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ज्ञानवापी में गुरुवार का ASI सर्वे पूरा, व्यास जी के तहखाने में उतरी टीम, कीचड़-मिट्टी ने किया परेशान

ज्ञानवापी में एएसआई की टीम ने दोपहर 12 बजे से 2.30 बजे तक सर्वे की कार्रवाई रोक दी थी. कुछ देर के ब्रेक के बाद फिर से सर्वे शुरू कर दिया गया. शाम तक गुरुवार की कार्रवाई पूरी कर ली गई.

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Published : Aug 10, 2023, 8:22 AM IST

Updated : Aug 10, 2023, 6:25 PM IST

ज्ञानवापी का सर्वे करनी पहुंची एएसआई की टीम.

वाराणसी: ज्ञानवापी परिसर में सर्वे की कार्रवाई लगातार जारी है. कल तक हुए सर्वे की कार्रवाई में कानपुर आईआईटी की टीम ने अलग-अलग स्पॉट पर रडार लगाने के लिए चिन्हीकरण करने के साथ ही टीम के साथ और जगहों का निरीक्षण भी किया है. इसके अलावा एएसआई की टीम ने कल व्यास जी के दक्षिणी तहखाने के बाद एक अन्य उत्तरी तहखाना में भी एंट्री ली है. इसके बाद उत्तरी तहखाने में मौजूद साक्ष्य की सूची तैयार करने के साथ ही उसकी जांच पड़ताल भी शुरू कर दी गई है. एएसआई की टीम ने गुरुवार सुबह आठ बजे से फिर ज्ञानवापी का सर्वे शुरू किया. उत्तरी तहखाने की जांच शुरू कर दी गई. ज्ञानवापी में एएसआई की टीम ने दोपहर 12 बजे से 2.30 बजे तक सर्वे की कार्रवाई रोक दी थी. इसके बाद 2.30 बजे के बाद फिर से सर्वे शुरू कर दिया गया. शाम तक गुरुवार की सर्वे की कार्रवाई पूरी कर ली गई. शुक्रवार की सुबह 8:00 बजे से फिर से सर्वे की कार्रवाई शुरू होगी.

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सुरक्षा में तैनात पुलिस.

कल से रडार तकनीक को हो सकता है उपयोग : ज्ञानवापी में एएसआई की टीम ने व्यास जी जी के तहखाने के अलावा उत्तरी तहखाने में जांच की. सबसे बड़ी बात यह है कि जब तहखाना में टीम उतरी थी, उस वक्त काफी कीचड़ और मिट्टी होने की वजह से टीम को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था, जिसको हटाने के लिए सफाई कर्मियों को लगाया गया. उसके बाद पंखे लगाकर इस जगह को सुखाने के बाद बड़े एग्जॉस्ट फैन लगाकर टीम अंदर दाखिल हुई. टीम ने अंदर दीवारों से लेकर अन्य जगहों पर आज कार्य किया है. कानपुर आईआईटी की टीम ने रडार सिस्टम को लेकर जीपीआर लगाने को लेकर प्वाइंट आज भी चिन्हित किए हैं. माना जा रहा है कल से जीपीआर के जरिए रडार तकनीक का प्रयोग करके अंदर छुपे सच को सामने लाने की कोशिश होगी

ज्ञानवापी परिसर में सर्वे की कार्रवाई को लेकर न्यायालय के द्वारा लिखित आदेश जारी किया गया है. इसमें मीडिया को किसी भी प्रकार से कवरेज के लिए नहीं रोकने की बात कही गई है, लेकिन किसी भी तरह की गलत बयानबाजी या भ्रम फैलाने वाली खबर को प्रसारित या प्रकाशित करने की स्थिति में कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं.

