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Supreme Court News : सत्येंद्र जैन और लालू प्रसाद की जमानत के खिलाफ सीबीआई और ईडी ने SC में जताई आपत्ति - Lalu Prasad

सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को ईडी और सीबीआई ने दो अलग-अलग मामलों में दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और बिहार में सत्ताधारी गठबंधन में शामिल राजद के प्रमुख लालू प्रसाद की जमानत के खिलाफ याचिकायें दाखिल की थी. दोनों ही मामलों में फिलहाल ईडी और सीबीआई के पक्ष में कोई फैसला नहीं आया है. पढ़ें पूरी खबर...

Supreme Court News
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 26, 2023, 7:34 AM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने धनशोधन मामले में दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येन्द्र जैन की अंतरिम जमानत शुक्रवार को एक सितंबर तक बढ़ा दी. न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने जैन की चिकित्सीय रिपोर्ट का संज्ञान लेने के बाद उन्हें राहत प्रदान कर दी. शीर्ष अदालत ने 24 जुलाई को जैन की अंतरिम जमानत पांच सप्ताह के लिए बढ़ा दी थी. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस. वी. राजू ने अंतरिम जमानत बढ़ाने का पुरजोर विरोध किया.

ईडी ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि यदि स्विमिंग उनकी फिजिकल थेरेपी का हिस्सा है तो वह उन्हें स्विमिंग पुल भी ले जा सकता है, लेकिन कोर्ट उन्हें अब एक दिन की भी जमानत ना दे. एएस बोपन्ना और एमएम सुंदरेश की पीठ के समक्ष ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने जैन के लिए मेडिकल जमानत को और बढ़ाने का कड़ा विरोध किया और अदालत से उन्हें आत्मसमर्पण करने और मामले की सुनवाई तय करने का निर्देश देने को कहा.

राजू ने कहा कि जैन जेल में एक स्विमिंग पूल चाहते हैं. हम कोर्ट को बताना चाहते हैं कि यदि स्वीमिंग उनकी थेरेपी का हिस्सा है तो हम उन्हें स्विमिंग पूल में ले जा सकते हैं. जैन का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी ने कहा कि उनके मुवक्किल रीढ़ की हड्डी के महत्वपूर्ण ऑपरेशन के बाद पुनर्वास के दौर से गुजर रहे हैं. राजू ने अदालत से जैन को दी गई चिकित्सीय सलाह को देखने के लिए कहा कि खड़े होकर स्नान करें... उन्होंने कहा कि आमतौर पर स्नान खड़े होकर ही स्नान किया जाता है.

पीठ ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि क्या करें? अगर वह जेल में फिजियोथेरेपी लेते हैं तो आप उनकी तस्वीरें लेंगे और उन्हें जारी कर देंगे. राजू ने कहा कि हम उन्हें फिजियोथेरेपी के लिए स्विमिंग पूल में ले जाएंगे. राजू ने कहा कि उनके द्वारा दिखाई गई मेडिकल रिपोर्ट में जमानत को एक दिन के लिए भी बढ़ाने की जरूरत नहीं है और उनके साथ किसी भी सामान्य याचिकाकर्ता की तरह व्यवहार किया जाना चाहिए.

शीर्ष अदालत को एक मेडिकल स्थिति रिपोर्ट दिखाई गई जिसमें बताया गया कि 21 जुलाई को रीढ़ की हड्डी के ऑपरेशन के बाद वह स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं और उन्हें शरीर की गतिविधियों पर प्रतिबंध के अलावा फिजियोथेरेपी, जलीय व्यायाम की सलाह दी गई है. दलीलें सुनने के बाद, शीर्ष अदालत ने जैन को दी गई मेडिकल जमानत 1 सितंबर तक बढ़ा दी.

ईडी ने जैन को कथित तौर पर उनसे जुड़ी चार कंपनियों के माध्यम से धनशोधन के आरोप में पिछले साल 30 मई को गिरफ्तार किया था. जैन को ईडी ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत 2017 में उनके खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के बाद गिरफ्तार किया था. निचली अदालत ने सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में उन्हें छह सितंबर, 2019 को नियमित जमानत दे दी थी.

शीर्ष अदालत ने 26 मई को जैन को चिकित्सा आधार पर छह सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत देते हुए कहा था कि किसी भी नागरिक को अपने खर्च पर निजी अस्पताल में अपनी पसंद का इलाज कराने का अधिकार है. एक अन्य हाई-प्रोफाइल मामले में, सीबीआई ने कहा कि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद को चिकित्सा आधार पर चारा घोटाला मामले में जमानत मिलने के बाद बैडमिंटन खेलते देखा गया था.

सीबीआई का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश की पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया कि प्रसाद को जमानत देने का झारखंड उच्च न्यायालय का आदेश 'कानून की दृष्टि से खराब' और 'त्रुटिपूर्ण' था. उन्होंने लालू प्रसाद को दी गई जमानत को रद्द करने की मांग की. डोरंडा कोषागार मामले में उन्हें पांच साल जेल की सजा सुनाई गई है.

प्रसाद का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सीबीआई की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि उनके मुवक्किल की किडनी प्रत्यारोपण सर्जरी हुई है, और इस बात पर जोर दिया कि प्रसाद पहले ही मामले में 42 महीने की कैद काट चुके हैं.

