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Uttarakhand: सुरकंडा देवी में देवघर जैसा हादसा होने से बचा, रोपवे ट्रॉलियों में लटके रहे 70 लोग - रोपवे ट्रॉलियों में लटके रहे 70 लोग

तकनीकी खामियों के चलते सुरकंडा देवी मंदिर रोपवे सेवा कुछ देर के लिए ठप हो गई. इस दौरान रोपवे ट्रॉलियों में करीब 70 लोग हवा में ही लटके रहे. ट्रॉली में सफर कर रहे टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय ने तुरंत घटना की जानकारी स्थानीय प्रशासन को दी.

सुरकंडा देवी में देवघर जैसा हादसा होने से बचा
सुरकंडा देवी में देवघर जैसा हादसा होने से बचा
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Published : Jul 10, 2022, 6:18 PM IST

टिहरी: तकनीकी खामियों के चलते सुरकंडा देवी मंदिर रोपवे सेवा कुछ देर के लिए अचानक ठप हो गई. इस दौरान रोपवे ट्रॉलियों में करीब 70 लोग हवा में ही लटके रहे. ट्रॉली में सफर कर रहे टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय ने तुरंत घटना की जानकारी स्थानीय प्रशासन को दी. जिसके बाद जिला प्रशासन हरकत में आया और टेक्निकल टीम को मौके पर भेजा. इस बीच काफी देर अफरा-तफरी का माहौल बना रहा. कुछ देर फंसे रहने के बाद रोपवे सेवा का संचालन फिर से शुरू हुआ.

बता दें कि टिहरी विधानसभा सीट से बीजेपी के विधायक किशोर उपाध्याय भी सुरकंडा देवी माता के दर्शन करने गए थे. इसी दौरान रोपवे में कुछ खामियां आने की वजह से ट्रॉलियां हवा में ही रूक गईं. जिससे यात्रियों में हड़कंप मच गया. टिहरी एसएसपी नवनीत भुल्लर ने पूरे मामले कहा कि सुरकंडा देवी मंदिर रोपवे ट्रॉली का संचालन तकनीकी खराबी के कारण 20 से 25 मिनट तक रुका रहा. सभी यात्री सुरक्षित बाहर आ गए हैं और रोपवे अब सुचारू रूप से चल रहा है. ट्रॉली में कोई यात्री नहीं फंसा है.

सुरकंडा देवी में देवघर जैसा हादसा होने से बचा.

गौर हो कि बीते एक मई को सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सिद्धपीठ मां सुरकंडा देवी मंदिर के लिए रोपवे सेवा की आधिकारिक रूप से शुरुआत की थी. हालांकि, रोपवे अप्रैल में शुरू हो गई थी. सुरकंडा देवी मंदिर जाने के लिए रोपवे करीब 5 करोड़ की लागत से तैयार किया गया है. जिसकी लंबाई 502 मीटर है.

पढ़ें: CM धामी ने किया सुरकंडा देवी मंदिर रोपवे का शुभारंभ, 2 घंटे की यात्रा 20 मिनट में सिमटी

संचालन शुरू होने के पहले दिन करीब 240 श्रद्धालुओं ने रोपवे से सफर कर मंदिर में दर्शन किए थे. 32 करोड़ रुपये की लागत से बनाए गए रोपवे में 16 डिब्बे लगाए गए हैं. एक डिब्बे में छह लोग सफर कर सकते हैं. टिहरी के कद्दूखाल क्षेत्र स्थित सिद्धपीठ मां सुरकंडा देवी के दर्शन को रोजाना बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं.

सुरकंडा देवी मंदिर समुद्र तल से 2,750 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. कद्दूखाल से मंदिर परिसर तक करीब डेढ़ किमी की खड़ी चढ़ाई है, जिसे चढ़ने में करीब डेढ़ से दो घंटे लग जाता था. परंतु अब रोपवे शुरू होने से यहां आने वाले श्रद्धालुओं को डेढ़ किलोमीटर खड़ी चढ़ाई नहीं चढ़नी होगी. इससे उन लोगों को बड़ी राहत मिलेगी, जो चलने में असमर्थ हैं. कद्दूखाल से सुरकंडा देवी मंदिर परिसर तक सुरकंडा रोपवे प्रोजेक्ट (Surkanda Ropeway Project) में 6 टावर के सहारे 16 ट्रॉलियों का संचालन हो रहा है. रोपवे से आने-जाने का किराया 177 रुपये रखा गया है.