यह है कोर्ट का आदेश : प्रश्नगत भूखण्ड पर न्यायालय के आदेश से जो सर्वे का कार्य चल रहा है, उसकी प्रकृति संवेदनशील है. सर्वे के बारे में ASI को अथवा वादीगण के अधिवक्तागण को अथवा प्रतिवादीगण के अधिवक्तागण को कोई टिप्पणी करने का और कोई सूचना देने का कोई अधिकार नहीं है. ASI के अधिकारी भी सर्वे की रिपोर्ट केवल न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए बाध्य हैं, और सर्वे के सम्बन्ध में कोई सूचना प्रिण्ट मीडिया, सोशल मीडिया या इलेक्ट्रानिक मीडिया को दिया जाना न तो औचित्यपूर्ण है और न ही विधि सम्मत है. अतः ASI के समस्त अधिकारी जो सर्वे का कार्य कर रहे हैं, आदेश दिया जाता है कि वे सर्वे के सम्बन्ध में किसी भी प्रिंट मीडिया, सोशल मीडिया या इलेक्ट्रानिक मीडिया को कोई जानकारी नहीं देंगे, न ही सर्वे के सम्बन्ध में कोई जानकारी किसी अन्य व्यक्ति से साझा करेंगे और आख्या केवल न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करेंगे.इसी प्रकार वाद के वादीगण और प्रतिवादीगण, उनके अधिवक्तागण, जिला शासकीय अधिवक्ता, दीवानी और अन्य अधिकारियों को भी आदेशित किया जाता है कि सर्वे के सम्बन्ध में कोई जानकारी किसी प्रिंट मीडिया, सोशल मीडिया या इलेक्ट्रानिक मीडिया के साथ साझा न करें, न उसका प्रचार-प्रसार करें, जिससे कि उक्त रिपोर्ट केवल न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत की जा सके. यदि प्रिंट मीडिया, सोशल मीडिया या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, ASI वादी पक्ष और प्रतिवादी पक्ष के द्वारा कोई जानकारी न दिये जाने के बावजूद गलत प्रकार से, बगैर औपचारिक सूचना के सर्वे के सम्बन्ध में कोई समाचार प्रकाशित करता है तो उसके विरूद्ध विधि के अनुसार आवश्यक कार्रवाई की जा सकती है. प्रार्थनापत्र 355 ग तदनुसार निस्तारित किया जाता है.

42 विशेषज्ञ शामिल : सर्वे की टीम में 42 विशेषज्ञ शामिल हैं जो सुबह 8:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक सर्वे की कार्रवाई को अंजाम दे रहे हैं. अलग-अलग चार टीमों को बांट कर पूरे परिसर के कोने-कोने का सर्वे किया जा रहा है. 10 सदस्यों का एक दल दक्षिणी तहखाने में और 10 सदस्यों का एक दल उत्तरी थाने में सर्वे की कार्रवाई को अंजाम दे रहा है. पिछली बार हुई एडवोकेट कमीशन की कार्रवाई के दौरान सौंपी गई रिपोर्ट में इस तहखाने का भी जिक्र किया गया था. इसमें यह बताया गया था कि दीवार पर जमीन से 3 फुट ऊपर पान के पत्ते की आकार की फूल की आकृति बनी हुई है. इसकी संख्या 6 है. चार पुराने खंभे हैं जिनकी ऊंचाई 8 फुट की है. नीचे से लेकर ऊपर तक घंटी, कलश, फूल की आकृति के अलावा एक दीवार भी है जो बीचो-बीच है. वहीं व्यास जी के कमरे में मौजूद मलबे और बांस बल्ली को हटा लिया है, जबकि मिट्टी हटाई जा रही है जिससे पत्थरों के टुकड़े मिले हैं जिनकी जांच जारी है.

