पटनाः बिहार की राजधानी पटना में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की कार्रवाई से डाॅक्टर बिरादरी में बौखलाहट है. एनएमसीएच के अधीक्षक डॉ बिनोद कुमार सिंह के निलंबन का मामला तूल पकड़ता दिख रहा है. वहीं, अब तेजस्वी यादव ने कहा है कि जब 700 से अधिक डॉक्टर बिना अस्पताल गए सैलरी (700 doctors being absent from hospitals in Bihar) उठा रहे थे, तब आइएमए ने विरोध क्यों नहीं किया.
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तेजस्वी यादव का आईएमए पर पलटवार: दरअसल, एनएमसीएच के अधीक्षक डॉ बिनोद कुमार सिंह के निलंबन की कार्रवाई को लेकर आईएमए (IMA) ने सख्त नराजगी जताई है. एनएमसीएच अधीक्षक के निलंबन पर राष्ट्रीय आईएमए और बिहार आईएमए ने सवाल खड़े किए हैं. राष्ट्रीय आईएमए के अध्यक्ष डॉ. सहजानंद सिंह ने स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव की कार्रवाई को गलत ठहराया है.
तेजस्वी ने स्पष्ट कहा, निलंबन वापस नहीं होगा: नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पूर्व अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार सिंह के निलंबन का चिकित्सकों प्रमुख संगठन आईएमए विरोध कर रहा है और आईएमए ने सरकार से निलंबन को निरस्त करने की मांग की है. इसको लेकर मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के इस रवैया पर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने साफ शब्दों में कह दिया है कि वह निलंबन को वापस नहीं लेने जा रहे हैं, जो काम में लापरवाही बरते हुए उन पर कार्रवाई होगी और जो बेहतरीन कार्य करेंगे उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा.
गायब रहने वालों पर होगी कार्रवाई: तेजस्वी यादव ने कहा कि इतने वर्षों से 705 डॉक्टर अपनी ड्यूटी से लापता हैं और सैलरी उठाते हैं. कोई डॉक्टर अपनी ड्यूटी से 12 वर्षों से गायब हैं. कोई 10 वर्षों से गायब है, कोई 5 वर्षों से अधिक समय से गायब है. ऐसे 705 ड्यूटी से गायब चल रहे चिकित्सकों की सूची उनके पास आई है. क्या अब तक एक बार भी आईएमए ने ऐसा कहा कि ऐसे चिकित्सकों पर कार्रवाई करनी चाहिए. यह फाइल उनके पास आई है तो अब वह इस पर कार्रवाई करनी शुरू कर रहे हैं. यह सब बेकार की बातें हैं और आईएमए बेकार का हल्ला मचा रहा है. हर जगह हर तरह की मानसिकता के लोग भरे पड़े हैं.
तेजस्वी यादव ने कहा, ऐसी अड़चनें आती रहेगीः अच्छा काम करने के लिए या तो इस प्रकार की अड़चन आती रहेंगी, लेकिन इस पर उनका कोई ध्यान नहीं है क्योंकि वह जनता के हित में काम करने के लिए लगे हुए हैं. उन्होंने कहा कि चिकित्सकों के एसोसिएशन को निश्चिंत हो जाना चाहिए क्योंकि यह सुनवाई और कार्रवाई वाली सरकार है जो अच्छा करेगा, जो सच्चाई ईमानदारी से काम करेगा उसे सम्मानित किया जाएगा और जो काम नहीं करेगा उस पर कार्रवाई किया जाएगा.
''आईएमए संगठन डॉक्टरों के लिए बना है, तो वह डॉक्टरों का ही पक्ष रखेगा, लेकिन संगठन को यह भी देखना चाहिए कि क्या वह गलत डॉक्टर के लिए भी पक्ष रखेंगे. जो सही है उन्हें सपोर्ट करें जो गलत हैं, उन्हें प्रमोट नहीं किया जा सकता. नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल एक बड़ा अस्पताल है और उस अस्पताल के अधीक्षक को यदि यह नहीं पता रहता है कि अस्पताल में डेंगू वार्ड कहां बना है. अच्छा काम करने के लिए या तो इस प्रकार की अड़चन आती रहेंगी, लेकिन इस पर उनका कोई ध्यान नहीं है क्योंकि वह जनता के हित में काम करने के लिए लगे हुए हैं'' - तेजस्वी यादव, उपमुख्यमंत्री