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बंगाल में मिठाइयों पर चढ़ा चुनावी रंग, बिक रहे 'मोदी-दीदी सोंदेश'

बंगाल की सियासी घमासान का असर यहां की प्रसिद्ध मिठाइयों पर भी दिखने लगा है. चुनावी नारे और पार्टियों के झंडे वाली मिठाइयां कोलकाता के दुकानों में दिखनी लगी हैं.

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Published : Mar 4, 2021, 5:59 PM IST

Updated : Mar 4, 2021, 7:55 PM IST

कोलकाता : चुनावों के समय में आपने राजनितिक पार्टियों के प्रचार के बहुत से तरीके देखे होंगे, लेकिन इस बार बंगाल में चुनाव से पहले प्रचार का कुछ अलग ही अंदाज देखने को मिल रहा है.

कोलकाता के स्वीट्स निर्माता मां गांधेश्वरी स्वीट्स ने खास संदेश मिठाई तैयार की है, जिस पर दोनों नारे लिखे हुए हैं. इसके साथ ही मिठाइयों में 'मोदी सोंदेश' और 'दीदी सोंदेश' भी शामिल हैं. इन मिठाइयों की काफी मांग है और ये काफी लोकप्रिय हो रहे हैं.

विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के बैनर के आधार पर मिठाइयों के रंग भी भिन्न हैं. उसी तरह यहां भी केसरिया रंग की मिठाइयां बीजेपी के कमल के प्रतीक के रूप में हैं, हरे रंग वाली तृणमूल के 'जोरा घास फूल' के प्रतीक और लाल रंग के लोग 'हथौड़ा और दरांती' प्रदर्शित करते हैं. 'तुम्पा सोना' पर लेफ्ट के लोकप्रिय पैरोडी ने मिठाई की विविधता में भी एक स्थान पाया है.

बंगाल की मशहूर मिठाइयों पर चढ़ा चुनावी रंग.

विश्लेषकों का दावा है कि मिठास बंगाली संस्कृति के साथ अभिन्न रूप से जुड़ी हुई है और मतदान का समय अलग नहीं है. शहर के एक विश्लेषक ने कहना है की चुनाव के समय में लोग अक्सर भाषा की स्वाभाविक मिठास को भुना लेते हैं, जो कई बार अहंकार और कड़वाहट का कारण बन जाती है. इसलिए राजनीतिक दलों के प्रतीकों के साथ मिठास की ये किस्में राजनीतिक गर्मी के साथ वातावरण में मिठास घोल रही हैं.

पढ़ें : चुनाव आयोग के दौरे से ठीक पहले ममता सरकार ने की दो अहम नियुक्तियां

वहीं मां गांधेश्वरी स्वीट्स के मालिक ने कहा कि 'आखिरकार एक पार्टी विजेता के रूप में उभरेगी ही, लेकिन रिश्तों की मिठास को विभिन्न राजनीतिक संबद्धता के लोगों के बीच प्रबल होना चाहिए, इसलिए वर्तमान माहौल में यह राजनीतिक मिठास आवश्यक है.'

गौरतलब है की खरीदारों ने भी पहल का स्वागत किया है. ऐसे में ये मिठाइयां जनता के दिलों में किस पार्टी के लिए मिटास घोलेंगी ये तो वक्त ही बताएगा.

पढ़ें : जनता तक पहुंच बनाने के लिए तृणमूल कांग्रेस का ऑनलाइन एप

कोलकाता : चुनावों के समय में आपने राजनितिक पार्टियों के प्रचार के बहुत से तरीके देखे होंगे, लेकिन इस बार बंगाल में चुनाव से पहले प्रचार का कुछ अलग ही अंदाज देखने को मिल रहा है.

कोलकाता के स्वीट्स निर्माता मां गांधेश्वरी स्वीट्स ने खास संदेश मिठाई तैयार की है, जिस पर दोनों नारे लिखे हुए हैं. इसके साथ ही मिठाइयों में 'मोदी सोंदेश' और 'दीदी सोंदेश' भी शामिल हैं. इन मिठाइयों की काफी मांग है और ये काफी लोकप्रिय हो रहे हैं.

विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के बैनर के आधार पर मिठाइयों के रंग भी भिन्न हैं. उसी तरह यहां भी केसरिया रंग की मिठाइयां बीजेपी के कमल के प्रतीक के रूप में हैं, हरे रंग वाली तृणमूल के 'जोरा घास फूल' के प्रतीक और लाल रंग के लोग 'हथौड़ा और दरांती' प्रदर्शित करते हैं. 'तुम्पा सोना' पर लेफ्ट के लोकप्रिय पैरोडी ने मिठाई की विविधता में भी एक स्थान पाया है.

बंगाल की मशहूर मिठाइयों पर चढ़ा चुनावी रंग.

विश्लेषकों का दावा है कि मिठास बंगाली संस्कृति के साथ अभिन्न रूप से जुड़ी हुई है और मतदान का समय अलग नहीं है. शहर के एक विश्लेषक ने कहना है की चुनाव के समय में लोग अक्सर भाषा की स्वाभाविक मिठास को भुना लेते हैं, जो कई बार अहंकार और कड़वाहट का कारण बन जाती है. इसलिए राजनीतिक दलों के प्रतीकों के साथ मिठास की ये किस्में राजनीतिक गर्मी के साथ वातावरण में मिठास घोल रही हैं.

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वहीं मां गांधेश्वरी स्वीट्स के मालिक ने कहा कि 'आखिरकार एक पार्टी विजेता के रूप में उभरेगी ही, लेकिन रिश्तों की मिठास को विभिन्न राजनीतिक संबद्धता के लोगों के बीच प्रबल होना चाहिए, इसलिए वर्तमान माहौल में यह राजनीतिक मिठास आवश्यक है.'

गौरतलब है की खरीदारों ने भी पहल का स्वागत किया है. ऐसे में ये मिठाइयां जनता के दिलों में किस पार्टी के लिए मिटास घोलेंगी ये तो वक्त ही बताएगा.

पढ़ें : जनता तक पहुंच बनाने के लिए तृणमूल कांग्रेस का ऑनलाइन एप

Last Updated : Mar 4, 2021, 7:55 PM IST
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