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Telangana Farmers Suicide: तेलंगाना में फसल बर्बाद हुई तो कर्ज में डूबे चार किसानों ने की आत्महत्या

तेलंगाना में इस साल मूसलाधार बारिश ने कई फसलें बर्बाद हो गईं. इस वजह से किसानों पर कर्जा भी अब परेशानी का सबब बन चुका है. इस परेशानी में किसान आत्महत्या का रास्ता चुन रहे हैं. ऐसी चार घटनाएं तेलंगाना से आई हैं, जिसमें एक ही दिन में चार किसानों ने आत्महत्या कर ली.

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Published : Aug 12, 2023, 7:05 PM IST

हैदराबाद : तेलंगाना से दुखद घटनाएं सामने आई हैं, जिसमें एक ही दिन में चार किसानों ने आत्महत्या कर ली. बताया जा रहा है कि इन किसानों ने कर्ज का भुगतान करने में असमर्थ होने के कारण खुदकुशी कर ली. मृत किसानों की पहचान जयशंकर - भूपालपल्ली जिले के वेंकटेश्वरलापल्ली गांव का गट्टू राजैया (55), मुलुगु जिले के देवगिरीपट्टनम के एर्रम रामकृष्ण रेड्डी (43), यदाद्रि-भुवनगिरि जिले के चौतुप्पल मंडल के चिंतालागुडेम के निवासी कोमारेली राजशेखर रेड्डी (35) और नलगोंडा जिले के कोराटिकल के मुनुगोडु मंडल का किसान अन्नम कृष्णा (32) के रूप में हुई. चारों किसानों को अपनी-अपनी खेती में भारी नुकसान का सामना करना पड़ा. इधर, लाखों रुपये के कर्ज भी लिये थे, जिसे चुकाने में वे असमर्थ थे.

फसल बर्बादी ने ली जान : गट्टू राजैया ने 1.20 एकड़ की जमीन पर मिर्च की खेती की थी. लेकिन उसमें काला कीड़ा लगने से पूरी फसल बर्बाद हो गई. इस खेती के लिए गट्टू राजैया ने बैंक से पांच लाख रुपये का कर्ज लिया था. इस फसल की बर्बादी के बाद उसने हार नहीं मानी और उसपर कपास बोया, लेकिन हाल ही में हुई मूसलाधार बारिश के कारण पूरी फसल बह गई. उस पर मुश्किलें कम नहीं हुई. शुक्रवार की सुबह बिजली की मोटर भी जल गई. अपने सिर पर एक के बाद एक मुसीबतों का पहाड़ टूटते देख वो परेशान हो गया और उसने खुदकुशी का रास्ता अपना लिया.

कर्ज में डूबा किसान : एरम रामकृष्ण रेड्डी के पास 30 गुंठा (0.75 एकड़) जमीन थी, लेकिन उन्होंने कथित तौर पर सात एकड़ जमीन पट्टे पर ली थी, जिस पर कपास की खेती की थी. इस साल की बारिश ने रामकृष्ण की भी कपास के फसल को बर्बाद कर दिया. एक स्वयं सहायता समूह से ऋण के अलावा, उन्होंने खेती के लिए बैंक से 3.50 लाख रुपये का ऋण भी लिया था. वह इस बात को लेकर चिंतित थे कि कर्ज कैसे चुकाया जाए, लेकिन जब कोई उपाय न मिला तो खुदकुशी कर ली.

बेटी होने की खुशी को कर्ज ने गम में बदला : कोमारेली राजशेखर रेड्डी (35) ने अपनी दो एकड़ जमीन के अलावा तीन एकड़ जमीन पट्टे पर ली थी. फसल की पैदावार अच्छी नहीं होने के कारण उन्हें पांच लाख रुपये का नुकसान हुआ. इस नुकसान से परेशान राजशेखर दो दिन पहले अपना घर छोड़ दिया था. शनिवार को पता चला कि राजशेखर ने नारायणपुरम मंडल के गुडीमलकापुरम में आत्महत्या कर ली. गौरतलब है कि उनका एक बेटा है जबकि एक हफ्ते पहले ही बेटी का जन्म हुआ है.

पढ़ें : Karnataka News : पानी गर्म करते समय करंट की चपेट में आई बच्ची, बचाने गए दादा-दादी की भी मौत

कर्जे ने ली किसान की जान : अन्नम कृष्णा ने ढाई एकड़ जमीन पट्टे पर ली और कपास की खेती की थी. अन्नम को अपनी उम्मीद के मुताबिक, उपज नहीं मिली और इससे उन्हें चार लाख रुपये का नुकसान हुआ. इस नुकसान की भरपाई के लिए उसने ड्राइवर की नौकरी पकड़ ली. दो महीने पहले उनकी पत्नी लावण्या की बीमारी के चलते एक निजी अस्पताल में सर्जरी हुई थी और इलाज के लिए उन्हें 2.50 लाख रुपये चुकाने पड़े. इन सभी कर्जों को कैसे चुकाया जाए, इस परेशानी में अन्नम ने आत्महत्या कर ली. बता दें कि अन्नम अपने पीछे पत्नी सहित दो बेटियां भी छोड़ गया है.

