर एक से ज्यादा : सरकार

त्रिपुरा, गोवा, महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर के कई गांवों में सभी योग्य निवासियों का टीकाकरण किया जा चुका है लेकिन प्रोजेक्ट मदद ने दावा किया कि राजन्नापेट भारत का पहला 'कोविड सुरक्षा कवच' प्राप्त गांव है और उनका एक अलग मॉडल है.

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