हैदराबाद: तेलंगाना राज्य एंटी-नारकोटिक्स ब्यूरो (TSNAB) और हैदराबाद नारकोटिक एन्फोर्समेंट विंग (H.N.U.) पुलिस ने देश भर में नाइजीरियाई लोगों द्वारा चलाए जा रहे ड्रग रैकेट का पर्दाफाश किया है. 12 साल से बेंगलुरु से ड्रग्स की तस्करी कर रहे तीन नाइजीरियाई समेत छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.
शुक्रवार को बंजाराहिल्स पुलिस कमांड सेंटर में शहर के अतिरिक्त सीपी एआर श्रीनिवास, सीसीएस डीसीपी शभारीष, टी.नाब एसपी सुनीता रेड्डी, बंजाराहिल्स एसीपी श्रीधर, इंस्पेक्टर एम नरेंद्र, एचएन इंस्पेक्टर सीपी सी.वी. आनंद ने मीडिया के सामने खुलासा किया.
इस ड्रग गिरोह ने देश की विभिन्न जेलों में बंद नाइजीरियाई लोगों की जानकारी एकत्र की है और उन्हें जमानत पर बाहर लाकर ड्रग तस्करी के लिए इस्तेमाल किया. पुलिस ने 100 ग्राम कोकीन, 300 ग्राम एमडीएमए और 5 सेल फोन जब्त किए हैं. बरामद सामान की कीमत करीब एक करोड़ रुपये है.
पुलिस के मुताबिक एग्बो मैक्सवेल नुबिशी उर्फ क्वेकु ओसामा क्वेहेमा (37) मेडिकल (बिजनेस) वीजा पर 2012 में मुंबई आया. वहां बिजनेस अच्छा नहीं चला तो बेंगलुरु आ गया. फेक डॉक्यूमेंट का इस्तेमाल कर क्वेकु ने अपना नाम बदलकर ओसामा क्वेहेमा रख लिया और पासपोर्ट और वीजा प्राप्त कर लिया.
फिर वह अच्युतनगर चला गया, जहां ज्यादा स्कूल और कॉलेज हैं. उसने नाइजीरियाई चिगोजी ब्लेसिंग (32) और ऑस्टिन ओबाका उर्फ किंग्सले (32) के साथ ड्रग्स सप्लाई शुरू कर दी. ये दोनों भी स्टूडेंट और मेडिकल वीजा पर तमिलनाडु और बेंगलुरु पहुंचे थे.
ऐसे कर रहे थे सप्लाई : पुलिस के मुताबिक अपने ठिकाने का खुलासा किए बिना इंटरनेट और व्हाट्सएप के माध्यम से लेनदेन किया जाता था. मैक्सवेल ने एक पूर्व मित्र की मदद से घाना की एक महिला एलिविन एरानकिवा के नाम पर केनरा बैंक कोयंबटूर में एक खाता खोला. खरीददारों से पैसे खाते में जमा कराने के बाद तस्कर कभी-कभी सुनसान इलाकों में बाइक से खरीददारों के इलाके में जाते थे और उनके हाथों में नशीली दवाओं के पैकेट थमाकर गायब हो जाते थे.
इस साल 6 महीने के भीतर उस बैंक खाते से 4 करोड़ रुपये का लेनदेन नाइजीरियाई लोगों के नशे के धंदे में लिप्त होने का सबूत है. इस गैंग के ग्राहकों में बेंगलुरु, तमिलनाडु और हैदराबाद के लोग शामिल हैं.
ऐसे पकड़ में आए:एचएनयू इंस्पेक्टर राजेश की टीम को सूचना मिली कि नाइजीरियाई लोगों के एक गिरोह से शहर के श्रीनगर कॉलोनी निवासी पी. साइआकाश (25) और मणिकोंडा के तुम्मा भानुतेजा रेड्डी (23) के पास ड्रग्स आ रहा है.
वे लगभग एक महीने तक बेंगलुरु में रहे और तस्करों को शक न हो इसलिए खरीदार बनकर डिकॉय ऑपरेशन चलाया. सरगना मैक्सवेल ने बड़ी मात्रा में सामान का ऑर्डर दिया था और उसे सप्लाई करने के लिए शहर आया था. इसी दौरान उसे गिरफ्तार कर लिया गया. उससे मिली जानकारी से बाकियों का पता लगाया गया.
पुलिस के मुताबिक मैक्सवेल, चिगोजी ब्लेसिंग्स, ऑस्टिन ओबाका, साई आकाश, केरल के संजय सुनीलकुमान और तुम्मा भानुतेजा रेड्डी को गिरफ्तार किया गया. सीपी ने कहा कि गिरोह से संबंध रखने वाली घाना की महिला फेलिक्स अवुन्यो (36) को उसके देश भेजने की व्यवस्था की जा रही है. इस गिरोह का भंडाफोड़ टीएसएनएबी, एचएनयू इंस्पेक्टर राजेश और एसआई डेनियल की टीम ने किया है.
नाइजीरियाई एसोसिएशन बनाई : ड्रग रैकेट सरगना मैक्सवेल के काम करने का तरीका इतना शातिर है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसने पहले 'हेल्प फॉर अस' नाम से व्हाट्सएप ग्रुप बनाया. फिर एक वीडियो बनाया कि भारत में नाइजीरियाई लोगों को जेल में नहीं रहना चाहिए और भूख से नहीं मरना चाहिए. उसने विभिन्न अपराधों के लिए जेलों में बंद गरीब नाइजीरियाई लोगों के लिए 'नाइजीरियाई एसोसिएशन' की शुरुआत की. उसने 2 महीने के भीतर इसके जरिए 8.75 लाख रुपये जुटाए. उसने उन्हें जमानत पर बाहर निकालने के लिए वकील नियुक्त किए.
ये स्वर्ग है...मैं यहां से नहीं जाना चाहता...: पुलिस के मुताबिक सरगना मैक्सवेल बेंगलुरु के एक महंगे बंगले में रहकर आलीशान जिंदगी जी रहा था. वह शराब पीता और हर दिन पार्टियां करता था. बताया जाता है कि उसकी 10 गर्लफ्रेंड हैं. जब पुलिस ने पूछा...क्या आप घर जाने के लिए तैयार हैं? तो उसने जवाब दिया कि वहां क्या है.. जब स्वर्ग यहीं है.