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Tamil Nadu News : विदेश में मेडिकल की पढ़ाई के नाम पर वसूल लिए 18 लाख रुपये, मामला दर्ज

मेडिकल की पढ़ाई के लिए सेंट टेरेसा यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के लिए लाखों रुपये की धोखाधड़ी के मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है. वहीं पीड़िता की छात्रा की मां ने इस फर्जी विश्वविद्यालय के भारत स्थित आफिस के अलावा अन्य जानकारियां मीडिया के साथ साझा की. पुलिस मामले में जांच कर रही है.

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विदेश में मेडिकल की पढ़ाई के नाम पर वसूल लिए 18 लाख रुपये
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Published : May 31, 2023, 10:40 PM IST

चेन्नई : मेडिकल की पढ़ाई को लेकर सेंट टेरेसा विश्वविद्यालय के नाम पर एक महिला से 18 लाख रुपये की धोखाधड़ी किए जाने का मामला सामने आया है. इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी गई है. तांबरम पुलिस आयुक्त कार्यालय में दर्ज कराई गई शिकायत कर पीड़िता ने अपने और अन्य पीड़ितों के लिए न्याय की गुहार लगाई है. शिकायत के मुताबिक पीड़िता की बेटी रितमीना विदेश में डॉक्टरी की पढ़ाई करना चाहती थी. इसको लेकर उसके विकल्पों का पता करने के लिए परिवार ने परिचितों की मदद मांगी और ऑनलाइन संसाधनों का रुख किया. इसी दौरान उन्हें प्रवीण और सतीश जनार्दन के द्वारा संथानराज और गोकुल से मिलवाया गया. इन लोगों ने विदेशी चिकित्सा कार्यक्रमों में नामांकन में सहायता करने का दावा किया.

इतना ही नहीं इन लोगों ने पीड़ित परिवार को आश्वासन दिया कि उनके रुपये के हिसाब से ही कैरेबियाई द्वीप पर स्थित सेंट टेरेसा विश्वविद्यालय को बता दिया गया है, जो कथित रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका से संबद्ध था. इसके बाद झांसे में आकर पीड़ित परिवार ने मेडिकल ट्यूशन फीस के रूप में 18 लाख रुपये का भुगतान कर दिया, जो 25 हजार डॉलर के बराबर था. वहीं संथानराज और गोकुल दोनों ने 2022 शैक्षणिक वर्ष के लिए रितमीना के विश्वविद्यालय में प्रवेश की पुष्टि करने वाले दस्तावेज प्रदान किए. हालांकि कोविड-19 महामारी की वजह से प्रथम वर्ष के पाठ्यक्रम भारत में ऑनलाइन आयोजित किए जाने थे.

हालांकि जब रितमीना ने अपने दूसरे वर्ष के लिए संयुक्त राज् की यात्रा की तो वह यह जानकर चौंक गई कि जिस जिस विश्वविद्यालय का उल्लेख किया गया था वह मौजूद ही नहीं था. इसके बजाय, कथित स्थान पर विश्वविद्यालय के नाम की एक छोटी सी इमारत मिली. उसको समझते देर नहीं लगी कि वह भी धोखाधड़ी का शिकार हो गई है. इसी तरह की धोखाधड़ी का तमिलनाडु के 40 से अधिक छात्र शिकार हो चुके थे.

मामले में दीया सुबप्रिया ने दूसरों को धोखा देने से रोकने के लिए 31 मई 2023 को तांबरम पुलिस आयुक्त कार्यालय में एक औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है. इस संबंध में उन्होंने मीडिया से बात करते बताया कि धोखाधड़ी कर रकम ऐंठने वालों से यदि रुपये वापस करने के लिए कहते हैं, तो उनके द्वारा नए छात्रों से पैसे लेने के बाद उन्हें पैसे देने की बात कही जाती है. उन्होंने कहा कि इस फर्जी विश्वविद्यालय का भारतीय प्रवेश कार्यालय कनाथुर में ईस्ट कोस्ट रोड पर संचालित होता है.

