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तेलंगाना हाईकोर्ट ने भाजपा नेता की पदयात्रा को शर्तो के साथ दी मंजूरी

तेलंगाना हाई कोर्ट (Telangana High Court) ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बंडी संजय कुमार (Bandi Sanjay Kumar) को कुछ शर्तों के साथ पदयात्रा करने की मंजूरी प्रदान कर दी है. कोर्ट ने पदयात्रा में भाग लेने वालों की संख्या को 500 तक सीमित कर दिया है.

Bandi Sanjay Kumar
बंडी संजय कुमार
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Published : Nov 28, 2022, 7:34 PM IST

हैदराबाद : तेलंगाना हाई कोर्ट (Telangana High Court) ने सोमवार को राज्य के भाजपा अध्यक्ष बंडी संजय कुमार (Bandi Sanjay Kumar) को अपनी पदयात्रा के पांचवें चरण की शुरूआत करने की अनुमति दी, लेकिन इस शर्त के साथ कि यह भैंसा नगर से नहीं गुजरनी चाहिए. निर्मल जिला पुलिस द्वारा पदयात्रा की अनुमति नहीं देने के आदेश को चुनौती देने वाली भाजपा की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने कुछ शर्तो के साथ पदयात्रा की अनुमति दी.

इसने पदयात्रा में भाग लेने वालों की संख्या को 500 तक सीमित कर दिया. अदालत ने निर्देश दिया कि सार्वजनिक बैठक भैंसा नगर से तीन किलोमीटर दूर होनी चाहिए और प्रतिभागियों की संख्या 3,000 से अधिक नहीं होनी चाहिए. इसमें साफ किया गया कि जनसभा में नेताओं को भड़काऊ भाषण देने से बाज आना चाहिए. कोर्ट के आदेश के बाद भगवा दल के नेता मार्च का संशोधित रूट मैप तैयार कर रहे थे. रविवार रात से करीमनगर में नजरबंद संजय ने अदालत के आदेश का स्वागत किया. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि वह अपने मार्च के पांचवें चरण की औपचारिक शुरूआत करने के लिए निर्मल जिले के लिए रवाना होंगे.

भाजपा नेता अपनी पदयात्रा शुरू करने के लिए निर्मल कस्बे के एक मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे. सोमवार को वह केवल एक किलोमीटर पैदल चलेंगे. हाई कोर्ट द्वारा पुलिस को भैंसा शहर से तीन किलोमीटर दूर आयोजित होने पर जनसभा की अनुमति मिलने के बाद भाजपा ने भी मंगलवार को होने वाली अपनी जनसभा स्थगित कर दी है. सार्वजनिक बैठक मूल रूप से भैंसा में पदयात्रा की शुरूआत के लिए निर्धारित की गई थी और पार्टी ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को आमंत्रित किया था.

संशोधित कार्यक्रम के अनुसार, मंगलवार को जनसभा आयोजित की जाएगी, जिसमें केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी मुख्यमंत्री के रूप में शामिल होंगे. सुनवाई के दौरान, महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि भैंसा के माध्यम से पदयात्रा की अनुमति से इनकार किया गया क्योंकि शांति भंग की आशंका है. हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद वॉकाथन की सशर्त अनुमति दे दी. पुलिस ने रविवार रात संजय को भैंसा जाते समय रास्ते में ही रोक लिया था और वापस करीमनगर भेज दिया था. जगतियाल में रविवार की रात उस समय तनाव फैल गया, जब संजय को पदयात्रा की अनुमति नहीं मिलने का हवाला देते हुए निर्मल जिले के भैंसा जाने के रास्ते में रोक लिया गया.

भगवा पार्टी ने बंदी संजय के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की निंदा की. केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी ने पदयात्रा की अनुमति से इनकार करने के टीआरएस सरकार के कृत्य की निंदा की. किशन रेड्डी ने ट्वीट किया, भ्रष्ट और वंशवादी टीआरएस शासन के तहत तेलंगाना में लोगों की आवाज को दबाना, जनसभाओं पर प्रतिबंध लगाना और जनप्रतिनिधियों के घरों पर हमला करना एक आम चलन बन गया है.

आदिलाबाद के सांसद सोयम बापू राव ने कहा कि कार्रवाई राज्य में निरंकुश शासन को दर्शाती है. भाजपा उपाध्यक्ष डी के अरुणा ने कहा कि टीआरएस ने पदयात्रा की अनुमति इसलिए नहीं दी क्योंकि उसे अगले विधानसभा चुनाव में हार का डर था. इससे पहले पुलिस द्वारा तेलंगाना भाजपा अध्यक्ष बंडी संजय की प्रजा संग्राम यात्रा की अनुमति से इनकार करने और भाजपा कार्यकर्ताओं को भैंसा जाने की अनुमति नहीं देने के बाद, भाजपा ने तेलंगाना उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.

