हैदराबाद : तेलंगाना हाई कोर्ट (Telangana High Court) ने टीआरएस विधायकों की खरीद-फरोख्त के कथित प्रयास की जांच कर रही विशेष जांच टीम (SIT) को भाजपा नेता बीएल संतोष को फिर से नोटिस देने का निर्देश दिया, जो अभी तक एसआईटी के सामने पेश नहीं हुए हैं. इससे पहले, तेलंगाना एसआईटी ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) संतोष और अन्य को 21 नवंबर को पूछताछ के लिए पेश होने को लेकर नोटिस जारी किया था. हालांकि, वे एसआईटी के सामने पेश नहीं हुए. एसआईटी ने एक वकील को भी तलब किया था, जो उसके सामने पेश हुआ था.
तेलंगाना के महाधिवक्ता बीएस प्रसाद ने अदालत को सूचित किया कि नोटिस दिए जाने के बावजूद संतोष एसआईटी के सामने पेश नहीं हुए और उन्होंने इस आधार पर (एसआईटी से) समय मांगा है कि उनके दौरे के कार्यक्रम निर्धारित थे और वह पेश होने की तारीख के संबंध में बिना संकेत दिए पर्याप्त समय चाहते हैं.
मामले की सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय ने एसआईटी को फिर से दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) की धारा 41ए के तहत संतोष को जांच टीम के सामने पेश होने के संबंध में उचित समय देते हुए नया नोटिस देने का निर्देश दिया. एसआईटी द्वारा संतोष को जारी किए गए नोटिस पर रोक लगाने के अनुरोध वाली भाजपा की तेलंगाना इकाई द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए, अदालत ने 19 नवंबर को कहा कि भाजपा नेता जांच अधिकारियों के साथ सहयोग करेंगे, जबकि निर्देश दिया कि उन्हें अगले आदेश तक गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए. अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 29 नवंबर को मुकर्रर की.
तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के विधायक पायलट रोहित रेड्डी समेत चार विधायकों ने 26 अक्टूबर को तीन लोगों रामचंद्र भारती उर्फ सतीश शर्मा, नंद कुमार और सिम्हाजी स्वामी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. प्राथमिकी के अनुसार, रोहित रेड्डी ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने उन्हें 100 करोड़ रुपये की पेशकश की और बदले में विधायक को टीआरएस छोड़कर अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ना था. तेलंगाना सरकार ने विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त के प्रयास की जांच के लिए नौ नवंबर को सात सदस्यीय एसआईटी गठित करने का आदेश दिया था.
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(पीटीआई-भाषा)