नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Union Health Minister Mansukh Mandaviya) ने रविवार को कहा कि 15-18 वर्ष आयु समूह के किशोरों के टीकाकरण (15-18 age group vaccination) के दौरान कोविड टीकों में घालमेल से बचने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अलग-अलग टीकाकरण केंद्र स्थापित करने सहित आवश्यक उपाय करने चाहिए. 15-18 वर्ष आयु समूह के किशोरों का टीकाकरण तीन जनवरी से शुरू होगा.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नए दिशानिर्देशों के अनुसार, 15-18 आयु वर्ग के लोगों को केवल कोवैक्सीन ही दिया जाएगा. देश की वयस्क आबादी को कोवैक्सीन के अलावा कोविशील्ड और स्पुतनिक V टीके दिये जा रहे हैं.
-
आज सभी राज्यों व UTs के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ देश में कोरोना की स्थिति, ऑमिक्रान, टीकाकरण, हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर, बच्चों के टीकाकरण, ऑक्सिजन समेत हर पहलू पर विस्तार से चर्चा की।
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) January 2, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
मेरा विश्वास है की PM @NarendraModi जी के नेतृत्व में कोरोना से लड़ाई में हम सब मिलकर काम करेंगे pic.twitter.com/v8cq5oxqHe
">आज सभी राज्यों व UTs के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ देश में कोरोना की स्थिति, ऑमिक्रान, टीकाकरण, हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर, बच्चों के टीकाकरण, ऑक्सिजन समेत हर पहलू पर विस्तार से चर्चा की।
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) January 2, 2022
मेरा विश्वास है की PM @NarendraModi जी के नेतृत्व में कोरोना से लड़ाई में हम सब मिलकर काम करेंगे pic.twitter.com/v8cq5oxqHeआज सभी राज्यों व UTs के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ देश में कोरोना की स्थिति, ऑमिक्रान, टीकाकरण, हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर, बच्चों के टीकाकरण, ऑक्सिजन समेत हर पहलू पर विस्तार से चर्चा की।
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) January 2, 2022
मेरा विश्वास है की PM @NarendraModi जी के नेतृत्व में कोरोना से लड़ाई में हम सब मिलकर काम करेंगे pic.twitter.com/v8cq5oxqHe
दिशानिर्देशों का सुचारू कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए, मंडाविया ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों और प्रमुख सचिवों तथा स्वास्थ्य संबंधी अतिरिक्त मुख्य सचिवों के साथ ऑनलाइन बातचीत की.
मंडाविया ने कहा, 'टीकाकरण के दौरान टीकों के घालमेल से बचने के लिए, अलग कोविड टीकाकरण केंद्र (सीवीसी), अलग सत्र स्थल, अलग कतार (उसी सत्र में जहां वयस्क टीकाकरण चल रहा है) और अलग टीकाकरण टीम (यदि एक ही सत्र स्थल हो) होनी चाहिए.'
बयान में कहा गया है कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सलाह दी गई है कि वे कोविन के जरिए लाभार्थियों का जिलावार अनुमान लगाकर और पहले से ही चिह्नित स्थलों के लिए कोवैक्सिन वितरण की योजना बनाकर टीके की अपनी आवश्यकता साझा करें.
मंडाविया ने ओमीक्रोन स्वरूप के बढ़ते मामलों को देखते हुए कोविड-19 के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य तैयारियों और राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान की प्रगति की समीक्षा की. बयान में कहा गया है कि उन्होंने 15-18 वर्ष आयु वर्ग के लिए टीकाकरण और चिह्नित संवेदनशील वर्गों के लिए एहतियाती खुराक (तीसरी खुराक) के लिए हाल के फैसलों की भी समीक्षा की.
ऑनलाइन बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने की. मंडाविया ने कहा कि ओमीक्रोन स्वरूप अत्यधिक संक्रामक है, जिसके कारण मामलों में उच्च वृद्धि से चिकित्सा प्रणाली प्रभावित हो सकती है.
बयान में कहा गया है कि केंद्रीय मंत्री ने राज्यों को कोरोना के मामले में अत्यधिक वृद्धि के मद्देनजर बुनियादी ढांचे में सुधार करने में कोई कसर नहीं छोड़ने की सलाह दी, ताकि भारत महामारी के इस प्रकरण से बच सके.
मंडाविया ने कहा कि इस संबंध में, कोविड के विभिन्न स्वरूपों के बावजूद, तैयारी और सुरक्षा के उपाय समान हैं. उन्होंने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से जमीनी स्तर पर काम करने और निगरानी और नियंत्रण तंत्र को मजबूत करने के लिए अपनी टीमों को फिर से सक्रिय करने का आग्रह किया.
यह भी पढ़ें- कोविड टीकाकरण को लेकर विदेशी मीडिया रिपोर्ट्स को भारत ने बताया भ्रामक
टीकाकरण के महत्व को रेखांकित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमें पात्र लाभार्थियों के लिए 15-18 वर्ष आयु वर्ग के किशोरों के टीकाकरण और एहतियाती खुराक के संबंध में योजना बनाने पर ध्यान देना चाहिए. मंडाविया ने यह भी बताया कि केंद्र सरकार द्वारा बुनियादी ढांचे और वैक्सीन उत्पादन में तेजी लाने के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं.
बैठक में उपस्थित स्वास्थ्य मंत्रियों में एस पांगन्यू फोम (नगालैंड), एनके दास (ओडिशा), डॉ प्रभुराम चौधरी (मध्य प्रदेश), एमए सुब्रमण्यम (तमिलनाडु), केशब महंत (असम), अनिल विज (हरियाणा), सत्येंद्र जैन (दिल्ली), अलो लिबांग (अरुणाचल प्रदेश), बन्ना गुप्ता (झारखंड), मंगल पांडे (बिहार), टीएस सिंह देव (छत्तीसगढ़) और चंद्रिमा भट्टाचार्जी (पश्चिम बंगाल) शामिल थे.
(पीटीआई-भाषा)