नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को वह याचिका खारिज कर दी जिसमें चुनावों में ईवीएम के मतों की गिनती के साथ मतदाता पर्ची (वीवीपैट) के 100 प्रतिशत मिलान किए जाने का अनुरोध किया गया था. न्यायालय ने कहा कि वह चुनाव प्रक्रिया के बीच में हस्तक्षेप नहीं करेगा.
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमण्यन की पीठ ने कहा, 'हम चुनाव प्रक्रिया के बीच में हस्तक्षेप नहीं करने जा रहे हैं.' पश्चिम बंगाल सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया चल रही है और सभी स्थानों पर मतगणना दो मई को होनी है.
पीठ ने याचिकाकर्ता गोपाल सेठ की ओर से पेश वकील से सवाल किया कि क्या उन्होंने इस पर निर्वाचन आयोग को कोई ज्ञापन दिया है. वकील ने कहा, 'हां. उन्होंने (निर्वाचन आयोग ने) हमारे ज्ञापन की सराहना की थी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव लोगों का अधिकार है.
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उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता ने इस मुद्दे पर कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. वकील ने दलील दी कि उच्च न्यायालय ने कहा था कि सर्वोच्च अदालत ने इस पर पहले ही आदेश पारित किया था.
पीठ ने अपने आदेश में कहा, 'विशेष अनुमति याचिका खारिज की जाती है. इसके परिणामस्वरूप, लंबित आवेदनों, अगर कोई हैं, का भी निस्तारण किया जाता है.'
उच्चतम न्यायालय ने 2019 में कहा था कि वह मौजूदा चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता पर संदेह नहीं कर रहा है और हमें पूरा भरोसा है कि यह प्रणाली सटीक चुनावी परिणाम सुनिश्चित करती है.