नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) भारत में कुछ लोगों की जासूसी के लिए इजराइली स्पाईवेयर (israeli spyware pegasus) के कथित इस्तेमाल को लेकर दायर याचिकाओं पर अब शुक्रवार को सुनवाई करेगा. पहले कोर्ट बुधवार को सुनवाई करने वाला था. बता दें, न्यायालय ने केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल की उन दलीलों को स्वीकार किया कि वह अन्य अदालत में धन शोधन के एक मामले की जिरह में व्यस्त होंगे. उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट पर अपलोड सूची के अनुसार, प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ को पिछले साल 27 अक्टूबर के बाद पहली बार पेगासस मुद्दे ((Pegasus Case) पर याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई करनी थी. पिछले साल अक्टूबर में उसने जासूसी के आरोपों की जांच के लिए साइबर विशेषज्ञों की तीन सदस्यीय समिति गठित करने का आदेश दिया था.
पीठ में न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली शामिल हैं. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से अनुरोध किया कि याचिकाओं पर सुनवाई बुधवार के बजाय शुक्रवार (25 फरवरी) को की जाए क्योंकि वह एक अन्य पीठ के समक्ष जिरह करेंगे. उन्होंने कहा, पेगासस मामले आपके सामने आ रहे हैं...मैं पीएमएलए (धन शोधन रोकथाम कानून) के तीन मामलों में अदालत के समक्ष सुनवाई का हिस्सा हूं. मैं कल साढ़े 10 बजे से इन मामलों में व्यस्त रहूंगा...कृपया पेगासस मामले पर सुनवाई बुधवार के बजाय शुक्रवार को की जाए.
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इस पर सीजेआई ने कहा, ठीक है, आप कृपया दूसरे पक्ष को भी सूचित कर दीजिए. विधि अधिकारी ने कहा कि वह जनहित याचिकाएं दायर करने वाले दूसरे पक्ष के वकील को सूचित कर देंगे. वेबसाइट के अनुसार, एक विशेष पीठ ने 'एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया' और वरिष्ठ पत्रकार एन राम तथा शशि कुमार की याचिकाओं समेत 12 जनहित याचिकाओं को 23 फरवरी को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया था तथा इसमें उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट पर जिरह होने की संभावना है.