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शुभेंदु अधिकारी को हिंसा प्रभावित हावड़ा जाने से रोका गया, मुख्य सचिव को लिखा पत्र

पश्चिम बंगाल पुलिस ने भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी को हिंसा प्रभावित हावड़ा जाने से रोक दिया है. अधिकारी यह दावा करते हुए वाहन के अंदर बैठे रहे कि उनका हावड़ा जाने का कोई इरादा नहीं है. उनके और उन पुलिस अधिकारियों के बीच मौके पर तीखी बहस हुई, जो उनके वाहन को रोक रहे थे. साथ ही शुभेंदु अधिकारी ने हावड़ा में भाजपा दफ्तर में तोड़फोड़ करने के संबंध में मुख्य सचिव को पत्र लिखा है और खुद को हावड़ा जाने से रोकने पर सवाल उठाए हैं.

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शुभेंदु अधिकारी
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Published : Jun 12, 2022, 4:21 PM IST

Updated : Jun 12, 2022, 4:31 PM IST

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी को पुलिस ने रविवार को पूरब मेदिनीपुर जिले के तामलुक में रोक लिया और दावा किया कि वह हिंसा प्रभावित हावड़ा की ओर जा रहे थे. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एहतियाती कदम उठाते हुए शुभेंदु अधिकारी को हिंसा प्रभावित हावड़ा जिला जाने से रोका गया है. हावड़ा जिले के हिंसा प्रभावित इलाकों में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू है.

साथ ही शुभेंदु अधिकारी ने हावड़ा में भाजपा दफ्तर में तोड़फोड़ करने के संबंध में मुख्य सचिव को पत्र लिखा है और खुद को हावड़ा जाने से रोकने पर सवाल उठाए हैं.

शुभेंदु अधिकारी का पत्र
शुभेंदु अधिकारी का पत्र

शुभेंदु अधिकारी अपने सुरक्षा दल के साथ आगे बढ़ रहे थे, लेकिन तामलुक के राधारानी मोड़ पर एक पुलिस दल ने उन्हें रोक लिया. उनके साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का कोई अन्य नेता नहीं था. पुलिस अधिकारी ने कहा, 'हमें जानकारी मिली कि अधिकारी हावड़ा जिले का दौरा करने की योजना बना रहे थे, जिसके कुछ हिस्सों में सीआरपीसी की धारा 144 लागू है. इसलिए एहतियात के तौर पर हमें उन्हें वहां जाने से रोकना पड़ा क्योंकि उनकी यात्रा से कानून-व्यवस्था की समस्या हो सकती थी.'

शुभेंदु अधिकारी का पत्र
शुभेंदु अधिकारी का पत्र

अधिकारी यह दावा करते हुए वाहन के अंदर बैठे रहे कि उनका हावड़ा जाने का कोई इरादा नहीं है. उनके और उन पुलिस अधिकारियों के बीच मौके पर तीखी बहस हुई, जो उनके वाहन को रोक रहे थे. हावड़ा रवाना होने से पहले नंदीग्राम से भाजपा विधायक अधिकारी ने कहा कि यदि उन्हें हावड़ा जाने से रोका जाता है तो वह अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे.

कांथी पुलिस थाने के प्रभारी ने एक पत्र में कहा कि भाजपा नेता की सुरक्षा चिंता के कारण उनसे हावड़ा जिले के कुछ हिस्सों का दौरा नहीं करने को कहा गया. अधिकारी ने कहा, मैं हावड़ा जिले में अपनी पार्टी के उन कार्यालयों का दौरा करूंगा, जहां तोड़फोड़ की गई थी. पुलिस ने मुझे उन क्षेत्रों का दौरा नहीं करने के लिए कहा है जहां सीआरपीसी की धारा 144 लागू की गई है. लेकिन, मैं निषेधाज्ञा का उल्लंघन नहीं करूंगा क्योंकि मैं वहां अकेले जाऊंगा. भाजपा नेता ने अपने कांथी आवास से हावड़ा के लिए निकलने से पहले कहा, अगर मुझे पुलिस ने रोका तो मैं कल (सोमवार) अदालत का रुख करूंगा. विपक्ष के एक नेता को अशांत क्षेत्र में जाने से नहीं रोका जा सकता.

पार्टी की बंगाल इकाई के प्रमुख सुकांत मजूमदार को शनिवार को उस समय गिरफ्तार किया गया था जब वह हावड़ा जिले की ओर जा रहे थे. हालांकि, बाद में उन्हें छोड़ दिया गया था. भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के सह-प्रभारी अमित मालवीय ने ट्वीट किया, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार को हिरासत में रखने के बाद, ममता बनर्जी अब यह सुनिश्चित कर रही हैं कि विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी हावड़ा नहीं जा सकें, जहां भाजपा के कार्यालय जला दिए गए हैं. उनका पूरा ध्यान विपक्ष पर है, न कि उन्मादियों पर.

यह भी पढ़ें- बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार को पुलिस ने छोड़ा, हावड़ा जाते समय हुए थे गिरफ्तार

तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कुणाल घोष ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आरोप लगाया कि अधिकारी तनाव पैदा करने के इरादे से हावड़ा का दौरा करना चाहते हैं. कुणाल घोष ने कहा, उन इलाकों का दौरा करने की क्या जरूरत है जहां 144 लागू की गई है? वह हावड़ा जा रहे हैं ताकि तनाव पैदा हो. भाजपा राज्य में शांतिपूर्ण माहौल को खराब करना चाहती है.

