सूरत: मोरबी ब्रिज टूट जाने की वजह से अपने माता-पिता को खोने वाले या निराश्रित किसी भी बच्चे की पूरी जिम्मेदारी यहां के एक बिजनेसमैन संभालेंगे. इस बारे में व्यवसायी वसंत गजेरा (Vasant Gajera) ने घोषणा करते हुए बताया कि झकझोर देने वाली इस हादसे में अपने अभिभावकों को खोने वाले बच्चों को वात्सल्य धाम में निशुल्क पढ़ाया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसकी जिम्मेदारी अपने सामाजिक संगठन को सौंपी है.
उन्होंने मोरबी में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि अनाथ हुए बच्चों की पूरी देखभाल की जाएगी. जब तक वे अपने पैरों पर नहीं खड़े हो जाते हैं हम उन्हें सहायता प्रदान करते रहेंगे. बता दें कि अनाथ या माता-पिता के बिना बच्चों को गजेरा के संगठन वात्सल्य धाम में एलकेजी से कॉलेज तक मुफ्त शिक्षा दी जाती है. वात्सल्य धाम अब तक 700 से अधिक छात्रों की मेजबानी कर चुका है.
बता दें कि वसंत गजेरा 25 मई 2005 से वात्सल्य धाम का प्रबंधन संभाल रहे हैं. वात्सल्यधाम ने बच्चों के विकास में एक विशेष सेवा प्रदान करने की जिम्मेदारी ली है. इसमें विशेषकर अनाथ बच्चों को ट्रेन स्टेशनों, बस स्टॉप और अन्य स्थानों से वात्स्याधाम में भेजा जाता है, जहां पर इन बच्चों को शिक्षित किया जाता है. एक दशकर से अधिक समय से संचालित इस संस्थान के कई बच्चे बेहतर जीवन बनाने में सफल रहे हैं. यहां पर बच्चों को जीवन बचाने के गुर सिखाए जाते हैं, यह समाज के अमूल्य उपहार है. गजेरा ने बताया कि यदि जरूर देखभाल नहीं किया जाता है तो गरीब और अनुभवहीन बच्चे अपराध करने लग जाते हैं.
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