नई दिल्ली : नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालिम (NSCN-IM) के साथ बहुप्रचारित वार्ता अगले सप्ताह से नई दिल्ली में फिर से शुरू होगी. अलग झंडा, अलग संविधान की मांग को लेकर नगा नेताओं और पूर्व वार्ताकार आरएन रवि के बीच मतभेदों के बाद पिछले एक साल से जो बातचीत अंतिम चरण में है, उसे रोक दिया गया था.
पहले दौर की बातचीत सोमवार को हो सकती है. जहां असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो के नागा नेतृत्व के साथ बैठने की संभावना है. बैठक में कई नागा संगठनों के समूह नागा राजनीतिक समूह (एनपीजी) के प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे.
गृह मंत्रालय के सूत्रों ने ईटीवी भारत को बताया कि बैठक महत्वपूर्ण होगी क्योंकि यह पहली बार है दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री उपस्थित होंगे. हाल के दिनों में मुख्यमंत्री सरमा को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने वार्ता प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने के लिए कहा है ताकि जल्द से जल्द नगा शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए जा सकें.
हाल ही में, रियो और सरमा दोनों एनएससीएन (आईएम) नेताओं को बातचीत के लिए नागा नेताओं को मनाने के लिए मनाने के लिए बातचीत में लगे हुए थे. सरकार ने हाल ही में वार्ताकार रवि का तबादला तमिलनाडु के राज्यपाल के रूप में नगा नेताओं द्वारा उठाई गई मांग के बाद किया है.
आईबी के पूर्व विशेष निदेशक एके मिश्रा ने वार्ता प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी ली है. दरअसल अपना नया कार्यभार मिलने के तुरंत बाद मिश्रा ने दीमापुर में नागा नेता के साथ दो दौर की बातचीत की. एनएससीएन-आईएम 2015 में संगठन और केंद्र सरकार के बीच हस्ताक्षरित फ्रेमवर्क समझौते को लागू करने की मांग कर रहा है.
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घटनाक्रम पर ईटीवी भारत से बात करते हुए नागा फोरम दिल्ली के अध्यक्ष कॉर्नेलियस लाना ने कहा कि हम नागा राजनीतिक विवाद के जल्द समाधान की उम्मीद कर रहे हैं. लंबे समय से बात चल रही है और अब इसका समाधान पाने का सही समय आ गया है. जो नागा लोगों की आशाओं और प्रेरणा को पूरा कर सके. लाना ने कहा कि शांति समझौते का असर पूरे पूर्वोत्तर में दिखेगा.