ग्वालियर : प्राइवेट नर्सिंग एसोसिएशन ने 271 कॉलेजों की जांच के लिए आयोग का गठन किया था. जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने प्राइवेट नर्सिंग कॉलेज एसोसिएशन (Private Nursing College Association) की स्पेशल लीव पिटीशन (SLP) पर फैसला देते हुए उसका निराकरण कर दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले की जांच के लिए नई कमेटी बनाई जाए. कमेटी में ऐसे सदस्य होंगे जिनको मध्य प्रदेश नर्सिंग शिक्षण संस्थान मान्यता नियम 2018 के बारे में जानकारी हो और हाईकोर्ट द्वारा नए आयोग बनाए जाएंगे. (271 nursing colleges new committee made) उसके बाद सारे नर्सिंग कॉलेजों की जांच होगी. किस नर्सिंग कॉलेज में कितने बेड हैं, कितना स्टॉफ है और क्या क्या कमियां इस कॉलेज में उसकी जानकारी ली जाएगी.
एडवोकेट उमेश बोहरे ने याचिका दायर कर बताया की आधे से ज्यादा नर्सिंग कॉलेज सिर्फ कागजों और एक कमरे में चल रहे हैं. मुकम्मल व्यवस्थाएं भी यहां नहीं है जिससे छात्रों की पढ़ाई हो सके. साथ ही उन्होंने ग्वालियर, भिंड, मुरैना, शिवपुरी, श्योपुर, दतिया में नियम विरुद्ध तरीके से नर्सिंग कॉलेजों के संचालन का मुद्दा उठाया था और सभी कॉलेजों की जांच करने की मांग की थी.
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इस मामले में मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंलिंग भोपाल के निदेशक ने बताया कि इन 271 नर्सिंग कॉलेज में संचालन नियम अनुसार किया जा रहा है. इससे पहले भी इस मुद्दे पर हाईकोर्ट ने 25 अगस्त को इन कॉलेजों की जांच के लिए आयोग का गठन किया था. लेकिन इस आदेश के खिलाफ प्राइवेट नर्सिंग एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर दी, और उनका कहना था की जांच में जिन लोगों को शामिल किया गया है वह कॉलेजों की जानकारी नहीं रखते हैं. इसलिए फिर से सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाईकोर्ट को टीम गठित करने का आदेश दिया है.