गौरतलब है कि भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा और नवीन जिंदल की ओर से पैगंबर मोहम्मद के बारे में की गई विवादास्पद टिप्पणी के विरोध में शुक्रवार को नमाज के बाद बंगाल के हावड़ा समेत देश के कई इलाकों में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे. उलुबेरिया, पांचला और डोमजूर सहित हावड़ा के कई इलाकों में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत 15 जून तक निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है और गलत सूचना के प्रसार को रोकने के लिए पूरे जिले में 13 जून तक इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है.

(पीटीआई-भाषा)

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी को पुलिस ने रविवार को पूरब मेदिनीपुर जिले के तामलुक में रोक लिया और दावा किया कि वह हिंसा प्रभावित हावड़ा की ओर जा रहे थे. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एहतियाती कदम उठाते हुए शुभेंदु अधिकारी को हिंसा प्रभावित हावड़ा जिला जाने से रोका गया है. हावड़ा जिले के हिंसा प्रभावित इलाकों में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू है.

साथ ही शुभेंदु अधिकारी ने हावड़ा में भाजपा दफ्तर में तोड़फोड़ करने के संबंध में मुख्य सचिव को पत्र लिखा है और खुद को हावड़ा जाने से रोकने पर सवाल उठाए हैं.

शुभेंदु अधिकारी का पत्र
शुभेंदु अधिकारी का पत्र

शुभेंदु अधिकारी अपने सुरक्षा दल के साथ आगे बढ़ रहे थे, लेकिन तामलुक के राधारानी मोड़ पर एक पुलिस दल ने उन्हें रोक लिया. उनके साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का कोई अन्य नेता नहीं था. पुलिस अधिकारी ने कहा, 'हमें जानकारी मिली कि अधिकारी हावड़ा जिले का दौरा करने की योजना बना रहे थे, जिसके कुछ हिस्सों में सीआरपीसी की धारा 144 लागू है. इसलिए एहतियात के तौर पर हमें उन्हें वहां जाने से रोकना पड़ा क्योंकि उनकी यात्रा से कानून-व्यवस्था की समस्या हो सकती थी.'

शुभेंदु अधिकारी का पत्र
शुभेंदु अधिकारी का पत्र

अधिकारी यह दावा करते हुए वाहन के अंदर बैठे रहे कि उनका हावड़ा जाने का कोई इरादा नहीं है. उनके और उन पुलिस अधिकारियों के बीच मौके पर तीखी बहस हुई, जो उनके वाहन को रोक रहे थे. हावड़ा रवाना होने से पहले नंदीग्राम से भाजपा विधायक अधिकारी ने कहा कि यदि उन्हें हावड़ा जाने से रोका जाता है तो वह अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे.

कांथी पुलिस थाने के प्रभारी ने एक पत्र में कहा कि भाजपा नेता की सुरक्षा चिंता के कारण उनसे हावड़ा जिले के कुछ हिस्सों का दौरा नहीं करने को कहा गया. अधिकारी ने कहा, मैं हावड़ा जिले में अपनी पार्टी के उन कार्यालयों का दौरा करूंगा, जहां तोड़फोड़ की गई थी. पुलिस ने मुझे उन क्षेत्रों का दौरा नहीं करने के लिए कहा है जहां सीआरपीसी की धारा 144 लागू की गई है. लेकिन, मैं निषेधाज्ञा का उल्लंघन नहीं करूंगा क्योंकि मैं वहां अकेले जाऊंगा. भाजपा नेता ने अपने कांथी आवास से हावड़ा के लिए निकलने से पहले कहा, अगर मुझे पुलिस ने रोका तो मैं कल (सोमवार) अदालत का रुख करूंगा. विपक्ष के एक नेता को अशांत क्षेत्र में जाने से नहीं रोका जा सकता.

पार्टी की बंगाल इकाई के प्रमुख सुकांत मजूमदार को शनिवार को उस समय गिरफ्तार किया गया था जब वह हावड़ा जिले की ओर जा रहे थे. हालांकि, बाद में उन्हें छोड़ दिया गया था. भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के सह-प्रभारी अमित मालवीय ने ट्वीट किया, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार को हिरासत में रखने के बाद, ममता बनर्जी अब यह सुनिश्चित कर रही हैं कि विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी हावड़ा नहीं जा सकें, जहां भाजपा के कार्यालय जला दिए गए हैं. उनका पूरा ध्यान विपक्ष पर है, न कि उन्मादियों पर.

यह भी पढ़ें- बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार को पुलिस ने छोड़ा, हावड़ा जाते समय हुए थे गिरफ्तार

तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कुणाल घोष ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आरोप लगाया कि अधिकारी तनाव पैदा करने के इरादे से हावड़ा का दौरा करना चाहते हैं. कुणाल घोष ने कहा, उन इलाकों का दौरा करने की क्या जरूरत है जहां 144 लागू की गई है? वह हावड़ा जा रहे हैं ताकि तनाव पैदा हो. भाजपा राज्य में शांतिपूर्ण माहौल को खराब करना चाहती है.

गौरतलब है कि भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा और नवीन जिंदल की ओर से पैगंबर मोहम्मद के बारे में की गई विवादास्पद टिप्पणी के विरोध में शुक्रवार को नमाज के बाद बंगाल के हावड़ा समेत देश के कई इलाकों में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे. उलुबेरिया, पांचला और डोमजूर सहित हावड़ा के कई इलाकों में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत 15 जून तक निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है और गलत सूचना के प्रसार को रोकने के लिए पूरे जिले में 13 जून तक इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Jun 12, 2022, 4:31 PM IST
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