हैदराबाद : तेलंगाना हाई कोर्ट ने प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) से बनीं भगवान गणेश की मूर्तियों के हैदराबाद के हुसैन सागर झील में विसर्जन की अनुमित देने से इनकार कर दिया है. अदालत ने कहा कि वह गत नौ सितंबर को दिए गए अपने आदेश में संशोधन नहीं कर सकती.
हाई कोर्ट ने ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) के आयुक्त द्वारा दायर समीक्षा याचिका पर आपातकालीन सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया. जीएचएमसी आयुक्त ने फैसले की समीक्षा करने और कुछ बिंदुओं में संशोधन करने के लिए याचिका दायर की थी.
दो जजों की पीठ ने इस याचिका पर सुनावई की. जीएचएमसी आयुक्त ने अनुरोध किया था कि हुसैन सागर में पीओपी की मूर्तियों के विसर्जन पर लगी रोक हटाया जाए और रबर बांध के निर्माण को छूट देने के लिए टैंकबंद रास्ते की ओर से भी अनुमति दी जाए.
तेलंगाना उच्च न्यायालय ने नौ सितंबर को राज्य सरकार को हैदराबाद में हुसैन सागर झील और अन्य जलाशयों में पीओपी से निर्मित गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन की अनुमति नहीं देने का निर्देश दिया था.
तेलंगाना सरकार ने रविवार को कहा था कि वह हैदराबाद में झील, तालाबों में प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) से निर्मित गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन पर रोक लगाने के उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ समीक्षा याचिका दायर करेगी.
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राज्य के पशुपालन मंत्री टी श्रीनिवास यादव ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा था, 'जैसा कि आप जानते हैं कि शहर के हर नुक्कड़ पर गणपति की प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं. सरकार ने उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ समीक्षा याचिका दायर करने का फैसला किया है.
उन्होंने आश्वासन दिया था कि (प्रतिमाओं के) विसर्जन के 48 घंटे के भीतर तालाब को साफ कर दिया जाएगा.
(पीटीआई)