ये भी पढ़ें - विधायक खरीद-फरोख्त मामला : तेलंगाना भाजपा प्रमुख ने यादाद्री मंदिर में खाई कसम

(आईएएनएस)

हैदराबाद : तेलंगाना हाई कोर्ट (Telangana High Court) ने सोमवार को राज्य के भाजपा अध्यक्ष बंडी संजय कुमार (Bandi Sanjay Kumar) को अपनी पदयात्रा के पांचवें चरण की शुरूआत करने की अनुमति दी, लेकिन इस शर्त के साथ कि यह भैंसा नगर से नहीं गुजरनी चाहिए. निर्मल जिला पुलिस द्वारा पदयात्रा की अनुमति नहीं देने के आदेश को चुनौती देने वाली भाजपा की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने कुछ शर्तो के साथ पदयात्रा की अनुमति दी.

इसने पदयात्रा में भाग लेने वालों की संख्या को 500 तक सीमित कर दिया. अदालत ने निर्देश दिया कि सार्वजनिक बैठक भैंसा नगर से तीन किलोमीटर दूर होनी चाहिए और प्रतिभागियों की संख्या 3,000 से अधिक नहीं होनी चाहिए. इसमें साफ किया गया कि जनसभा में नेताओं को भड़काऊ भाषण देने से बाज आना चाहिए. कोर्ट के आदेश के बाद भगवा दल के नेता मार्च का संशोधित रूट मैप तैयार कर रहे थे. रविवार रात से करीमनगर में नजरबंद संजय ने अदालत के आदेश का स्वागत किया. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि वह अपने मार्च के पांचवें चरण की औपचारिक शुरूआत करने के लिए निर्मल जिले के लिए रवाना होंगे.

भाजपा नेता अपनी पदयात्रा शुरू करने के लिए निर्मल कस्बे के एक मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे. सोमवार को वह केवल एक किलोमीटर पैदल चलेंगे. हाई कोर्ट द्वारा पुलिस को भैंसा शहर से तीन किलोमीटर दूर आयोजित होने पर जनसभा की अनुमति मिलने के बाद भाजपा ने भी मंगलवार को होने वाली अपनी जनसभा स्थगित कर दी है. सार्वजनिक बैठक मूल रूप से भैंसा में पदयात्रा की शुरूआत के लिए निर्धारित की गई थी और पार्टी ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को आमंत्रित किया था.

संशोधित कार्यक्रम के अनुसार, मंगलवार को जनसभा आयोजित की जाएगी, जिसमें केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी मुख्यमंत्री के रूप में शामिल होंगे. सुनवाई के दौरान, महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि भैंसा के माध्यम से पदयात्रा की अनुमति से इनकार किया गया क्योंकि शांति भंग की आशंका है. हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद वॉकाथन की सशर्त अनुमति दे दी. पुलिस ने रविवार रात संजय को भैंसा जाते समय रास्ते में ही रोक लिया था और वापस करीमनगर भेज दिया था. जगतियाल में रविवार की रात उस समय तनाव फैल गया, जब संजय को पदयात्रा की अनुमति नहीं मिलने का हवाला देते हुए निर्मल जिले के भैंसा जाने के रास्ते में रोक लिया गया.

भगवा पार्टी ने बंदी संजय के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की निंदा की. केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी ने पदयात्रा की अनुमति से इनकार करने के टीआरएस सरकार के कृत्य की निंदा की. किशन रेड्डी ने ट्वीट किया, भ्रष्ट और वंशवादी टीआरएस शासन के तहत तेलंगाना में लोगों की आवाज को दबाना, जनसभाओं पर प्रतिबंध लगाना और जनप्रतिनिधियों के घरों पर हमला करना एक आम चलन बन गया है.

आदिलाबाद के सांसद सोयम बापू राव ने कहा कि कार्रवाई राज्य में निरंकुश शासन को दर्शाती है. भाजपा उपाध्यक्ष डी के अरुणा ने कहा कि टीआरएस ने पदयात्रा की अनुमति इसलिए नहीं दी क्योंकि उसे अगले विधानसभा चुनाव में हार का डर था. इससे पहले पुलिस द्वारा तेलंगाना भाजपा अध्यक्ष बंडी संजय की प्रजा संग्राम यात्रा की अनुमति से इनकार करने और भाजपा कार्यकर्ताओं को भैंसा जाने की अनुमति नहीं देने के बाद, भाजपा ने तेलंगाना उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.

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(आईएएनएस)

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