दौसा. जिले से गुजर रहे नेशनल हाईवे 21 पर स्थित पिपलकी गांव में एक साधारण सा ढाबा है, जो अचानक चर्चा में आ गया है. इसकी वजह है, यहां राजस्थान के नए मुख्यमंत्री ने चाय पी थी. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा मंगलवार को भरतपुर जा रहे थे. इस दौरान दौसा जिले से गुजरते हुए उन्होंने इस ढाबे पर रुककर खुद फीकी चाय बनाई और कार्यकर्ताओं के साथ चाय की चुस्की ली. इस ढाबे के संचालक मुंशीलाल गुर्जर का कहना है कि उनके यहां आने के बाद से उनके ढाबे की कमाई तीगुनी हो गई है.
मुंशीलाल गुर्जर एक साधारण किसान परिवार से आते हैं. दो बहन और दो भाइयों में सबसे छोटे मुंशीलाल की आय का जरिया चाय का ढाबा और 3 बीघा जमीन है. उन्होंने करीब 7 दिन पहले ही अपनी चाय की दुकान शुरू की है. इससे पहले करीब 6 साल पहले मुंशीलाल चाय की दुकान के पास ही परिवार के साथ एक होटल संचालित करते थे, जो किसी कारण से बंद हो गई.
6 साल पहले भी होटल पर आए थे भजनलाल शर्मा : चाय ढाबा संचालक मुंशीलाल गुर्जर करीब 6 साल पहले जब ढाबा होटल चलाते थे, तब भी भजनलाल शर्मा भाजपा के एक साधारण से कार्यकर्ता के रूप में यहां आए थे. उस समय भी भजनलाल शर्मा जयपुर से ही भरतपुर जा रहे थे. इस दौरान मुंशीलाल गुर्जर के यहां वो चाय पीने के लिए रुके थे. मुंशीलाल की चाय उन्हें इतनी पसंद आई कि राजस्थान के सीएम बनने के बाद भी वो उस चाय का स्वाद नहीं भूले और फिर से लौट आए उसी ढाबे पर.
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सीएम को देखकर हक्के-बक्के रह गए मुंशीलाल : मुंशीलाल गुर्जर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि उन्हें मंगलवार को ही न्यूज चैनलों के माध्यम से पता चला कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा जयपुर से भरतपुर जा रहे हैं. वो रोज की तरह अपने काम में लगे हुए थे. उन्हें सुबह से ही यकीन था कि मुख्यमंत्री मेरे ढाबे पर आकर रुकेंगे. ऐसे में अचानक सीएम के काफिले की गाड़ियां ढाबे की ओर घूमीं. उस समय वो चाय बना रहे थे. इस दौरान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा कार से उतरे और चाय में चम्मच हिलाते हुए बोले, 'आप चाय अच्छी बनाते हो, सभी लोगों को चाय पिलाओ, लेकिन मेरे लिए फीकी चाय बनाना'. इसके बाद मुख्यमंत्री दुकान पर रखे कुल्हड़ साफ करने लगे. ये सब देखकर एक बार तो मुंशीलाल भी चौंक गए, लेकिन इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री के साथ आए लोगों को पानी और चाय पिलाई.
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तीन गुना बढ़ी आमदनी : मुंशीलाल ने बताया कि इस दौरान करीब 20 मिनट तक मुख्यमंत्री उनके ढाबे पर रुके. मुख्यमंत्री के आने से ढाबे की आमदनी तीन गुना बढ़ गई है. आम दिनों में दुकान पर आमदनी 400-500 रुपए ही होती थी, लेकिन अब करीब 1500 रुपए प्रति दिन होने लगी है. वीआईपी ग्राहक भी अब चाय पीने के लिए दुकान पर रुकते हैं.