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हिंदी भाषी लोग बेचते हैं 'पानी पुरी' के बयान पर तमिलनाडु के मंत्री ने दी सफाई - Bharathiar University Pani puri controversy

तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री के पोनमुडी अपने बयान पर स्पष्टीकरण जारी किया है. बता दें कि मंत्री ने दीक्षांत समारोह में कहा कि हिंदी भाषा बोलने वाले पानी पुरी बेचते हैं. अपने स्पष्टीकरण में कहा कि उन्होंने हिंदी भाषा पर चल रही बहस पर कहा था उनका उद्देश्य हिंदी भाषा की बेइज्ती करना नहीं था.

तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री के पोनमुडी
तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री के पोनमुडी
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Published : May 14, 2022, 11:54 AM IST

कोयंबटूर (तमिलनाडु) : तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री के पोनमुडी ने भाषा पर चल रही बहस में विवादित बयान देने के बाद शुक्रवार को सफाई दी है. अपने बयान में मंत्री ने दावा किया था कि राज्य में हिंदी भाषी लोग 'पानी पुरी' बेचते हैं. उन्होंने इस तर्क के पीछे के तर्क पर सवाल उठाते हुए एक विवादास्पद बयान दिया कि हिंदी सीखने से रोजगार के अधिक अवसर खुल सकते हैं. हालांकि उन्होंने यह दावा किया कि हिंदी बोलने वाले यहां ब्यूरोक्रेट भी हैं. भरथियार विश्वविद्यालय में एक दीक्षांत समारोह में मंत्री पोनमुडी ने कहा, "अगर यह तर्क सही था कि हिंदी सीखने से रोजगार के अधिक अवसर खुल सकते हैं, तो हिंदू भाषा बोलने वाले यहां 'पानी पुरी' क्यों बेच रहे हैं?"

बहुत आलोचना के बाद, मंत्री ने एक स्पष्टीकरण जारी किया और कहा, "तमिलनाडु के विभिन्न व्यक्ति उत्तरी राज्यों में जाकर काम करते हैं. मैंने इस संदर्भ में कहा कि उत्तर के विभिन्न व्यक्ति यहां आते हैं और काम करते हैं क्योंकि उत्तरी राज्यों में कोई काम उपलब्ध नहीं है." कर्नाटक के पूर्व सीएम और विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने संघ पर कहा था, "हिंदी न तो राष्ट्रभाषा है और न ही संपर्क भाषा. संघीय व्यवस्था में कोई किसी भाषा को जबरदस्ती थोप नहीं सकता. हमें अन्य भाषाएं सीखने में कोई दिक्कत नहीं है." मंत्री की टिप्पणी 'हिंदी को अंग्रेजी के विकल्प के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए.

हिंदी को थोपने पर तीखी बहस के बीच मंत्री की टिप्पणी आई, जो अभिनेता अजय अजय देवगन और किच्चा सुदीप के बीच एक ट्विटर विवाद के बाद भड़क उठी. बॉलीवुड अभिनेता अजय देवगन, दक्षिण स्टार किच्चा सुदीपा के बाद की टिप्पणी के बाद शब्दों के युद्ध में पड़ गए कि हिंदी अब भारत की राष्ट्रीय भाषा नहीं है. मीडिया की खबरों के अनुसार, एक इवेंट के दौरान सुदीपा ने कहा कि "हिंदी अब राष्ट्रभाषा नहीं रही." इसके बाद देवगन ने अपने ट्विटर हैंडल पर सुदीपा की टिप्पणी पर अपने विचार व्यक्त किए.