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राजू ने कहा कि वह बैडमिंटन खेल रहे हैं. मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद उन्हें जमानत दे दी गई है. उन्होंने कहा कि मैं प्रदर्शित करूंगा कि उच्च न्यायालय का आदेश पूरी तरह से गड़बड़ है. दलीलें सुनने के बाद शीर्ष अदालत ने मामले को 17 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया.

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने धनशोधन मामले में दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येन्द्र जैन की अंतरिम जमानत शुक्रवार को एक सितंबर तक बढ़ा दी. न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने जैन की चिकित्सीय रिपोर्ट का संज्ञान लेने के बाद उन्हें राहत प्रदान कर दी. शीर्ष अदालत ने 24 जुलाई को जैन की अंतरिम जमानत पांच सप्ताह के लिए बढ़ा दी थी. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस. वी. राजू ने अंतरिम जमानत बढ़ाने का पुरजोर विरोध किया.

ईडी ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि यदि स्विमिंग उनकी फिजिकल थेरेपी का हिस्सा है तो वह उन्हें स्विमिंग पुल भी ले जा सकता है, लेकिन कोर्ट उन्हें अब एक दिन की भी जमानत ना दे. एएस बोपन्ना और एमएम सुंदरेश की पीठ के समक्ष ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने जैन के लिए मेडिकल जमानत को और बढ़ाने का कड़ा विरोध किया और अदालत से उन्हें आत्मसमर्पण करने और मामले की सुनवाई तय करने का निर्देश देने को कहा.

राजू ने कहा कि जैन जेल में एक स्विमिंग पूल चाहते हैं. हम कोर्ट को बताना चाहते हैं कि यदि स्वीमिंग उनकी थेरेपी का हिस्सा है तो हम उन्हें स्विमिंग पूल में ले जा सकते हैं. जैन का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी ने कहा कि उनके मुवक्किल रीढ़ की हड्डी के महत्वपूर्ण ऑपरेशन के बाद पुनर्वास के दौर से गुजर रहे हैं. राजू ने अदालत से जैन को दी गई चिकित्सीय सलाह को देखने के लिए कहा कि खड़े होकर स्नान करें... उन्होंने कहा कि आमतौर पर स्नान खड़े होकर ही स्नान किया जाता है.

पीठ ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि क्या करें? अगर वह जेल में फिजियोथेरेपी लेते हैं तो आप उनकी तस्वीरें लेंगे और उन्हें जारी कर देंगे. राजू ने कहा कि हम उन्हें फिजियोथेरेपी के लिए स्विमिंग पूल में ले जाएंगे. राजू ने कहा कि उनके द्वारा दिखाई गई मेडिकल रिपोर्ट में जमानत को एक दिन के लिए भी बढ़ाने की जरूरत नहीं है और उनके साथ किसी भी सामान्य याचिकाकर्ता की तरह व्यवहार किया जाना चाहिए.

शीर्ष अदालत को एक मेडिकल स्थिति रिपोर्ट दिखाई गई जिसमें बताया गया कि 21 जुलाई को रीढ़ की हड्डी के ऑपरेशन के बाद वह स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं और उन्हें शरीर की गतिविधियों पर प्रतिबंध के अलावा फिजियोथेरेपी, जलीय व्यायाम की सलाह दी गई है. दलीलें सुनने के बाद, शीर्ष अदालत ने जैन को दी गई मेडिकल जमानत 1 सितंबर तक बढ़ा दी.

ईडी ने जैन को कथित तौर पर उनसे जुड़ी चार कंपनियों के माध्यम से धनशोधन के आरोप में पिछले साल 30 मई को गिरफ्तार किया था. जैन को ईडी ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत 2017 में उनके खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के बाद गिरफ्तार किया था. निचली अदालत ने सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में उन्हें छह सितंबर, 2019 को नियमित जमानत दे दी थी.

शीर्ष अदालत ने 26 मई को जैन को चिकित्सा आधार पर छह सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत देते हुए कहा था कि किसी भी नागरिक को अपने खर्च पर निजी अस्पताल में अपनी पसंद का इलाज कराने का अधिकार है. एक अन्य हाई-प्रोफाइल मामले में, सीबीआई ने कहा कि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद को चिकित्सा आधार पर चारा घोटाला मामले में जमानत मिलने के बाद बैडमिंटन खेलते देखा गया था.

सीबीआई का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश की पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया कि प्रसाद को जमानत देने का झारखंड उच्च न्यायालय का आदेश 'कानून की दृष्टि से खराब' और 'त्रुटिपूर्ण' था. उन्होंने लालू प्रसाद को दी गई जमानत को रद्द करने की मांग की. डोरंडा कोषागार मामले में उन्हें पांच साल जेल की सजा सुनाई गई है.

प्रसाद का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सीबीआई की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि उनके मुवक्किल की किडनी प्रत्यारोपण सर्जरी हुई है, और इस बात पर जोर दिया कि प्रसाद पहले ही मामले में 42 महीने की कैद काट चुके हैं.

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राजू ने कहा कि वह बैडमिंटन खेल रहे हैं. मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद उन्हें जमानत दे दी गई है. उन्होंने कहा कि मैं प्रदर्शित करूंगा कि उच्च न्यायालय का आदेश पूरी तरह से गड़बड़ है. दलीलें सुनने के बाद शीर्ष अदालत ने मामले को 17 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया.

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