चेन्नई : तमिलनाडु के मंत्री वी. सेंथिल बालाजी की न्यायिक हिरासत की अवधि 14 दिनों के लिए बढ़ायी गई. चेन्नई सैद्धांतिक सत्र न्यायालय ने जेल में बंद सेंथिल बालाजी के मामले की सुनवाई करते हुए उनके न्यायिक हिरासत को 13 अक्टूबर तक बढ़ा दी है. गौरतलब है कि पीएमएलए मामले में सेंथिल बालाजी को गिरफ्तार किया गया था. आज उन्हें पुजलाल जेल से वीसी के जरिए पेश किया गया. गौरतलब है कि चेन्नई में विशेष एमपी/एमएलए अदालत ने सेंथिल बालाजी की न्यायिक हिरासत 28 अगस्त तक बढ़ाई थी. इसके बाद मामले को चेन्नई में जिला कलेक्टरेट में सांसदों और विधायकों के खिलाफ मामलों की सुनवाई करने वाली एक विशेष अदालत को स्थानांतरित कर दिया गया, जहां सेंथिल बालाजी की न्यायिक हिरासत को 15 सितंबर तक बढ़ा दी गई.
इसके बाद मद्रास हाई कोर्ट के आदेश पर उनके मामले को मद्रास प्रिंसिपल सेशंस कोर्ट को सौंप दिया गया, जहां 20 सितंबर को सेंथिल बालाजी की जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी और वो जेल में बंद थे. आज (29 सितंबर) को उनकी न्यायिक हिरासत समाप्त हो रही थी, लेकिन न्यायमूर्ति एस. अली ने इससे पहले सेंथिल बालाजी की न्यायिक हिरासत 13 अक्टूबर तक बढ़ा दी. इसके साथ, मंत्री की न्यायिक हिरासत सातवीं बार बढ़ी है.
बता दें कि सेंथिल बालाजी को 2015 के नौकरी घोटाले के सिलसिले में 14 जून को ईडी ने गिरफ्तार किया था. ईडी ने 12 अगस्त को चेन्नई के प्रिंसिपल सेशन कोर्ट में मंत्री के खिलाफ तीन हजार पेज की चार्जशीट दाखिल की थी. वर्तमान में, हार्ट बाईपास सर्जरी के बाद उनका एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है. राज्यपाल आर.एन. रवि ने सेंथिल बालाजी की गिरफ्तारी के बाद उन्हें मंत्रिपरिषद से बर्खास्त कर दिया था. लेकिन मुख्यमंत्री स्टालिन ने इस कदम को लेकर राज्यपाल पर हमला बोला और कहा कि उनके पास बर्खास्त करने का कोई अधिकार नहीं है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी सेंथिल बालाजी की गिरफ्तारी की निंदा की थी और मंत्री को सलाखों के पीछे डालने की तत्काल आवश्यकता पर सवाल उठाया था.
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