हिंदी में उन्होंने (देवगन) लिखा, "किच्चा सुदीप, मेरे भाई, आपके अनुसार, अगर हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा नहीं है तो आप अपनी मूल भाषा [मातृभाषा] फिल्मों को हिंदी में डब करके क्यों रिलीज करते हैं? हिंदी थी, है और हमेशा रहेगी. हमारी मातृभाषा और राष्ट्रभाषा हो. जन गण मन." कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई द्वारा सुदीप को समर्थन देने के बाद दोनों का ट्विटर एक्सचेंज जल्द ही राजनीतिक हो गया और कहा कि क्षेत्रीय भाषा सबसे महत्वपूर्ण है. कर्नाटक के विपक्षी नेताओं एचडी कुमारस्वामी और सिद्धारमैया ने भी देवगन और सुदीपा के ट्विटर एक्सचेंज पर टिप्पणी की। (एएनआई)

यह भी पढ़ें-Language Controversy: तमिलनाडु के मंत्री का तीखा बयान, पानी पूरी बेचते हैं हिंदी बोलने वाले

एएनआई

कोयंबटूर (तमिलनाडु) : तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री के पोनमुडी ने भाषा पर चल रही बहस में विवादित बयान देने के बाद शुक्रवार को सफाई दी है. अपने बयान में मंत्री ने दावा किया था कि राज्य में हिंदी भाषी लोग 'पानी पुरी' बेचते हैं. उन्होंने इस तर्क के पीछे के तर्क पर सवाल उठाते हुए एक विवादास्पद बयान दिया कि हिंदी सीखने से रोजगार के अधिक अवसर खुल सकते हैं. हालांकि उन्होंने यह दावा किया कि हिंदी बोलने वाले यहां ब्यूरोक्रेट भी हैं. भरथियार विश्वविद्यालय में एक दीक्षांत समारोह में मंत्री पोनमुडी ने कहा, "अगर यह तर्क सही था कि हिंदी सीखने से रोजगार के अधिक अवसर खुल सकते हैं, तो हिंदू भाषा बोलने वाले यहां 'पानी पुरी' क्यों बेच रहे हैं?"

बहुत आलोचना के बाद, मंत्री ने एक स्पष्टीकरण जारी किया और कहा, "तमिलनाडु के विभिन्न व्यक्ति उत्तरी राज्यों में जाकर काम करते हैं. मैंने इस संदर्भ में कहा कि उत्तर के विभिन्न व्यक्ति यहां आते हैं और काम करते हैं क्योंकि उत्तरी राज्यों में कोई काम उपलब्ध नहीं है." कर्नाटक के पूर्व सीएम और विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने संघ पर कहा था, "हिंदी न तो राष्ट्रभाषा है और न ही संपर्क भाषा. संघीय व्यवस्था में कोई किसी भाषा को जबरदस्ती थोप नहीं सकता. हमें अन्य भाषाएं सीखने में कोई दिक्कत नहीं है." मंत्री की टिप्पणी 'हिंदी को अंग्रेजी के विकल्प के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए.

हिंदी को थोपने पर तीखी बहस के बीच मंत्री की टिप्पणी आई, जो अभिनेता अजय अजय देवगन और किच्चा सुदीप के बीच एक ट्विटर विवाद के बाद भड़क उठी. बॉलीवुड अभिनेता अजय देवगन, दक्षिण स्टार किच्चा सुदीपा के बाद की टिप्पणी के बाद शब्दों के युद्ध में पड़ गए कि हिंदी अब भारत की राष्ट्रीय भाषा नहीं है. मीडिया की खबरों के अनुसार, एक इवेंट के दौरान सुदीपा ने कहा कि "हिंदी अब राष्ट्रभाषा नहीं रही." इसके बाद देवगन ने अपने ट्विटर हैंडल पर सुदीपा की टिप्पणी पर अपने विचार व्यक्त किए.

हिंदी में उन्होंने (देवगन) लिखा, "किच्चा सुदीप, मेरे भाई, आपके अनुसार, अगर हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा नहीं है तो आप अपनी मूल भाषा [मातृभाषा] फिल्मों को हिंदी में डब करके क्यों रिलीज करते हैं? हिंदी थी, है और हमेशा रहेगी. हमारी मातृभाषा और राष्ट्रभाषा हो. जन गण मन." कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई द्वारा सुदीप को समर्थन देने के बाद दोनों का ट्विटर एक्सचेंज जल्द ही राजनीतिक हो गया और कहा कि क्षेत्रीय भाषा सबसे महत्वपूर्ण है. कर्नाटक के विपक्षी नेताओं एचडी कुमारस्वामी और सिद्धारमैया ने भी देवगन और सुदीपा के ट्विटर एक्सचेंज पर टिप्पणी की। (एएनआई)

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