नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) की ओर से दायर उस जनहित याचिका पर सुनवाई नवंबर तक के लिए टाल दी, जिसमें मतदाताओं द्वारा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के जरिये डाले गए वोटों का सत्यापन वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) से कराने का अनुरोध किया गया था. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने याचिका पर सुनवाई यह कहते हुए स्थगित कर दी कि मामले में कोई शीघ्रता नहीं है.
हालांकि, एनजीओ की तरफ से पेश वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि चूंकि चुनाव नजदीक आ रहे हैं, इसलिए इसकी तत्काल आवश्यकता है. इस पर पीठ ने कहा कि प्रशांत भूषण जी, यह मुद्दा कितनी बार उठाया जाएगा? हर छह महीने में यह मुद्दा नये सिरे से उठाया जाता है. इसमें कोई शीघ्रता नहीं है. इसे उचित समय पर आने दीजिए...
पीठ ने कहा कि प्रशांत भूषण ने अनुरोध किया है और उन्हें प्रत्युत्तर हलफनामा दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया जाता है. याचिका को नवंबर में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करें. शीर्ष अदालत ने 17 जुलाई को एनजीओ की याचिका पर भारत निर्वाचन आयोग से जवाब मांगा था.
याचिका में एनजीओ ने निर्वाचन आयोग और केंद्र सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश देने की मांग की है कि मतदाता वीवीपैट के माध्यम से यह सत्यापित कर सकें कि उनका वोट रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है.
(पीटीआई-भाषा)