पटना : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव को लेकर जेडीयू ने शुरू में एलान किया था कि पार्टी 75 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, लेकिन अब जो जानकारी मिल रही है कि पार्टी 40 उम्मीदवार को सिंबल दे रही है. संगठन के कुछ लोग बंगाल के साथ असम का भी दौरा कर रहे हैं.
जेडीयू के शीर्ष नेता पश्चिम बंगाल और असम में चुनाव प्रचार के लिए जाएंगे, इस पर अब तक कोई रणनीति तैयार नहीं हुई है. जेडीयू जब भी दूसरे राज्यों में चुनाव लड़ी है, नीतीश कुमार प्रचार करने गए हैं, लेकिन इस बार उनके करीबी लोग ही बता रहे हैं कि अब तक कोई प्रोग्राम नहीं बना है. विपक्षी दल के नेता इस भाजपा का दबाव बता रहे हैं.
नीतीश का बंगाल में चुनाव प्रचार का कार्यक्रम नहीं बना
बंगाल चुनाव पर पूरे देश की नजर है. भाजपा की तरफ से बिहार के कई नेता बंगाल में चुनाव प्रचार में लगे हैं. जेडीयू ने भी बंगाल में 40 और असम में 45 सीटों पर पार्टी सिंबल पर उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है. पार्टी के राष्ट्रीय सचिव रविंद्र सिंह और पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम रसूल बलियावी के साथ संगठन से जुड़े कई नेता बंगाल और असम का दौरा कर रहे हैं, लेकिन पार्टी के शीर्ष नेताओं की अब तक चुनाव प्रचार को लेकर कोई रणनीति तैयार नहीं हुई है.
दूसरे राज्यों में जब भी जेडीयू चुनाव लड़ी है, नीतीश कुमार ने प्रचार किया है. चाहे दिल्ली में चुनाव की बात हो या फिर उत्तर प्रदेश और कर्नाटक का ही चुनाव क्यों न हो. इस बार स्थिति कुछ बदली सी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी एमएलसी संजय गांधी का कहना है कि मुख्यमंत्री के बंगाल जाने का फिलहाल कोई कार्यक्रम नहीं बना है.
यह भी पढ़ें- नंदीग्राम : राजनीतिक दलों ने पहचान की राजनीति, औद्योगीकरण के वादों में झोंकी ताकत
जेडीयू एमएलसी संजय गांधी ने बताया कि पश्चिम बंगाल और असम में जेडीयू चुनाव लड़ रही है. अभी तक मुख्यमंत्री के इन दोनों राज्यों में चुनाव प्रचार करने जाने का कार्यक्रम नहीं बना है. पार्टी के दूसरे नेता गए हैं और आगे भी जरूरत के अनुसार जाएंगे.
जेडीयू के बिहार प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा का कहना है कि पश्चिम बंगाल और असम के चुनाव में पार्टी की मजबूत उपस्थिति है. दोनों राज्यों में संगठन के कई लोग काम कर रहे हैं.
भाजपा के दबाव के चलते नहीं जा रहे नीतीश
वहीं, आरजेडी नेता उदय नारायण चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार भाजपा के दबाव के चलते चुनाव प्रचार करने नहीं जा रहे हैं. जेडीयू चुनाव में अपने उम्मीदवार खड़े कर रही है, लेकिन पार्टी के प्रमुख नेता प्रचार करने नहीं जा रहे हैं. भाजपा के दबाव के चलते जेडीयू को ऐसा करना पड़ रहा है.
भाजपा को नाराज नहीं करना चाहती जेडीयू
कुल मिलाकर देखें तो जेडीयू कोई बड़ा फैसला लेने से बच रही है. यहां तक कि बिहार के प्रदेश अध्यक्ष और अन्य नेता बंगाल और असम चुनाव को लेकर खुलकर बोलने से बच रहे हैं. कारण है बंगाल और असम चुनाव को भाजपा ने अपनी प्रतिष्ठा का विषय बनाया है. बंगाल में भाजपा ने पूरी ताकत लगाई है. यही कारण है कि जेडीयू के शीर्ष नेता फिलहाल भाजपा को नाराज करना नहीं चाहते हैं.