हैदराबाद: 30 नवंबर को होने वाले हाई-वोल्टेज तेलंगाना चुनावों के लिए जुबानी जंग और राजनीतिक खींचतान ने मंच तैयार कर दिया है. चुनाव से पहले बढ़त हासिल करने की होड़ में हमलों और जवाबी हमलों में तेजी आ गई है.
मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव और बीआरएस पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष और मंत्री केटीआर द्वारा की गई विवादास्पद टिप्पणी ने उन्हें मुसीबत में डाल दिया. भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) ने उनकी टिप्पणियों को गंभीरता से लिया और उनसे आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) के प्रावधानों का 'अक्षशः पालन' करने को कहा.
30 अक्टूबर को राव की टिप्पणियों को कांग्रेस ने 'धमकी' वाला माना. भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) के एक नेता नेता ने शिकायत दर्ज कराई. मुख्यमंत्री राव को ईसीआई की सलाह में चुनाव प्रचार के दौरान आचरण के उच्च मानकों को बनाए रखते हुए भाषणों में 'अत्यंत संयम और शालीनता' बरतने की आवश्यकता पर जोर दिया गया. हालांकि चुनाव आयोग की सलाह सभी पार्टियों के लिए सार्वभौमिक है, लेकिन पार्टी के दो शीर्ष नेताओं के बयान पर अपत्ति जताई गई है. एडवाइडरी में कहा गया है कि 'आपको एमसीसी के प्रावधानों का अक्षरश: पालन करने की सलाह दी जाती है.'
केटीआर को नोटिस : वहीं, बीआरएस पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष और मंत्री केटीआर को ईसीआई का नोटिस कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला की शिकायत पर आधारित है. नोटिस में कहा गया है कि टी वर्क्स पर गोत्र के बारे में की गई टिप्पणी पर स्पष्टीकरण दिया जाए. टी वर्क्स मीटिंग में केटीआर ने छात्रों को आश्वासन दिया कि सरकारी नौकरियां भरी जाएंगी.
उन्होंने टीएसपीएससी को साफ करने का वादा किया. शिकायत में सुरजेवाला ने दावा किया कि सरकारी कार्यालय टी वर्क्स का इस्तेमाल राजनीतिक गतिविधियों के लिए किया गया. ईसीआई की राय है कि मंत्री केटीआर ने प्राथमिक चुनावों के नियमों का उल्लंघन किया है.
चुनाव आयोग ने केटीआर से रविवार को तीन घंटे के भीतर स्पष्टीकरण देने को कहा है. कहा कि समय सीमा के अंदर स्पष्टीकरण नहीं देने पर उचित कार्रवाई की जाएगी.