नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय (Supreme court) ने सोमवार को कहा कि वह ‘साइरस इंवेस्मेंट प्राइवेट लिमिटेड’ (सीआईपीएल) की उस याचिका पर सुनवाई 10 दिन बाद करेगा, जिसमें 2021 में एनटीएलएटी (राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय अधिकरण) के आदेश को खारिज करते हुए दिए गए फैसले में साइरस मिस्त्री के खिलाफ कथित तौर पर की कई कुछ टिप्पणियों को हटाने का अनुरोध किया गया है (Supreme Court Agrees to Hear Cyrus Mistry's Plea After 10 Days).
प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ के समक्ष सीआईपीएल और मिस्त्री की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता जनक द्वारकादास ने बताया कि यह याचिका फैसले की ‘‘उन टिप्पणियों को हटाने के लिए है जो मेरी प्रतिष्ठा, गरिमा और चरित्र को ठेस पहुंचाती हैं. इस पर पीठ ने कहा, हम मामले में 10 दिन बाद सुनवाई करेंगे. वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और अभिषेक मनु सिंघवी टाटा समूह की पैरवी कर रहे थे. पीठ ने संकेत दिए कि वह सीआईपीएल और अन्य की याचिका पर नोटिस जारी करेगी. इसके बाद साल्वे ने कहा, इस (याचिका) पर सुनवाई को लेकर हमें गंभीर आपत्ति है.
पीठ ने कहा कि तब वह 10 दिन बाद दोनों पक्षों को सुनेगी. गौरतलब है कि न्यायालय ने 26 मार्च 2021 को एनसीएलएटी के उस फैसले को रद्द कर दिया, जिसमें सायरस मिस्त्री को ‘टाटा समूह’ का दोबारा कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त करने का आदेश दिया गया था. मिस्त्री ने टाटा सन्स प्राइवेट लिमिटेड (टीएसपीएल) का अध्यक्ष पद 2012 में संभाला था और चार वर्ष बाद उन्हें पद से हटा दिया गया था.
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शापूरजी पालोनजी (एसपी) समूह ने न्यायालय से कहा था कि बोर्ड की बैठक में मिस्त्री को टाटा सन्स के अध्यक्ष पद से हटाना ‘खूनी खेल’ और ‘घात’ लगाकर किया गया हमला था. यह कंपनी संचालन के सिद्धान्तों के खिलाफ था. वहीं टाटा समूह ने इन आरोपों को खारिज किया था और कुछ भी गलत करने से इनकार किया था और कहा था कि बोर्ड के पास मिस्त्री को अध्यक्ष पद से हटाने का अधिकार है.