नई दिल्ली : इसी साल फरवरी में एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी के काफिले पर हमला किया गया था. हमला उत्तर प्रदेश के मेरठ के किठौड से लौटते समय छिजारसी टोल गेट पर हुआ था. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी, जिसमें कोर्ट ने आरोपी को जमानत प्रदान कर दी थी. कोर्ट ने आरोपी को एक सप्ताह के भीतर सरेंडर करने का आदेश दिया. कोर्ट ने यह भी कहा कि फ्रेश साक्ष्य को ध्यान में रखते हुए हाईकोर्ट जमानत की याचिका पर विचार कर सकता है.
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Supreme Court directs the accused to surrender before the jail authority within a week from today. Supreme Court asks Allahabad High Court to decide afresh the bail plea of the accused after taking into note the evidence.
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">Supreme Court directs the accused to surrender before the jail authority within a week from today. Supreme Court asks Allahabad High Court to decide afresh the bail plea of the accused after taking into note the evidence.
— ANI (@ANI) November 11, 2022Supreme Court directs the accused to surrender before the jail authority within a week from today. Supreme Court asks Allahabad High Court to decide afresh the bail plea of the accused after taking into note the evidence.
— ANI (@ANI) November 11, 2022
हमले के बाद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के सांसद इम्तियाज जलील ने अपनी पार्टी के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की कार पर उत्तर प्रदेश में गोलीबारी किए जाने का विषय लोकसभा में उठाया था. उन्होंने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी. जलील ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा था, 'ओवैसी साहब की कार पर गोलीबारी की गई. वह सुरक्षित हैं. हमारे राजनीतिक और वैचारिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन इस तरह की हरकत ठीक नहीं है, जो भी दोषी हैं उन पर कार्रवाई होनी चाहिए.'