नई दिल्ली : राज्यसभा के 12 सांसदों के निलंबन के विरोध में संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन करने वाले विपक्षी सांसदों ने संसद के उच्च सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करने का फैसला किया.
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे (Leader of the Opposition Mallikarjun Kharge) ने भी 12 विपक्षी सांसदों को निलंबित करने के सरकार के इस कदम के विरोध में काली पगड़ी पहनी थी.
मीडिया को संबोधित करते हुए खड़गे ने कहा कि हम राज्यसभा में सांसदों के निलंबन के आदेश (Orders for suspension of MPs in Rajya Sabha) को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. यह नियमों के खिलाफ है. लेकिन फिर भी वे अपने फैसले पर अड़े हुए हैं. हम नहीं चाहते कि संसद की कार्यवाही इस तरह से हो. लेकिन सरकार हमारी मांगों को सुनने को तैयार ही नहीं है. वे माफी की मांग कर रहे हैं.
पढ़ें : ART रेगुलेशन विधेयक और सरोगेसी रेगुलेशन बिल राज्यसभा से पारित
उन्होंने कहा कि मैं एक बार फिर सरकार से इस फैसले को रद्द करने की अपील करना चाहता हूं. हम मुद्रास्फीति, नगालैंड फायरिंग तथा अन्य मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं.
राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता आनंद शर्मा (Deputy Leader of Opposition Anand Sharma) ने कहा कि यह सरकार ही है, जिसकी वजह से विपक्षी सांसद विरोध करने पर मजबूर हैं. सरकार को चाहिए कि वह सर्वसम्मति से काम करें.
वहीं राजद सांसद मनोज कुमार झा ने कहा कि जनहित की आवाज उठाना क्या गलत है. किसानों ने सरकार के अहंकार को तोड़ दिया. निलंबित किए सांसदों के द्वारा माफी मांगे जाने का सवाल ही नहीं उठता है.
इसी प्रकार कांग्रेस सांसद नासिर हुसैन ने कहा कि सरकार को अपना निर्णय वापस लेना होगा. किसानों के सारी केस वापस ले लिए गए हैं उसी प्रकार सांसदों के निलंबन का आदेश वापस लेना होगा. सरकार को सदन में सभी सांसदों को बोलने का मौका देना चाहिए.
शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि हम एकसाथ हैं. हम डरेंगे नहीं, झुकेंगे नहीं. 12 विपक्षी सांसद माफी नहीं मांगेंगे. हम सरकार से मांग करते हैं कि सांसदों ने यदि गलत किया है तो 12 नहीं बल्कि सभी विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया जाना चाहिए. हमारी यह लड़ाई जारी रहेगी और सरकार को अपना आदेश वापस लेना होगा.