चेन्नई: द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (DMK) महिला टीम की ओर से चेन्नई के नंदनम वाईएमसीए मैदान में 'डीएमके महिला अधिकार सम्मेलन' का आयोजन किया गया. इसमें तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के.स्टालिन ने महिला आरक्षण को लेकर केंद्र में बीजेपी की सरकार पर हमला किया.
सीएम स्टालिन ने महिला अधिकार सम्मेलन में कहा, 'मैं कार्यक्रम में मौजूद सभी नेताओं से अपील करना चाहूंगा. एकजुटता से ही भाजपा को हराया जा सकता है. तमिलनाडु 2019 चुनाव के बाद से यह साबित कर रहा है. तमिलनाडु की तरह भारत के सभी राज्यों में एक संयुक्त गठबंधन बनाया जाना चाहिए. यदि भाजपा का विरोध करने वाली सभी पार्टियां अपने छोटे-मोटे मतभेद भुलाकर एकजुट हो जाएं, तो हम निश्चित रूप से भाजपा को हरा सकते हैं. मैं सभी बहनों से अनुरोध करता हूं कि वे अपनी पार्टी के नेताओं को भी यह संदेश दें.'
आगे बोलते हुए सीएम ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक देश, एक भाषा, एक धर्म, एक संस्कृति, एक चुनाव, एक पसंद,एक भोजन के नाम पर एकदलीय शासन लाने की कोशिश कर रहे हैं. अगर ऐसा होता है तो यह एक आदमी की तानाशाही को बढ़ावा देगा. इसलिए संसदीय चुनावों में भाजपा को पूरी तरह से हराया जाना चाहिए.
जैसे-जैसे संसदीय चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वे संसद और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का कानून लाकर महिलाओं को धोखा दे रहे हैं. महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण न मिले, इस साजिश के तहत भाजपा ने यह कानून पारित किया. अगर यह कानून कहता है कि आगामी संसदीय और विधानसभा चुनावों में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा, तो हम सभी पीएम मोदी की सराहना कर सकते हैं.'
भाजपा वह पार्टी है जो सोचती है कि महिलाओं को कोई अधिकार नहीं मिलना चाहिए और उन्हें घर के अंदर पंगु बना देना चाहिए. पूर्व पीएम राजीव गांधी सबसे पहले स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए आरक्षण सुनिश्चित करने वाले थे. इसके बाद 1996 में करुणानिधि तमिलनाडु में स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए आरक्षण प्रदान करने वाले पहले व्यक्ति थे. अब 50 प्रतिशत स्थानीय निकायों पर महिलाओं का कब्जा है.