पटना: उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Deputy CM Tejashwi Yadav) दिल्ली में आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव से मिलने के बाद पटना लौट आए हैं. सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) से उनकी मुलाकात हो चुकी है. सीएम आवास में दोनों नेताओं के बीच मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर काफी देर तक चर्चा हुई है. महागठबंधन में सात दल शामिल हैं लेकिन माले ने सरकार में शामिल नहीं होने का फैसला लिया है. वहीं, जेडीयू अपने अधिकांश मंत्रियों को रिपीट करने की तैयारी कर रहा है. उपेंद्र कुशवाहा समेत कुछ नए चेहरे शामिल हो सकते हैं. असल परेशानी आरजेडी और कांग्रेस में है, क्योंकि दोनों दलों में मंत्री पद के लिए कई दावेदार हैं.
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16 अगस्त को बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार संभव: पटना लौटने के बाद तेजस्वी और नीतीश कुमार की मुख्यमंत्री आवास में चर्चा हुई है. गृह मंत्रालय और विधानसभा अध्यक्ष को लेकर अभी तक कुछ भी अस्पष्ट नहीं है. वैसे नीतीश कुमार गृह मंत्रालय आरजेडी को देंगे, इसकी संभावना कम है. वहीं आरजेडी को विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी मिलेगी, यह तय माना जा रहा है. जबकि विधान परिषद के सभापति का पद जेडीयू के खाते में जाएगा. फिलहाल दोनों पद बीजेपी के कोटे में है. जहां तक मंत्रिमंडल में सदस्यों की संख्या की बात है तो आरजेडी को 16 से 20 के बीच मंत्री पद मिलेगा, जबकि जेडीयू को 12 मंत्री पद मिलना तय है. वहीं, कांग्रेस को तीन मंत्री पद मिलेगा. जीतन राम मांझी की पार्टी हम की तरफ से मांझी के बेटे संतोष सुमन का फिर से मंत्री बनना तय है. इसके अलावे एकमात्र निर्दलीय विधायक सुमित सिंह का भी मंत्री बनना तय है. नीतीश और तेजस्वी मंत्रिमंडल में अधिकतम 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं लेकिन संभव है कुछ मंत्री पद खाली भी रखा जाए.
वित्त-स्वास्थ्य समेत बीजेपी कोटे के पद आरजेडी को: 2015 में जब नीतीश कुमार ने महागठबंधन का नेतृत्व किया था और जब सरकार बनी थी तो आरजेडी को बीजेपी कोटे के अधिकांश मंत्री पद मिले थे और इस बार भी बीजेपी कोटे वाले अधिकांश मंत्री पद सड़क, वित्त, स्वास्थ्य और कृषि विभाग आरजेडी को मिलेंगे, यह भी तय है. कुछ विभागों को लेकर कांग्रेस की तरफ से दावेदारी हो सकती है लेकिन नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव कुल मिलाकर चेहरों को लेकर ही अब मंथन कर रहे हैं और उसे अंतिम रूप दे रहे हैं.
आरजेडी-कांग्रेस में दावेदारों की भरमार: मंत्री पद को लेकर आरजेडी खेमे में भी कई लोग उम्मीद लगाए बैठे हैं. तेज प्रताप यादव, आलोक मेहता, अनीता देवी, सुनील कुमार सिंह, भाई बिरेंद्र के साथ-साथ एआईएमआईएम से आए 4 विधायकों से भी कम से कम एक का मंत्री बनना तय माना जा रहा है. दूसरी तरफ कांग्रेस में मदन मोहन झा के फिर से मंत्री बनने की चर्चा है. उनके अलावा शकील अहमद खां और अजीत शर्मा भी दावेदारों में है. हालांकि कांग्रेस के कई विधायकों ने विभिन्न माध्यमों से भी अपनी दावेदारी दिखाई है. ऐसे में माना जा रहा है कि अगर मंत्री पद नहीं मिला तो कांग्रेस के अंदर विवाद भी देखने को मिल सकता है.
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जेडीयू में पुराने चेहरों को मिलेगा मौका: वहीं जेडीयू में अधिकांश पुराने मंत्री को ही फिर से मौका दिया जाएगा. नए नामों में उपेंद्र कुशवाहा के नाम की सबसे अधिक चर्चा है. इसके अलावा महेश्वर हजारी भी दावेदारों में हैं. विधानसभा अध्यक्ष को लेकर आरजेडी के अवध बिहारी चौधरी के नाम की चर्चा हो रही है. ऐसे में देखना होगा कि क्या कुछ फैसला होता है. वैसे मंत्रिमंडल को लेकर नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच मंथन का दौर लगातार जारी है. वहीं दूसरे घटक दल के नेता भी लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात कर रहे हैं और अपनी तरफ से सुझाव भी दे रहे हैं. माले की तरफ से दीपांकर भट्टाचार्य के नेतृत्व में भी टीम मुख्यमंत्री से मिल चुकी है और सरकार को बाहर से समर्थन देने की बात कही है. कुल मिलाकर नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव क्षेत्रीय समीकरण के साथ सामाजिक समीकरण का भी मंत्रिमंडल विस्तार में पूरा ध्यान रखेंगे यह है.
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