चेन्नई (तमिलनाडु): तमिलनाडु में माधवरम पोन्नियाम्मन मेडू अय्यर गार्डन क्षेत्र में मदरसा इस्लामिक स्कूल काम कर रहा है. इसे नसीर नाम के एक व्यक्ति ने इसी इलाके के कोडुंगयूर में रहने वाले अख्तर (26) नाम के व्यक्ति को 3 साल पहले किराए पर दिया था. इसी इस्लामिक स्कूल में बिहार का रहने वाला अब्दुल्ला (20) बच्चों को पढ़ाने का काम करता है. इस स्कूल में बिहार राज्य के 10-12 साल के बीच के 12 लड़के और लड़कियां इस्लामी पाठ सीखने के लिए यहां रह रहे थे.
पुलिस को इस मामले में गुप्त सूचना मिली थी कि इस स्कूल में कुछ बच्चों के चिल्लाने की आवाजें आ रहीं हैं, कोलाथुर के पुलिस उपायुक्त राजाराम ने माधवरम थाने के निरीक्षक व अन्य पुलिसकर्मियों के साथ यहां छापेमारी की. यहां पहुंचने के बाद पुलिस को पता चला कि बच्चें बेहद डरे हुए हैं. पुलिस को जांच के दौरान पता चला कि बच्चों के चेहरे, हाथ, पैर, पीठ और अन्य जगहों पर चोट के निशान थे.
उन्होंने सबसे पहले उन्हें प्राथमिक उपचार दिया और सभी 12 बच्चों को अस्पताल भेजा. बाद में जब पुलिस विभाग ने इसकी जांच की तो पता चला कि बच्चों को बिहार से यहां इस्लामी शिक्षा ग्रहण करने के लिए लाया जाता था और उन्हें यहां शिक्षा देने के लिए रखा जाता था. इस मदरसे को बच्चों के माता-पिता द्वारा मासिक शुल्क दिया जाता था. जांच में सामने आया कि जब बच्चों को भर्ती कर पढ़ाया जा रहा था, तो पाठ समझ में नहीं आने पर लाठी-डंडों से पीटा गया.
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माधवरम थाने के इंस्पेक्टर कलिराज ने मामला दर्ज कर बच्चों की इस स्थिति के लिए जिम्मेदार मदरसे के मालिक अख्तर और शिक्षक अब्दुल्ला दोनों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है. चेन्नई पश्चिम क्षेत्र के संयुक्त पुलिस आयुक्त (पश्चिम) एस राजेश्वरी ने 18 दिसंबर को पेरम्बूर रेलवे स्टेशन से ट्रेन से बच्चों को बिहार भेज दिया.