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कोविड टीकाकरण : न्यायाधीश, न्यायिक कर्मचारियों को प्राथमिकता देने पर न्यायालय करेगा सुनवाई - टीकाकरण अभियान

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कोविड-19 वैक्सीनेशन के लिए प्राथमिकता श्रेणी में न्यायाधीशों, न्यायिक कर्मचारियों और वकीलों को शामिल करने की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति व्यक्त की है.

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Published : Feb 16, 2021, 4:26 PM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय कोविड-19 टीकाकरण अभियान में न्यायाधीश, न्यायिक कर्मचारियों को प्राथमिकता देने के अनुरोध वाली याचिका पर सुनवाई के लिए मंगलवार को सहमत हो गया.

प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति एसएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी. रामासुब्रमण्यम की पीठ ने वकील अरविंद सिंह द्वारा दायर याचिका को दो सप्ताह बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया.

याचिका में कहा गया था कि केंद्र ने न्यायपालिका, न्यायिक कर्मचारियों, वकीलों और उनके कर्मचारियों के सदस्यों के कोविड-19 टीकाकरण में प्राथमिकता वाली श्रेणी में शामिल करने के उनके अनुरोध पर विचार नहीं किया है.

वकील ऋषि सहगल द्वारा दायर याचिका में कहा गया, याचिका का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि न्यायाधीश, वकील, अदालत के कर्मचारी और वकीलों के कर्मचारी, जो न्यायिक प्रशासन के रूप में आवश्यक सेवाओं से एक हैं, उन्हें कोविड-19 टीकाकरण में प्राथमिकता वाली श्रेणी में शामिल किया जाए.

पढ़ें :- कोविड-19 वेरिएंट स्वास्थ्य प्रणालियों को प्रभावित कर सकता है : डब्ल्यूएचओ

उसने कहा, टीकाकरण के लिए उनके साथ अन्य आवश्यक सेवाओं के कर्मचारियों की तरह ही व्यवहार किया जाना चाहिए.

जनहित याचिका में कहा गया है कि केंद्र ने समूह की पहचान की है, जिन्हें पहले टीका लगाया जाएगा, लेकिन यह किसी भी निर्धारित मानदंड पर आधारित नहीं है और यह स्पष्ट रूप से मनमानी तथा बिना सोचे-समझे तैयार की गई है.

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय कोविड-19 टीकाकरण अभियान में न्यायाधीश, न्यायिक कर्मचारियों को प्राथमिकता देने के अनुरोध वाली याचिका पर सुनवाई के लिए मंगलवार को सहमत हो गया.

प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति एसएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी. रामासुब्रमण्यम की पीठ ने वकील अरविंद सिंह द्वारा दायर याचिका को दो सप्ताह बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया.

याचिका में कहा गया था कि केंद्र ने न्यायपालिका, न्यायिक कर्मचारियों, वकीलों और उनके कर्मचारियों के सदस्यों के कोविड-19 टीकाकरण में प्राथमिकता वाली श्रेणी में शामिल करने के उनके अनुरोध पर विचार नहीं किया है.

वकील ऋषि सहगल द्वारा दायर याचिका में कहा गया, याचिका का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि न्यायाधीश, वकील, अदालत के कर्मचारी और वकीलों के कर्मचारी, जो न्यायिक प्रशासन के रूप में आवश्यक सेवाओं से एक हैं, उन्हें कोविड-19 टीकाकरण में प्राथमिकता वाली श्रेणी में शामिल किया जाए.

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उसने कहा, टीकाकरण के लिए उनके साथ अन्य आवश्यक सेवाओं के कर्मचारियों की तरह ही व्यवहार किया जाना चाहिए.

जनहित याचिका में कहा गया है कि केंद्र ने समूह की पहचान की है, जिन्हें पहले टीका लगाया जाएगा, लेकिन यह किसी भी निर्धारित मानदंड पर आधारित नहीं है और यह स्पष्ट रूप से मनमानी तथा बिना सोचे-समझे तैयार की गई है.

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