हैदराबाद : तेलंगाना से दुखद घटनाएं सामने आई हैं, जिसमें एक ही दिन में चार किसानों ने आत्महत्या कर ली. बताया जा रहा है कि इन किसानों ने कर्ज का भुगतान करने में असमर्थ होने के कारण खुदकुशी कर ली. मृत किसानों की पहचान जयशंकर - भूपालपल्ली जिले के वेंकटेश्वरलापल्ली गांव का गट्टू राजैया (55), मुलुगु जिले के देवगिरीपट्टनम के एर्रम रामकृष्ण रेड्डी (43), यदाद्रि-भुवनगिरि जिले के चौतुप्पल मंडल के चिंतालागुडेम के निवासी कोमारेली राजशेखर रेड्डी (35) और नलगोंडा जिले के कोराटिकल के मुनुगोडु मंडल का किसान अन्नम कृष्णा (32) के रूप में हुई. चारों किसानों को अपनी-अपनी खेती में भारी नुकसान का सामना करना पड़ा. इधर, लाखों रुपये के कर्ज भी लिये थे, जिसे चुकाने में वे असमर्थ थे.

फसल बर्बादी ने ली जान : गट्टू राजैया ने 1.20 एकड़ की जमीन पर मिर्च की खेती की थी. लेकिन उसमें काला कीड़ा लगने से पूरी फसल बर्बाद हो गई. इस खेती के लिए गट्टू राजैया ने बैंक से पांच लाख रुपये का कर्ज लिया था. इस फसल की बर्बादी के बाद उसने हार नहीं मानी और उसपर कपास बोया, लेकिन हाल ही में हुई मूसलाधार बारिश के कारण पूरी फसल बह गई. उस पर मुश्किलें कम नहीं हुई. शुक्रवार की सुबह बिजली की मोटर भी जल गई. अपने सिर पर एक के बाद एक मुसीबतों का पहाड़ टूटते देख वो परेशान हो गया और उसने खुदकुशी का रास्ता अपना लिया.

कर्ज में डूबा किसान : एरम रामकृष्ण रेड्डी के पास 30 गुंठा (0.75 एकड़) जमीन थी, लेकिन उन्होंने कथित तौर पर सात एकड़ जमीन पट्टे पर ली थी, जिस पर कपास की खेती की थी. इस साल की बारिश ने रामकृष्ण की भी कपास के फसल को बर्बाद कर दिया. एक स्वयं सहायता समूह से ऋण के अलावा, उन्होंने खेती के लिए बैंक से 3.50 लाख रुपये का ऋण भी लिया था. वह इस बात को लेकर चिंतित थे कि कर्ज कैसे चुकाया जाए, लेकिन जब कोई उपाय न मिला तो खुदकुशी कर ली.

बेटी होने की खुशी को कर्ज ने गम में बदला : कोमारेली राजशेखर रेड्डी (35) ने अपनी दो एकड़ जमीन के अलावा तीन एकड़ जमीन पट्टे पर ली थी. फसल की पैदावार अच्छी नहीं होने के कारण उन्हें पांच लाख रुपये का नुकसान हुआ. इस नुकसान से परेशान राजशेखर दो दिन पहले अपना घर छोड़ दिया था. शनिवार को पता चला कि राजशेखर ने नारायणपुरम मंडल के गुडीमलकापुरम में आत्महत्या कर ली. गौरतलब है कि उनका एक बेटा है जबकि एक हफ्ते पहले ही बेटी का जन्म हुआ है.

पढ़ें : Karnataka News : पानी गर्म करते समय करंट की चपेट में आई बच्ची, बचाने गए दादा-दादी की भी मौत

कर्जे ने ली किसान की जान : अन्नम कृष्णा ने ढाई एकड़ जमीन पट्टे पर ली और कपास की खेती की थी. अन्नम को अपनी उम्मीद के मुताबिक, उपज नहीं मिली और इससे उन्हें चार लाख रुपये का नुकसान हुआ. इस नुकसान की भरपाई के लिए उसने ड्राइवर की नौकरी पकड़ ली. दो महीने पहले उनकी पत्नी लावण्या की बीमारी के चलते एक निजी अस्पताल में सर्जरी हुई थी और इलाज के लिए उन्हें 2.50 लाख रुपये चुकाने पड़े. इन सभी कर्जों को कैसे चुकाया जाए, इस परेशानी में अन्नम ने आत्महत्या कर ली. बता दें कि अन्नम अपने पीछे पत्नी सहित दो बेटियां भी छोड़ गया है.

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