सलेम : तमिलनाडु में एक महिला सफाई कर्मचारी ने चलती बस के सामने कूदकर जान दे दी. पुलिस के अनुसार अपने बेटे को सरकारी मुआवजा दिलाने में मदद करने के लिए उसने ऐसा किया. घटना शहर में चर्चा का विषय बनी है.
सलेम जिला कलेक्टरेट में सफाईकर्मी के रूप में काम करने वाली पापापथी (46) के पति की मौत हो चुकी है. उसकी एक बेटी और एक बेटा है. घटना 28 जून की है. सेलम कॉर्पोरेशन के अंतर्गत अग्रहारम क्षेत्र में एक निजी बस की चपेट में आने से पापापथी (Papapathi) की मृत्यु हो गई. सलेम टाउन पुलिस घटना की जांच कर रही है.
पुलिस ने घटना स्थल पर लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच की. फुटेज में दिख रहा है कि वह सड़क के किनारे चल रही थी लेकिन अचानक एक निजी बस के सामने आ गई. फुटेज की सावधानीपूर्वक जांच करने के बाद, पुलिस इस निष्कर्ष पर पहुंची कि पापापथी ने जानबूझकर अपनी जान दे दी.
पुलिस जांच के मुताबिक 'कॉलेज प्रशासन ने पापापथी के बेटे की कॉलेज फीस 45 हजार रुपये भरने को कहा था. वह पैसे देने में असमर्थ थी. इस वजह से उसने कई लोगों से कर्ज मांगा, लेकिन किसी ने पैसे नहीं दिए और उसकी मदद नहीं की. वह तनाव (depressed) में आ गई थी.'
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि 'पापापथी एक सफाई कर्मचारी के रूप में काम करती थी, इसलिए अगर किसी दुर्घटना में उसकी मृत्यु हो जाती है, तो उसे सरकारी मुआवजा मिलेगा. बताया जाता है कि कुछ लोगों ने उन्हें अपने बेटे की पढ़ाई के लिए मदद लेने या दया के आधार पर अपने बेटे के लिए नौकरी दिलाने की सलाह दी थी. इसी के चलते उसने चलती बस के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली.'
नतीजतन, पुलिस ने दुर्घटना के मामले को आत्महत्या के मामले में बदल दिया है. संपर्क करने पर, स्वच्छता कर्मचारी कल्याण संघ के नेता प्रियस्वामी ने कहा, मृतक पापापथी अनुबंध के आधार पर काम करती थी. अगर वह स्थायी सफाई कर्मचारी होती और स्वच्छता कर्मचारी कल्याण बोर्ड के सदस्य के रूप में पंजीकृत होती, तो सरकार उसकी मौत पर मुआवजे के रूप में एक लाख रुपये तक प्रदान करती.'