कल से हो सकती है हकीकत जानने की शुरुआत : ज्ञानवापी परिसर में मौजूद तहखाने के अंदर गर्भगृह होने का दावा पहले भी किया जा चुका है. श्री आदि महादेव काशी धाम वाले मुक्ति न्यास के प्रबंध ट्रस्टी डॉक्टर राम प्रसाद सिंह ने यह दावा पिछले दिनों भी किया था इसलिए तहखाना की जांच महत्वपूर्ण मानी जा रही है. आज होने वाली कार्रवाई में सर्वे की टीम उत्तरी तक आने पर पूरा फोकस करने वाली है. इसके अतिरिक्त कानपुर आईआईटी की टीम आज रडार सिस्टम को लेकर आगे की कार्रवाई आगे बढ़ाएगी. माना जा रहा है आज रडार लगाने के लिए अन्य जगहों का सर्वे करने के बाद कल से जीपीआर सिस्टम के जरिए जमीनों दीवारों के पीछे की हकीकत जानने की शुरुआत की जा सकती है.

फिलहाल उत्तरी तहखाने के खुलने के बाद इसके सर्वे से बहुत कुछ सामने आने की उम्मीद है. इसकी बड़ी वजह यह भी है कि इसी तहखाने में मौजूद दीवार को हटाने के लिए हिंदू पक्ष के द्वारा कोर्ट में एक एप्लीकेशन भी पहले दाखिल की गई है जिसमें इस दीवार को हटाकर जांच आगे करने और सत्यता सामने लाने की बात कही गई है जिस पर कोर्ट में सुनवाई जारी है.

वहीं, एएसआई सर्वे को दृष्टिगत रखते हुए प्रशासन नियमों के तहत भी कार्रवाई आगे बढ़ाएगा. लगातार मीडिया में गलत बयानबाजी की वजह से न्यायालय से फटकार लगने के बाद कमिश्नर कौशल अग्रवाल और पुलिस कमिश्नर अशोक मुथा जैन ने कल विश्वनाथ मंदिर परिसर में हिंदू व मुस्लिम दोनों पक्ष के साथ महत्वपूर्ण बैठक भी की है. इसमें दोनों अधिकारियों ने माहौल ना बिगड़े इसलिए अंदर की कोई भी जानकारी मीडिया तक न पहुंचने की बात कही है. अधिकारियों ने दोनों पक्षों को बाहर मौजूद रहने की हिदायत देते हुए कार्रवाई को निगरानी करने के लिए कहा है. अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया है की कार्रवाई में सिर्फ वकील ही अंदर जाएंगे, वादी पक्ष की महिलाएं और प्रतिवादी पक्ष के लोग वकीलों को छोड़कर परिसर के बाहर ही रहेंगे और मीडिया से बातचीत नहीं करेंगे.

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ज्ञानवापी का सर्वे करनी पहुंची एएसआई की टीम.

वाराणसी: ज्ञानवापी परिसर में सर्वे की कार्रवाई लगातार जारी है. कल तक हुए सर्वे की कार्रवाई में कानपुर आईआईटी की टीम ने अलग-अलग स्पॉट पर रडार लगाने के लिए चिन्हीकरण करने के साथ ही टीम के साथ और जगहों का निरीक्षण भी किया है. इसके अलावा एएसआई की टीम ने कल व्यास जी के दक्षिणी तहखाने के बाद एक अन्य उत्तरी तहखाना में भी एंट्री ली है. इसके बाद उत्तरी तहखाने में मौजूद साक्ष्य की सूची तैयार करने के साथ ही उसकी जांच पड़ताल भी शुरू कर दी गई है. एएसआई की टीम ने गुरुवार सुबह आठ बजे से फिर ज्ञानवापी का सर्वे शुरू किया. उत्तरी तहखाने की जांच शुरू कर दी गई. ज्ञानवापी में एएसआई की टीम ने दोपहर 12 बजे से 2.30 बजे तक सर्वे की कार्रवाई रोक दी थी. इसके बाद 2.30 बजे के बाद फिर से सर्वे शुरू कर दिया गया. शाम तक गुरुवार की सर्वे की कार्रवाई पूरी कर ली गई. शुक्रवार की सुबह 8:00 बजे से फिर से सर्वे की कार्रवाई शुरू होगी.

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सुरक्षा में तैनात पुलिस.

