नई दिल्ली : एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति गौतम अडाणी (gautam adani) के नेतृत्व वाले अडाणी ग्रुप (Adani Group) ने टेलीविजन चैनल NDTV लिमिटेड में 29.18 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया है (NDTV takeover). ग्रुप ने कंपनी में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी और खरीदने के लिए भी ऑफर दिया है. उसने अपनी खुली पेशकश में कहा है कि ये ऑफर 5 दिसंबर, 2022 तक खुला रहेगा.
इस बीच ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी ने फाइनेंशियल टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि 'एनडीटीवी की खरीद उनके लिए एक 'व्यावसायिक अवसर' के बजाय एक 'जिम्मेदारी' थी. साथ ही उन्होंने एनडीटीवी के मालिक-संस्थापक प्रणय रॉय को इसके प्रमुख बने रहने के लिए आमंत्रित किया है.
अरबपति गौतम अडानी ने कहा है कि उनका समूह एक वैश्विक समाचार ब्रांड का निर्माण करना चाहता है. उन्होंने कहा कि 'आप स्वतंत्र होने और वैश्विक पदचिह्न रखने के लिए एक मीडिया हाउस का समर्थन क्यों नहीं कर सकते?'
दरअसल अधिग्रहण की इस बोली ने देश में मीडिया स्वतंत्रता पर बहस शुरू कर दी है. अडाणी को मोदी सरकार के पक्ष में माना जाता है, जबकि एनडीटीवी हमेशा सरकार के खिलाफ मुद्दों को उठाता रहा है.
उन्होंने इंटरव्यू में कहा कि 'स्वतंत्रता का मतलब है कि अगर सरकार ने कुछ गलत किया है, तो आप उसे गलत कहें, लेकिन साथ ही आपको ये भी हिम्मत रखनी चाहिए जब सरकार हर दिन सही काम कर रही हो तो आपको यह भी बताने होंगे.'
136 बिलियन डॉलर की संपत्ति के साथ दुनिया के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति अडाणी ने कहा कि उनके समूह के पैमाने और आकार का मतलब है कि एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया समूह बनाने के लिए 'नगण्य' लागत होगी. गौरतलब है कि अडाणी की नई मीडिया इकाई एएमजी मीडिया नेटवर्क्स लिमिटेड ने भी इस साल बिजनेस न्यूज प्लेटफॉर्म बीक्यू प्राइम में हिस्सेदारी खरीदी है, जिसे पहले ब्लूमबर्गक्विंट कहा जाता था.
सुपर एप लॉन्च करने की योजना : वहीं, फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, अडाणी ने कहा कि उनका पोर्ट-टू-पॉवर समूह भी अगले तीन-छह महीनों में अडाणी हवाई अड्डे के यात्रियों को अदानी समूह की अन्य सेवाओं से जोड़ने के लिए एक 'सुपर एप' लॉन्च करने की योजना बना रहा है.
उन्होंने कहा कि वह अपने मुंद्रा बंदरगाह और गुजरात में विशेष आर्थिक क्षेत्र में एक पेट्रोकेमिकल परिसर में 4 अरब डॉलर से अधिक का निवेश करने पर विचार कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'भारी मांग खुल रही है और भारत के पास पर्याप्त हाइड्रोकार्बन नहीं है.'
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