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सूरत की हीरा कंपनी का कमाल, पहली बार तैयार किया 'ग्रीन डायमंड'

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Published : Apr 30, 2022, 6:57 PM IST

पहली बार सूरत स्थित हीरा कंपनी ने लैब में विकसित ग्रीन क्रॉस डायमंड बनाया है. यह हरा क्रॉस हीरा पहली बार सामने आया है. इसके निर्माण में 17 कैरेट के हीरे का उपयोग किया गया है. दुनिया में पहली बार ऐसा हीरा देखा गया और इसने दुनिया भर के बाजार में हलचल मचा दी है. आइए इस हीरे को बनाने की प्रक्रिया पर एक नजर डालते हैं.

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सूरत: ईसाई समुदाय के लिए क्रॉस आस्था की निशानी है. सूरत डायमंड कंपनी ने दुनिया का पहला 17 कैरेट का लैब निर्मित क्रॉस हीरा बनाया है. दुनियाभर के बाजार में यह आश्चर्य का विषय बन गया है. सूरत की कंपनी ने अनोखे पैटर्न के साथ प्रयोगशाला में तैयार किया गया हीरा बनाया है. यह पहली बार होगा जब दुनिया ने इसे देखा. इस लैब निर्मित डायमंड का आकर्षण का केंद्र 17 कैरेट सिंगल पीस क्रॉस, 14 कैरेट पन्ना, 12 कैरेट डॉल्फिन, 13 कैरेट तितली और 12 कैरेट मछली है.

अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ रही सिंथेटिक हीरे की मांग: लैब में तैयार किये गए हीरे, कच्चे हीरे की तुलना में 75 फीसदी सस्ते होते हैं. हर तरह से लैब ग्रो, सीवीडी या सिंथेटिक हीरा असली हीरे की तुलना में कम खर्चीला होता है और इसकी चमक भी उतनी ही होती है. बिना प्रमाण पत्र के न केवल आम जनता बल्कि हीरा व्यापारी भी असली हीरे और लैब में तैयार हीरे के बीच का अंतर नहीं बता पाएंगे. नतीजतन, सूरत के हीरा निर्माताओं ने सिंथेटिक हीरा क्षेत्र में प्रवेश किया है. हाल के कॉर्पोरेट घोटालों के परिणामस्वरूप इस विशेषता की मांग आसमान छू गई है. काफी समय से लेब्रोन हीरे का निर्यात 200 प्रतिशत तक बढ़ रहा है.

वैज्ञानिक मानकों के साथ: भंडारी समूह के प्रमुख घनश्याम भंडारी के अनुसार यह प्रयोगशाला में विकसित हीरा है. जिस खदान से हीरा निकाला गया था, उस खदान से मिले हीरे से भी उच्च श्रेणी के हीरे हैं. सभी वैज्ञानिक पैरामीटर समान हैं. प्रयोगशाला की ये तैयारियां इस मायने में अनूठी हैं कि ये पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाती हैं. जब प्राकृतिक हीरे निकालने की प्रक्रिया में पृथ्वी को नुकसान होता है. इसे हरा हीरा कहा जाता है.

यह भी पढ़ें- भारत का रत्न-आभूषण निर्यात सात महीनों में 100% से अधिक बढ़ा : पीयूष गोयल

विशेष मशीनरी और कारीगरों की सेवाओं का उपयोग: उन्होंने कहा कि उन्होंने जो क्रॉस बनाया है वह 17 कैरेट का है और यह दुनिया का पहला पूरी तरह से बिना कटा हुआ क्रॉस डायमंड है. जबकि उनके द्वारा बनाया गया पन्ना भी 16 कैरेट का है और यह भारत का पहला लैब विकसित हीरा है. इस प्रकार के डिजाइन को बनाने के लिए हम विशेष मशीनरी और शिल्पकारों का उपयोग करते हैं. यह क्रॉस लैब विकसित डायमंड विश्वव्यापी बाजार में ब्रांडिंग और विशिष्ट मांग को ध्यान में रखकर बनाया गया है.

सूरत: ईसाई समुदाय के लिए क्रॉस आस्था की निशानी है. सूरत डायमंड कंपनी ने दुनिया का पहला 17 कैरेट का लैब निर्मित क्रॉस हीरा बनाया है. दुनियाभर के बाजार में यह आश्चर्य का विषय बन गया है. सूरत की कंपनी ने अनोखे पैटर्न के साथ प्रयोगशाला में तैयार किया गया हीरा बनाया है. यह पहली बार होगा जब दुनिया ने इसे देखा. इस लैब निर्मित डायमंड का आकर्षण का केंद्र 17 कैरेट सिंगल पीस क्रॉस, 14 कैरेट पन्ना, 12 कैरेट डॉल्फिन, 13 कैरेट तितली और 12 कैरेट मछली है.

अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ रही सिंथेटिक हीरे की मांग: लैब में तैयार किये गए हीरे, कच्चे हीरे की तुलना में 75 फीसदी सस्ते होते हैं. हर तरह से लैब ग्रो, सीवीडी या सिंथेटिक हीरा असली हीरे की तुलना में कम खर्चीला होता है और इसकी चमक भी उतनी ही होती है. बिना प्रमाण पत्र के न केवल आम जनता बल्कि हीरा व्यापारी भी असली हीरे और लैब में तैयार हीरे के बीच का अंतर नहीं बता पाएंगे. नतीजतन, सूरत के हीरा निर्माताओं ने सिंथेटिक हीरा क्षेत्र में प्रवेश किया है. हाल के कॉर्पोरेट घोटालों के परिणामस्वरूप इस विशेषता की मांग आसमान छू गई है. काफी समय से लेब्रोन हीरे का निर्यात 200 प्रतिशत तक बढ़ रहा है.

वैज्ञानिक मानकों के साथ: भंडारी समूह के प्रमुख घनश्याम भंडारी के अनुसार यह प्रयोगशाला में विकसित हीरा है. जिस खदान से हीरा निकाला गया था, उस खदान से मिले हीरे से भी उच्च श्रेणी के हीरे हैं. सभी वैज्ञानिक पैरामीटर समान हैं. प्रयोगशाला की ये तैयारियां इस मायने में अनूठी हैं कि ये पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाती हैं. जब प्राकृतिक हीरे निकालने की प्रक्रिया में पृथ्वी को नुकसान होता है. इसे हरा हीरा कहा जाता है.

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विशेष मशीनरी और कारीगरों की सेवाओं का उपयोग: उन्होंने कहा कि उन्होंने जो क्रॉस बनाया है वह 17 कैरेट का है और यह दुनिया का पहला पूरी तरह से बिना कटा हुआ क्रॉस डायमंड है. जबकि उनके द्वारा बनाया गया पन्ना भी 16 कैरेट का है और यह भारत का पहला लैब विकसित हीरा है. इस प्रकार के डिजाइन को बनाने के लिए हम विशेष मशीनरी और शिल्पकारों का उपयोग करते हैं. यह क्रॉस लैब विकसित डायमंड विश्वव्यापी बाजार में ब्रांडिंग और विशिष्ट मांग को ध्यान में रखकर बनाया गया है.

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