नई दिल्ली : पेंशन नियमों (pension rules) में बदलाव पर चिंता जताते हुए 109 पूर्व लोक सेवकों (former civil servants) के एक समूह ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा और कहा कि वे अंचभित होने के साथ ही काफी निराश हैं क्योंकि हालिया संशोधन 'चुप कराने का प्रयास प्रतीत होते हैं.'
संशोधित नियम के तहत, चुनिंदा खुफिया या सुरक्षा से संबंधित संगठनों में तैनात रहे सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों के लिए यह अनिवार्य किया गया है कि यदि वे कुछ प्रकाशित करना चाहते हैं तो इसके लिए उन्हें संगठन के प्रमुख से मंजूरी (permission) लेना अनिवार्य है.
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में पूर्व लोक सेवकों ने कहा कि सेवानिवृत्त नौकरशाहों द्वारा अपनी तैनाती के दौरान उनके द्वारा किए गए कार्यों के विभिन्न पहलुओं पर अपने संस्मरण या लेख लिखने अथवा अपने 'कार्यक्षेत्र' संबंधी ज्ञान का उपयोग करके समसामयिक मामलों पर टिप्पणी करने की प्रथा सार्वभौमिक है और पूरी दुनिया में इसकी प्रशंसा की जाती है.
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पत्र में कहा गया, 'कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय द्वारा 31 मई 2021 को अधिसूचित केंद्रीय पेंशन नियमों में हालिया संशोधन से हम हैरान और निराश हैं.'
(पीटीआई-भाषा)