कल से रडार तकनीक को हो सकता है उपयोग : ज्ञानवापी में एएसआई की टीम ने व्यास जी जी के तहखाने के अलावा उत्तरी तहखाने में जांच की. सबसे बड़ी बात यह है कि जब तहखाना में टीम उतरी थी, उस वक्त काफी कीचड़ और मिट्टी होने की वजह से टीम को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था, जिसको हटाने के लिए सफाई कर्मियों को लगाया गया. उसके बाद पंखे लगाकर इस जगह को सुखाने के बाद बड़े एग्जॉस्ट फैन लगाकर टीम अंदर दाखिल हुई. टीम ने अंदर दीवारों से लेकर अन्य जगहों पर आज कार्य किया है. कानपुर आईआईटी की टीम ने रडार सिस्टम को लेकर जीपीआर लगाने को लेकर प्वाइंट आज भी चिन्हित किए हैं. माना जा रहा है कल से जीपीआर के जरिए रडार तकनीक का प्रयोग करके अंदर छुपे सच को सामने लाने की कोशिश होगी

ज्ञानवापी परिसर में सर्वे की कार्रवाई को लेकर न्यायालय के द्वारा लिखित आदेश जारी किया गया है. इसमें मीडिया को किसी भी प्रकार से कवरेज के लिए नहीं रोकने की बात कही गई है, लेकिन किसी भी तरह की गलत बयानबाजी या भ्रम फैलाने वाली खबर को प्रसारित या प्रकाशित करने की स्थिति में कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं.

यह है कोर्ट का आदेश : प्रश्नगत भूखण्ड पर न्यायालय के आदेश से जो सर्वे का कार्य चल रहा है, उसकी प्रकृति संवेदनशील है. सर्वे के बारे में ASI को अथवा वादीगण के अधिवक्तागण को अथवा प्रतिवादीगण के अधिवक्तागण को कोई टिप्पणी करने का और कोई सूचना देने का कोई अधिकार नहीं है. ASI के अधिकारी भी सर्वे की रिपोर्ट केवल न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए बाध्य हैं, और सर्वे के सम्बन्ध में कोई सूचना प्रिण्ट मीडिया, सोशल मीडिया या इलेक्ट्रानिक मीडिया को दिया जाना न तो औचित्यपूर्ण है और न ही विधि सम्मत है. अतः ASI के समस्त अधिकारी जो सर्वे का कार्य कर रहे हैं, आदेश दिया जाता है कि वे सर्वे के सम्बन्ध में किसी भी प्रिंट मीडिया, सोशल मीडिया या इलेक्ट्रानिक मीडिया को कोई जानकारी नहीं देंगे, न ही सर्वे के सम्बन्ध में कोई जानकारी किसी अन्य व्यक्ति से साझा करेंगे और आख्या केवल न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करेंगे.इसी प्रकार वाद के वादीगण और प्रतिवादीगण, उनके अधिवक्तागण, जिला शासकीय अधिवक्ता, दीवानी और अन्य अधिकारियों को भी आदेशित किया जाता है कि सर्वे के सम्बन्ध में कोई जानकारी किसी प्रिंट मीडिया, सोशल मीडिया या इलेक्ट्रानिक मीडिया के साथ साझा न करें, न उसका प्रचार-प्रसार करें, जिससे कि उक्त रिपोर्ट केवल न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत की जा सके. यदि प्रिंट मीडिया, सोशल मीडिया या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, ASI वादी पक्ष और प्रतिवादी पक्ष के द्वारा कोई जानकारी न दिये जाने के बावजूद गलत प्रकार से, बगैर औपचारिक सूचना के सर्वे के सम्बन्ध में कोई समाचार प्रकाशित करता है तो उसके विरूद्ध विधि के अनुसार आवश्यक कार्रवाई की जा सकती है. प्रार्थनापत्र 355 ग तदनुसार निस्तारित किया जाता है.