यह घटना विदेशों में शैक्षिक अवसरों की तलाश करने वाले व्यक्तियों के लिए सावधानी बरतने और संस्थानों की वैधता को पूरी तरह से सत्यापित करने के लिए एक गंभीरता से कार्य करने के लिए प्रेरित करती है. काफी खोजबीन करनेऔर अपरिचित व्यक्तियों या संगठनों से सावधान रहने से ऐसे घोटालों का शिकार होने से बचने में मदद मिल सकती है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.

ये भी पढ़ें - Online Banking Fraud: ब्रिटेन में भारतीय मूल के किशोर पर ऑनलाइन बैंकिंग धोखाधड़ी का आरोप

चेन्नई : मेडिकल की पढ़ाई को लेकर सेंट टेरेसा विश्वविद्यालय के नाम पर एक महिला से 18 लाख रुपये की धोखाधड़ी किए जाने का मामला सामने आया है. इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी गई है. तांबरम पुलिस आयुक्त कार्यालय में दर्ज कराई गई शिकायत कर पीड़िता ने अपने और अन्य पीड़ितों के लिए न्याय की गुहार लगाई है. शिकायत के मुताबिक पीड़िता की बेटी रितमीना विदेश में डॉक्टरी की पढ़ाई करना चाहती थी. इसको लेकर उसके विकल्पों का पता करने के लिए परिवार ने परिचितों की मदद मांगी और ऑनलाइन संसाधनों का रुख किया. इसी दौरान उन्हें प्रवीण और सतीश जनार्दन के द्वारा संथानराज और गोकुल से मिलवाया गया. इन लोगों ने विदेशी चिकित्सा कार्यक्रमों में नामांकन में सहायता करने का दावा किया.

इतना ही नहीं इन लोगों ने पीड़ित परिवार को आश्वासन दिया कि उनके रुपये के हिसाब से ही कैरेबियाई द्वीप पर स्थित सेंट टेरेसा विश्वविद्यालय को बता दिया गया है, जो कथित रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका से संबद्ध था. इसके बाद झांसे में आकर पीड़ित परिवार ने मेडिकल ट्यूशन फीस के रूप में 18 लाख रुपये का भुगतान कर दिया, जो 25 हजार डॉलर के बराबर था. वहीं संथानराज और गोकुल दोनों ने 2022 शैक्षणिक वर्ष के लिए रितमीना के विश्वविद्यालय में प्रवेश की पुष्टि करने वाले दस्तावेज प्रदान किए. हालांकि कोविड-19 महामारी की वजह से प्रथम वर्ष के पाठ्यक्रम भारत में ऑनलाइन आयोजित किए जाने थे.

हालांकि जब रितमीना ने अपने दूसरे वर्ष के लिए संयुक्त राज् की यात्रा की तो वह यह जानकर चौंक गई कि जिस जिस विश्वविद्यालय का उल्लेख किया गया था वह मौजूद ही नहीं था. इसके बजाय, कथित स्थान पर विश्वविद्यालय के नाम की एक छोटी सी इमारत मिली. उसको समझते देर नहीं लगी कि वह भी धोखाधड़ी का शिकार हो गई है. इसी तरह की धोखाधड़ी का तमिलनाडु के 40 से अधिक छात्र शिकार हो चुके थे.

मामले में दीया सुबप्रिया ने दूसरों को धोखा देने से रोकने के लिए 31 मई 2023 को तांबरम पुलिस आयुक्त कार्यालय में एक औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है. इस संबंध में उन्होंने मीडिया से बात करते बताया कि धोखाधड़ी कर रकम ऐंठने वालों से यदि रुपये वापस करने के लिए कहते हैं, तो उनके द्वारा नए छात्रों से पैसे लेने के बाद उन्हें पैसे देने की बात कही जाती है. उन्होंने कहा कि इस फर्जी विश्वविद्यालय का भारतीय प्रवेश कार्यालय कनाथुर में ईस्ट कोस्ट रोड पर संचालित होता है.

यह घटना विदेशों में शैक्षिक अवसरों की तलाश करने वाले व्यक्तियों के लिए सावधानी बरतने और संस्थानों की वैधता को पूरी तरह से सत्यापित करने के लिए एक गंभीरता से कार्य करने के लिए प्रेरित करती है. काफी खोजबीन करनेऔर अपरिचित व्यक्तियों या संगठनों से सावधान रहने से ऐसे घोटालों का शिकार होने से बचने में मदद मिल सकती है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.

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