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तेलंगाना आईएमएस घोटाला: ED ने 144 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की - acb

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 131 अचल संपत्तियों को कुर्क करने के लिए धनशोधन निरोधक अधिनियम (PMLA) के तहत एक अस्थायी आदेश जारी किया है. इनमें 97 भूखंड, छह विला, 18 व्यावसायिक दुकानें, छह कृषि भूमि और चार फ्लैट शामिल हैं.

तेलंगाना आईएमएस घोटाला
तेलंगाना आईएमएस घोटाला
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Published : Nov 24, 2021, 8:46 AM IST

नई दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कहा कि उसने तेलंगाना में कथित बीमा चिकित्सा योजना घोटाले में धनशोधन जांच के सिलसिले में 144 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है. एजेंसी ने 131 अचल संपत्तियों को कुर्क करने के लिए धनशोधन निरोधक अधिनियम (PMLA) के तहत एक अस्थायी आदेश जारी किया है.

इनमें 97 भूखंड, छह विला, 18 व्यावसायिक दुकानें, छह कृषि भूमि और चार फ्लैट शामिल हैं. ये सम्पत्तियां हैदराबाद तथा तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, बेंगलुरु में अन्य स्थानों और नोएडा में हैं. ED ने प्रतिभूतियों और सावधि जमा के रूप में चल संपत्ति को भी कुर्क किया है. इसने एक बयान में कहा कि इन संपत्तियों की कुल कीमत 144.4 करोड़ रुपये है और इन्हें आरोपियों ने अधिग्रहित किया था.

पढ़ें : सरकार ने प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक एस के मिश्रा का कार्यकाल एक साल बढ़ाया

ED द्वारा धनशोधन का मामला तेलंगाना भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) द्वारा बीमा चिकित्सा योजना (IMS) के अधिकारियों और दवा आपूर्तिकर्ता सहित निजी व्यक्तियों के खिलाफ निविदा प्रक्रिया में उल्लंघन, सरकारी धन की हेराफेरी के लिए दायर आठ प्राथमिकियों का अध्ययन करने के बाद दर्ज किया गया था. इससे सरकारी खजाने को 211 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है.

इसने कहा कि तत्कालीन IMS निदेशक डॉ देविका रानी ने IMS के संयुक्त निदेशक और अन्य कर्मचारियों की मिलीभगत से सरकारी आदेशों के सभी मानदंडों और सभी विवेकपूर्ण कार्यालय प्रक्रियाओं का उल्लंघन किया और ज्यादातर खरीद आदेश आपूर्तिकर्ता के. श्रीहरि बाबू और डॉ रानी, पी. राजेश्वर रेड्डी आदि द्वारा स्थापित बेनामी फर्मों को जारी किए.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कहा कि उसने तेलंगाना में कथित बीमा चिकित्सा योजना घोटाले में धनशोधन जांच के सिलसिले में 144 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है. एजेंसी ने 131 अचल संपत्तियों को कुर्क करने के लिए धनशोधन निरोधक अधिनियम (PMLA) के तहत एक अस्थायी आदेश जारी किया है.

इनमें 97 भूखंड, छह विला, 18 व्यावसायिक दुकानें, छह कृषि भूमि और चार फ्लैट शामिल हैं. ये सम्पत्तियां हैदराबाद तथा तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, बेंगलुरु में अन्य स्थानों और नोएडा में हैं. ED ने प्रतिभूतियों और सावधि जमा के रूप में चल संपत्ति को भी कुर्क किया है. इसने एक बयान में कहा कि इन संपत्तियों की कुल कीमत 144.4 करोड़ रुपये है और इन्हें आरोपियों ने अधिग्रहित किया था.

पढ़ें : सरकार ने प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक एस के मिश्रा का कार्यकाल एक साल बढ़ाया

ED द्वारा धनशोधन का मामला तेलंगाना भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) द्वारा बीमा चिकित्सा योजना (IMS) के अधिकारियों और दवा आपूर्तिकर्ता सहित निजी व्यक्तियों के खिलाफ निविदा प्रक्रिया में उल्लंघन, सरकारी धन की हेराफेरी के लिए दायर आठ प्राथमिकियों का अध्ययन करने के बाद दर्ज किया गया था. इससे सरकारी खजाने को 211 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है.

इसने कहा कि तत्कालीन IMS निदेशक डॉ देविका रानी ने IMS के संयुक्त निदेशक और अन्य कर्मचारियों की मिलीभगत से सरकारी आदेशों के सभी मानदंडों और सभी विवेकपूर्ण कार्यालय प्रक्रियाओं का उल्लंघन किया और ज्यादातर खरीद आदेश आपूर्तिकर्ता के. श्रीहरि बाबू और डॉ रानी, पी. राजेश्वर रेड्डी आदि द्वारा स्थापित बेनामी फर्मों को जारी किए.

(पीटीआई-भाषा)

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