देहरादून(उत्तराखंड) देहरादून में आयोजित दो दिवसीय स्वास्थ्य चिंतन शिविर का समापन हो गया है. इस स्वास्थ्य चिंतन शिविर में 25 राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री मौजूद रहे. इस स्वास्थ्य चिंतन शिविर में तमाम महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा करने के साथ ही आगामी 2047 तक यानी अगले 25 सालों का रोडमैप तैयार किया गया. इ
स्वास्थ्य चिंतन शिविर के संपन्न होने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा देश को टीबी मुक्त बनाने के साथ ही हर स्वस्थ्य से जुड़ी एजुकेशन पर यहां चर्चा हुई. जिसके तहत जेंडर रेश्यो, भ्रूण हत्या पर रोक को लेकर पीसी पीएनडी एक्ट पर चर्चा, आयुष्मान कार्ड की सिचुएशन, मेडिकल एजुकेशन और नर्सिंग एजुकेशन में समय के अनुसार कैसे एक्सेसिबल किया जाए, पीसीपीएनडीटी एक्ट में सुधार करने, ऑर्गन डोनेशन बढ़े इसके लिए भी चर्चा की गई.
पढे़ं- उत्तराखंड में 15 वें स्वास्थ्य चिंतन शिविर का शुभारंभ, जुटे देशभर के हेल्थ मिनिस्टर
साथ ही, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के स्वास्थ्य को लेकर जो लक्ष्य निर्धारित किया है उसको प्राप्त करने के लिए सभी राज्य काम करें. इसके साथ ही, इस चिंतन शिविर में जिन विषयों पर चर्चा हुई है उसको लेकर सभी स्वास्थ्य मंत्री अपने राज्य में चिंतन शिवर को आयोजित करेंगे. साथ ही अपने राज्य के परिस्थितियों के अनुसार मंथन करें. यही नहीं, सभी राज्य आने वाले 25 साल यानी 2047 तक के लिए स्वास्थ्य विजन तैयार करेंगे.
पढे़ं- उत्तर भारत का सबसे 'महंगा' राज्य बना उत्तराखंड, Inflation Rate सबसे 'हाई'
शिविर के दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा सभी लोग इस सम्मेलन से मिली सीख का अपने अपने राज्य में उपयोग करें. अपनी केंद्रित नीतियों के माध्यम से इसे पूरा करने का संकल्प लें. सभी लोग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आयुष्मान भारत कार्ड और आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता आईडी से जोड़ने का काम करेंगे, देश से कुष्ठ रोग, काला अजार और मलेरिया को खत्म करने के साथ ही राज्यों को भी टीबी मुक्त बनाएंगे. उन्होंने कहा सभी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए एक विजन डॉक्यूमेंट तैयार करें, जो देश के अमृत काल के अगले 25 सालों के लिए एक रोडमैप की तरह काम करेगा.