टिहरी: तकनीकी खामियों के चलते सुरकंडा देवी मंदिर रोपवे सेवा कुछ देर के लिए अचानक ठप हो गई. इस दौरान रोपवे ट्रॉलियों में करीब 70 लोग हवा में ही लटके रहे. ट्रॉली में सफर कर रहे टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय ने तुरंत घटना की जानकारी स्थानीय प्रशासन को दी. जिसके बाद जिला प्रशासन हरकत में आया और टेक्निकल टीम को मौके पर भेजा. इस बीच काफी देर अफरा-तफरी का माहौल बना रहा. कुछ देर फंसे रहने के बाद रोपवे सेवा का संचालन फिर से शुरू हुआ.

बता दें कि टिहरी विधानसभा सीट से बीजेपी के विधायक किशोर उपाध्याय भी सुरकंडा देवी माता के दर्शन करने गए थे. इसी दौरान रोपवे में कुछ खामियां आने की वजह से ट्रॉलियां हवा में ही रूक गईं. जिससे यात्रियों में हड़कंप मच गया. टिहरी एसएसपी नवनीत भुल्लर ने पूरे मामले कहा कि सुरकंडा देवी मंदिर रोपवे ट्रॉली का संचालन तकनीकी खराबी के कारण 20 से 25 मिनट तक रुका रहा. सभी यात्री सुरक्षित बाहर आ गए हैं और रोपवे अब सुचारू रूप से चल रहा है. ट्रॉली में कोई यात्री नहीं फंसा है.

सुरकंडा देवी में देवघर जैसा हादसा होने से बचा.

गौर हो कि बीते एक मई को सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सिद्धपीठ मां सुरकंडा देवी मंदिर के लिए रोपवे सेवा की आधिकारिक रूप से शुरुआत की थी. हालांकि, रोपवे अप्रैल में शुरू हो गई थी. सुरकंडा देवी मंदिर जाने के लिए रोपवे करीब 5 करोड़ की लागत से तैयार किया गया है. जिसकी लंबाई 502 मीटर है.

पढ़ें: CM धामी ने किया सुरकंडा देवी मंदिर रोपवे का शुभारंभ, 2 घंटे की यात्रा 20 मिनट में सिमटी

संचालन शुरू होने के पहले दिन करीब 240 श्रद्धालुओं ने रोपवे से सफर कर मंदिर में दर्शन किए थे. 32 करोड़ रुपये की लागत से बनाए गए रोपवे में 16 डिब्बे लगाए गए हैं. एक डिब्बे में छह लोग सफर कर सकते हैं. टिहरी के कद्दूखाल क्षेत्र स्थित सिद्धपीठ मां सुरकंडा देवी के दर्शन को रोजाना बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं.

सुरकंडा देवी मंदिर समुद्र तल से 2,750 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. कद्दूखाल से मंदिर परिसर तक करीब डेढ़ किमी की खड़ी चढ़ाई है, जिसे चढ़ने में करीब डेढ़ से दो घंटे लग जाता था. परंतु अब रोपवे शुरू होने से यहां आने वाले श्रद्धालुओं को डेढ़ किलोमीटर खड़ी चढ़ाई नहीं चढ़नी होगी. इससे उन लोगों को बड़ी राहत मिलेगी, जो चलने में असमर्थ हैं. कद्दूखाल से सुरकंडा देवी मंदिर परिसर तक सुरकंडा रोपवे प्रोजेक्ट (Surkanda Ropeway Project) में 6 टावर के सहारे 16 ट्रॉलियों का संचालन हो रहा है. रोपवे से आने-जाने का किराया 177 रुपये रखा गया है.

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