नयी दिल्ली : कोरोना वायरस का कहर कम होने के बाद यूरोप जाने की चाहत रखने वाले भारतीयों के लिए टीकाकरण के बाद खड़ा हुआ संकट अब खत्म हो गया है. विदेश की यात्रा पर जाने की तैयारी कर रहे भारतीय नागरिकों के लिए खुशखबर है. अब वे भारतीय यूरोपीय देशों की यात्रा पर जा सकेंगे. यूरोपीय संघ (EU) के आठ देशों (ऑस्ट्रिया ,जर्मनी , स्लोवेनिया, यूनान,आइसलैंड, आयरलैंड, स्पेन, एस्टोनिया) और स्विट्जरलैंड ने भारत की कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड को मान्यता दे दी है.
यूरोपीय संघ की ओर से भारतीय वैक्सीन कोविशील्ड लगवाने वालों को ग्रीन पास न देने पर मचा बवाल अब थम गया है. बता दें कि यूरोपीय संघ की ओर से भारतीय वैक्सीन कोविशील्ड को मंजूरी नहीं दी गई थी, जिससे इस वैक्सीन को लगवाने वालों को ग्रीन पास नहीं मिल रहा था. इस मामले को भारत सरकार ने बेहद गंभीरता से लिया.
बता दें सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला ने 26 जून को कहा था कि उन्होंने कोविशील्ड का टीका लगवाने वाले भारतीयों को यूरोपीय संघ की यात्रा के दौरान आ रही समस्या का मसला यूरोपीय संघ के उच्चतम स्तर पर उठाया है और इसके जल्द ही समाधान की उम्मीद है.कोविशील्ड वैक्सीन का विकास ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका ने किया है और इसे पुणे स्थित वैक्सीन विनिर्माता द्वारा भारत में बनाया जा रहा है.
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वही पूनावाला ने ट्वीट किया था कि, मुझे पता चला कि कोविशील्ड लेने वाले बहुत से भारतीयों को यूरोपीय संघ की यात्रा को लेकर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. मैं सभी को विश्वास दिलाता हूं कि मैंने इसे उच्चतम स्तर पर उठाया है और उम्मीद है कि इस मामले को जल्द ही नियामकों और राजनयिक स्तर पर हल कर लिया जाएगा.यूरोपीय संघ (ईयू) ने अब तक एस्ट्राजेनेका, ऑक्सफोर्ड द्वारा विकसित वैक्सजेवरिया को ही मान्यता दी है.