42 विशेषज्ञ शामिल : सर्वे की टीम में 42 विशेषज्ञ शामिल हैं जो सुबह 8:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक सर्वे की कार्रवाई को अंजाम दे रहे हैं. अलग-अलग चार टीमों को बांट कर पूरे परिसर के कोने-कोने का सर्वे किया जा रहा है. 10 सदस्यों का एक दल दक्षिणी तहखाने में और 10 सदस्यों का एक दल उत्तरी थाने में सर्वे की कार्रवाई को अंजाम दे रहा है. पिछली बार हुई एडवोकेट कमीशन की कार्रवाई के दौरान सौंपी गई रिपोर्ट में इस तहखाने का भी जिक्र किया गया था. इसमें यह बताया गया था कि दीवार पर जमीन से 3 फुट ऊपर पान के पत्ते की आकार की फूल की आकृति बनी हुई है. इसकी संख्या 6 है. चार पुराने खंभे हैं जिनकी ऊंचाई 8 फुट की है. नीचे से लेकर ऊपर तक घंटी, कलश, फूल की आकृति के अलावा एक दीवार भी है जो बीचो-बीच है. वहीं व्यास जी के कमरे में मौजूद मलबे और बांस बल्ली को हटा लिया है, जबकि मिट्टी हटाई जा रही है जिससे पत्थरों के टुकड़े मिले हैं जिनकी जांच जारी है.

कल से हो सकती है हकीकत जानने की शुरुआत : ज्ञानवापी परिसर में मौजूद तहखाने के अंदर गर्भगृह होने का दावा पहले भी किया जा चुका है. श्री आदि महादेव काशी धाम वाले मुक्ति न्यास के प्रबंध ट्रस्टी डॉक्टर राम प्रसाद सिंह ने यह दावा पिछले दिनों भी किया था इसलिए तहखाना की जांच महत्वपूर्ण मानी जा रही है. आज होने वाली कार्रवाई में सर्वे की टीम उत्तरी तक आने पर पूरा फोकस करने वाली है. इसके अतिरिक्त कानपुर आईआईटी की टीम आज रडार सिस्टम को लेकर आगे की कार्रवाई आगे बढ़ाएगी. माना जा रहा है आज रडार लगाने के लिए अन्य जगहों का सर्वे करने के बाद कल से जीपीआर सिस्टम के जरिए जमीनों दीवारों के पीछे की हकीकत जानने की शुरुआत की जा सकती है.

फिलहाल उत्तरी तहखाने के खुलने के बाद इसके सर्वे से बहुत कुछ सामने आने की उम्मीद है. इसकी बड़ी वजह यह भी है कि इसी तहखाने में मौजूद दीवार को हटाने के लिए हिंदू पक्ष के द्वारा कोर्ट में एक एप्लीकेशन भी पहले दाखिल की गई है जिसमें इस दीवार को हटाकर जांच आगे करने और सत्यता सामने लाने की बात कही गई है जिस पर कोर्ट में सुनवाई जारी है.

वहीं, एएसआई सर्वे को दृष्टिगत रखते हुए प्रशासन नियमों के तहत भी कार्रवाई आगे बढ़ाएगा. लगातार मीडिया में गलत बयानबाजी की वजह से न्यायालय से फटकार लगने के बाद कमिश्नर कौशल अग्रवाल और पुलिस कमिश्नर अशोक मुथा जैन ने कल विश्वनाथ मंदिर परिसर में हिंदू व मुस्लिम दोनों पक्ष के साथ महत्वपूर्ण बैठक भी की है. इसमें दोनों अधिकारियों ने माहौल ना बिगड़े इसलिए अंदर की कोई भी जानकारी मीडिया तक न पहुंचने की बात कही है. अधिकारियों ने दोनों पक्षों को बाहर मौजूद रहने की हिदायत देते हुए कार्रवाई को निगरानी करने के लिए कहा है. अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया है की कार्रवाई में सिर्फ वकील ही अंदर जाएंगे, वादी पक्ष की महिलाएं और प्रतिवादी पक्ष के लोग वकीलों को छोड़कर परिसर के बाहर ही रहेंगे और मीडिया से बातचीत नहीं करेंगे.

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Last Updated : Aug 10, 2023, 6:25 PM IST
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